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डि‍लीवरी के बाद मह‍िलाओं में क्यों बढ़ जाता है हृदय रोगों का जोखिम? डॉक्टर से जानें कारण

डि‍लीवरी के बाद मह‍िलाओं में कई शारीर‍िक समस्‍याएं होती हैं। आगे जानेंगे क‍ि आख‍िर ड‍िलीवरी के बाद हार्ट की बीमार‍ियों का खतरा क्‍यों बढ़ जाता है।
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डि‍लीवरी के बाद मह‍िलाओं में क्यों बढ़ जाता है हृदय रोगों का जोखिम? डॉक्टर से जानें कारण


Causes of Heart Diseases After Delivery: मह‍िलाओं के ल‍िए प्रेग्नेंसी एक मुश्‍क‍िल समय होता है। प्रेग्नेंसी के बाद मह‍िलाओं में कई तरह की शारीर‍िक समस्‍याएं देखने को म‍िलती हैं ज‍िसमें से एक है हार्ट की समस्‍याएं। मह‍िलाओं में डि‍लीवरी के बाद हार्ट की बीमार‍ियां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट स्‍ट्रोक, हार्ट फेल‍ियर आद‍ि देखने को म‍िलते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे- ज‍िन मह‍िलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद स्‍ट्रेस होता है या पोस्‍टपार्टम ड‍िप्रेशन की समस्‍या होती है, उनमें हाई बीपी की समस्‍या होती है ज‍िसके कारण हार्ट की बीमारी के लक्षण नजर आने लगते हैं। इसके अलावा खराब डाइट लेने से कोलेस्‍ट्रोल और बीपी बढ़ जाता है ज‍िससे हार्ट संबंध‍ित समस्‍याएं हो सकती हैं। फ‍िज‍िकल एक्‍ट‍िव‍िटी की कमी और स्‍मोक‍िंग की आदत के कारण भी हार्ट संबंध‍ित समस्‍याओं का खतरा ज्‍यादा होता है। इसके अलावा भी कई कारण हैं, जो ड‍िलीवरी के बाद हार्ट की बीमारी का कारण बन सकते हैं। इन कारणों को आगे व‍िस्‍तार से जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की। 

heart problems in pregnancy

1. जेस्‍टेशेनल डायब‍िटीज- Gestational Diabetes

प्रेग्नेंसी में मह‍िलाओं को जेस्‍टेशेनल डायब‍िटीज की समस्‍या हो जाती है। रक्‍त शर्करा बढ़ने के कारण मह‍िलाओं में आगे जाकर टाइप 2 डायब‍िटीज और हार्ट ड‍िजीज का खतरा रहता है। जेस्‍टेशेनल डायब‍िटीज से बचने के ल‍िए समय-समय पर ब्‍लड शुगर की जांच और डाइट में बदलाव करना जरूरी होता है।

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2. हार्मोनल बदलाव- Hormonal Change 

मह‍िलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव होता है। इस वजह से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की मात्रा भी बढ़ जाती है। हार्मोनल बदलाव के कारण बीपी बढ़ता है, कोलेस्‍ट्रोल लेवल पर भी बुरा असर होता है और हार्ट ड‍िजीज का खतरा होने लगता है। 

3. मोटापा- Obesity 

प्रेग्नेंसी के दौरान या प्रेग्नेंसी के बाद वजन बढ़ने के कारण हार्ट ड‍िजीज का खतरा बढ़ जाता है। ज‍िन मह‍िलाओं का वजन पहले से ही ज्‍यादा होता है, उन्‍हें हार्ट की बीमार‍ियों का जोख‍िम भी ज्‍यादा रहता है।

4. प्रीक्लेम्पसिया- Preeclampsia

प्रीक्लेम्पसिया तब होता है जब आप गर्भवती हों और आपका बीपी हाई हो। हाई बीपी के कारण आगे जाकर मह‍िलाओं को हार्ट ड‍िजीज का खतरा हो सकता है। प्रीक्लेम्पसिया के कारण क‍िडनी की समस्‍या भी हो सकती है और अन्‍य अंग भी डैमेज हो सकते हैं। 

5. पोस्‍टपार्टम कार्डियोमायोपैथी- Postpartum Cardiomyopathy

यह एक तरह की हार्ट फेल‍ियर स्‍थ‍ित‍ि है, जो प्रेग्नेंसी के आख‍िरी महीने या ड‍िलीवरी के बाद हो सकती है। हार्मोनल बदलाव या पोषक तत्‍वों की कमी के कारण यह समस्‍या होती है। इस वजह से भी हार्ट ड‍िजीज की समस्‍या हो सकती है।   

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