Health Risk of Heatwave on Newborn Health: हाल ही में हमें जानकारी मिली कि हीटवेव के कारण कई हज यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कई शहरों से हीटवेव के कारण होने वाली मौत के आंकड़ें सामने आ रहे हैं। हीटवेव से जब हम बड़ों की जान जोखिम में पड़ जाती है, तो सोचिए इस गर्मी का क्या असर नवजात शिशुओं पर पड़ता होगा? नवजात शिशुओं का शरीर नाजुक होता है। अगर गर्मी में उनका ख्याल नहीं रखेंगे,तो वे लू या हीटवेव की चपेट में आ सकते हैं। हीटवेव के कारण शिशु गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हीटवेव के कारण नवजात शिशुओं को कौन सी समस्याएं हो सकती हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।
नवजात शिशुओं को होने वाली समस्याएं- Health Risk of Heatwave on Newborn Health
हीटवेव के कारण नवजात शिशुओं की तबीयत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है-
- गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। नवजात शिशुओं को भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
- ज्यादा गर्मी के कारण शिशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और हीट स्ट्रोक का खतरा हो सकता है, जो कि शिशु के लिए एक जानलेवा स्थिति भी बन सकती है।
- हीटवेव के कारण नवजात शिशुओं के फेफड़े प्रभावित होते हैं और सांस लेने में समस्या हो सकती है।
- गर्मी के कारण नवजात शिशुओं की त्वचा पर लाल चकत्ते और खुजली की समस्या हो सकती है।
- पसीने के कारण नवजात शिशु की त्वचा में रैशेज और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- ज्यादा तापमान नवजात शिशु की नींद को प्रभावित करता है, जिससे उसके विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।
- गर्मी के कारण बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जिससे नवजात शिशुओं में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियां होने लगती हैं।
नवजात शिशुओं को हीटवेव से कैसे बचाएं?- How to Prevent Heatwave in Newborn
- नवजात शिशुओं को समय-समय पर स्तनपान करवाने से डिहाइड्रेशन से बचाया जा सकता है। स्तनपान करवाने वाली मांओं को खानपान का ख्याल रखना चाहिए ताकि दूध की आपूर्ति पर्याप्त हो।
- नवजात शिशु को गर्मी में कॉटन फैब्रिक के कपड़े पहनाएं। इससे शिशु के शरीर को गर्मी से राहत मिलेगी।
- नवजात शिशु को गर्मी में बाहर लेकर न जाएं, शिशु के कमरे में भी धूप नहीं होनी चाहिए। इस तरह उसे हीटवेट से बचाया जा सकता है।
- शिशु के कमरे का तापमान नियमित रूप से चेक करें। तापमान को 24-26°C के बीच रखने की कोशिश करें।
- अगर शिशु में असामान्य लक्षण दिखाई दें, जैसे ज्यादा पसीना निकलना, सुस्ती, उल्टी, या तेज बुखार, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- घर में हरे पौधे रखें, जो हवा को ठंडा और शुद्ध बनाए रखते हैं।
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