Cesarean Delivery Muhurat: अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। देश के कोने-कोने से डॉक्टरों के पास इस दिवस पर एक अनोखी डिमांड आई है। 22 जनवरी को शुभ मानते हुए गर्भवती महिलाएं उसी दिन सिजेरियन डिलीवरी करवाना चाहती हैं। उनके मुताबिक यह दिन उनके बच्चे के लिए शुभ रहेगा। सीतापुर की रहने वाली सुनिता यादव की डिलीवरी के लिए डॉक्टर ने 24 या 25 की तारीख दी है, लेकिन उनका परिवार चाहता है कि सुनिता की डिलीवरी 22 जनवरी के दिन हो। यह पहला मौका नहीं है जब महिलाएं या परिजन सिजेरियन डिलीवरी को लेकर शुभ मुहूर्त ढूंढ रहे हैं। ऐसा कई बार देखा गया है कि घर में जब भी किसी महिला की डिलीवरी होती है, तो परिवार वाले चाहते हैं कि उनके घर में किसी शुभ दिन किलकारी गूंजे। अपने मन की इच्छा वह डॉक्टर के पास भी लेकर जाते हैं। लेकिन क्या शुभ मुहूर्त के इंतजार में डिलीवरी डेट को टालना या तय करना सही है? इसका जवाब आज हम एक्सपर्ट से जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
महिलाओं ने प्राण प्रतिष्ठा के दिन डिलीवरी की इच्छा जताई- Cesarean Delivery Muhurat in January 2024
डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि 22 जनवरी के दिन आयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। लोगों के लिए यह दिन शुभ है। लेकिन हमारे पास कई लोग यह अर्जी लेकर आए कि उनके मरीज की डिलीवरी 22 को ही होनी चाहिए। डॉ दीपा ने बताया कि डॉक्टर भी मरीज की मर्जी की कद्र करते हैं लेकिन सिजेरियन डिलीवरी की तारीख तय करना एक डॉक्टर या मरीज के हाथ में नहीं होता। मरीज की मेडिकल कंडीशन के मुताबिक यह तय किया जाता है कि डिलीवरी किस दिन होनी चाहिए। ऐसे में घर वालों को गर्भवती महिला पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने से उनका बीपी बढ़ जाता है। हाई बीपी की स्थिति में ऑपरेशन करना जानलेवा साबित हो सकता है इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
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शुभ मुहूर्त के अनुसार डिलीवरी करवाना सुरक्षित है?- Cesarean Delivery Muhurat is Safe or Not
डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि हम ज्यादातर मामलों में डिलीवरी की तारीख चुनने का हक नहीं देते। इससे डिलीवरी की प्रक्रियाओं में जोखिम हो सकता है। कुछ समुदायों में यह मान्यता है कि अगर डिलीवरी किसी शुभ दिन हो, तो बच्चा भाग्यशाली होता है या उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। किसी खास तारीख पर डिलीवरी करवाने से दर्द, जान का खतरा, डिलीवरी प्रक्रिया फेल होने का खतरा या आपातकालीन सिजेरियन ऑपरेशन की आशंका बढ़ जाती है इसलिए इससे बचना चाहिए। डॉ दीपा ने बताया कि डिलीवरी एक शारीरिक प्रक्रिया है। इसे समय से पहले या समय के बाद करने से शिशु और मां की जान को खतरा रहता है। ऑपरेशन के समय में कुछ घंटे का फेर-बदल किया जाता है वह भी किसी खास कारण के चलते लेकिन इसे बहुत देर तक टाला नहीं जा सकता।
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