
Overdue Pregnancy: प्रेगनेंसी में कई तरह के जोखिम होते हैं जिनमें से एक है ओवरड्यू प्रेगनेंसी। ये वो स्थिति है जिसमें डिलीवरी की तय तारीख के बाद भी प्रसव नहीं होता है। ज्यादातर महिलाओं की डिलीवरी, ड्यू डेट पर या उसके एक हफ्ते बाद या पहले हो जाती है। आपको बता दें कि ओवरड्यू प्रेगनेंसी होना सामान्य नहीं है। डॉक्टर्स के मुताबिक जो महिलाएं पहली बार मां बन रही हैं, उनमें भी ओवरड्यू प्रेगनेंसी की स्थिति पैदा हो सकती है। इस लेख में हम जानेंगे ओवरड्यू प्रेगनेंसी के कारण और खतरों के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
ड्यू डेट के बाद भी डिलीवरी न होने के कारण- Overdue Pregnancy Causes
- अधिक उम्र में प्रेगनेंसी प्लान करना।
- वजन सामान्य से ज्यादा होना।
- गर्भस्थ शिशु का शरीर विकसित न हो पाना।
- पिछला ओवरड्यू प्रेगनेंसी का अनुभव।
- ड्यू डेट की गणना गलत होना।
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ओवरड्यू प्रेगनेंसी से बढ़ सकती हैं समस्याएं- Overdue Pregnancy Risks
- डिलीवरी की ड्यू डेट के बाद भी प्रसव न होने पर तकलीफ बढ़ सकती है। गर्भवती महिला को चलने या उठने में कठिनाई हो सकती है।
- इस दौरान पेट बढ़ा हुआ होने के कारण हर समय असहज महसूस होता है।
- ड्यू डेट के बाद भी अगर गर्भावस्था जारी रहती है, तो ये एक चिंताजनक स्थिति है। ऐसा होने पर गर्भस्थ शिशु की जान जोखिम में जा सकती है।
- अगर डिलीवरी के तारीख निकल गई है और डिलीवरी नहीं हुई है, तो शिशु को पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- इसके अलावा गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई भी नहीं मिल पाएगी।
- ये कहना गलत नहीं होगा कि डिलीवरी की तारीख के बाद भी शिशु गर्भ में ही है, तो वहां उसे स्वस्थ्य रहने के लिए अनुकूल वातावरण नहीं मिलेगा।
- जैसे-जैसे समय बढ़ता है, मृत शिशु के जन्म लेने की संभावना भी बढ़ने लगती है।
- 40 से 42 हफ्ते गुजर जाने के बाद मृत शिशु के जन्म लेने की संभावना ज्यादा होती है।
ओवरड्यू प्रेगनेंसी में डॉक्टर क्या करेंगे?
ओवरड्यू प्रेगनेंसी में डॉक्टर उम्र, वजन, प्रेगनेंसी के दौरान हुई समस्याओं के आधार पर प्रसव प्रेरित करने की स्थिति बनाते हैं। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के जरिए शिशु की हलचल पर नजर रखते हैं। जांच की मदद से उन्हें अंदाज लगता है कि किस समय प्रसव की उम्मीद ज्यादा हो सकती है। डॉक्टर ड्यू डेट के बाद योनि के अंदरूनी हिस्से की जांच करते हैं। इसके अलावा ग्रीवा और बीपी की जांच भी होती है। अगर सामान्य प्रसव करवाना संभव न हो, तो डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करवाते हैं।
ड्यू डेट के बाद भी डिलीवरी न होने पर आप क्या करें?
- तनाव न लें, इससे स्थिति बिगड़ सकती है। तनाव लेने से बीपी बढ़ सकता है।
- बीपी बढ़ने की स्थिति में डिलीवरी करवाना संभव नहीं होता है इसलिए मन को शांत रखें।
- आराम करें, हेल्दी डाइट लेती रहें और हल्का भोजन ही खाएं।
- ड्यू डेट के दौरान डॉक्टर महिला को अस्पताल में भर्ती रहने के लिए कह सकते हैं।
- दर्द या डिलीवरी होने के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें।
गर्भवती महिलाएं ओवरड्यू प्रेगनेंसी की स्थिति से बचने के लिए समय-समय पर जांच करवाएं और स्वस्थ्य जीवनशैली फॉलो करें। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।