What happens on frequent ultrasound during pregnancy: प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का एक बेहद खूबसूरत दौर होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान इस 9 महीने के सफर को महिलाएं काफी इंजॉय करती हैं और कई तरह की कठिनाइयों का भी सामना करती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण की सेहत का पता लगाने के लिए महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है। जोकि, प्रेग्नेंसी में बेहद जरूरी होता है। लेकिन, कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा अल्ट्रासाउंड कराती हैं। लेकिन, यह कितना सही होता है यह आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे।
प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड कराना आमतौर पर एक सुरक्षित प्रक्रिया मानी जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में अगर आप जरूरत से ज्यादा अल्ट्रासाउंड करा रही हैं तो इसके कुछ नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। इसलिए अगर आप गर्भवती महिला हैं तो हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही आपको अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। इस बारे में हमने ज्यादा जानकारी लेने के लिए Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। (Pregnancy me Baar Baar Ultrasound Karane se Kya Hota Hai) -
प्रेग्नेंसी में ज्यादा अल्ट्रासाउंड कराने से क्या होता है?
डॉक्टर के मुताबिक प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड कराने से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। कई बार भ्रूण की सेहत का हाल जानने के लिए डॉक्टर ज्यादा बार अल्ट्रासाउंड कराने की भी सलाह दे सकते हैं। कुछ मामलों में अर्ली प्रेग्नेंसी में भ्रूण के दिल की धड़कन कम (How much heart Beat of Fetus) होती है। दिल की धड़कन का पता लगाने के लिए कई बार हर 15 दिन में भी अल्ट्रासाउंड कराना पड़ सकता है। तो अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा अल्ट्रासाउंड कराती हैं तो भी इससे सेहत को कई गंभीर नुकसान नहीं होता है। लेकिन, आपको अल्ट्रासाउंड हमेशा तब कराना चाहिए जब आपके डॉक्टर आपको सलाह दें।
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क्या प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड कराना सुरक्षित होता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड कराना (Pregnancy me Ultrasound Kab Karana Chahiye) पूरी तरह से सुरक्षित होता है। अल्ट्रासाउंड करके डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि भ्रूण का विकास कितना हेल्दी हो रहा है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि भ्रूण के सभी अंगों का विकास सही तरीके से हो रहा है या नहीं।
अल्ट्रासाउंड एक सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें साउंड वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मां और भ्रूण की शरीर तक कोई रेडिएशन नहीं फैलती है, जिससे उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचे। हालांकि, अगर आपकी प्रेग्नेंसी हेल्दी है तो ऐसे में डॉक्टर आपको बार-बार अल्ट्रासाउंड नहीं कराते हैं।
क्या प्रेग्नेंसी में बार-बार अल्ट्रासाउंड कराने से भ्रूण पर असर पड़ता है?
National Institutes of Health (NIH) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी में बार-बार अल्ट्रासाउंड कराने से भ्रूण को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। अल्ट्रासाउंड कराने से आपके भ्रूण तक मशीन की रेडिएशन नहीं पहुंचती है, जिससे की भ्रूण की सेहत को किसी तरह का नुकसान हो। भ्रूण एंबलॉइकल कॉर्ड में पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। भ्रूण के विकास की निगरानी के लिए अल्ट्रासाउंड कराना काफी जरूरी होता है।
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प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड कराने से क्या पता लगता है?
प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड कराने से भ्रूण के विकास की गति, उसके अंगों का सही तरह से विकास हो रहा है या नहीं इस बात का पता आसानी से लग सकता है। यही नहीं, इसके साथ ही भ्रूण की उम्र के साथ-साथ उसके दिल की धड़कन के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।
इसके साथ ही अल्ट्रासाउंड कराने से प्लेसेंटा के बारे में भी पता लगाया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड के जरिए डॉक्टर भ्रूण में होने वाली अन्य जटिलताओं का भी पता लगा सकते हैं। आमतौर पर अगर आपकी प्रेग्नेंसी हेल्दी है तो ऐसे में डॉक्टर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान 2 से 3 बार तक ही अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे सकते हैं।
FAQ
गर्भवती महिला को कितनी बार अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए?
गर्भवती महिला की प्रेग्नेंसी अगर हेल्दी है तो ऐसे में आपको गर्भावस्था के दौरान 2 से 3 बार ही अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। लेकिन, किसी स्वास्थ्य समस्या में कई बार ज्यादा अल्ट्रासाउंड भी कराना पड़ सकता है।बार-बार अल्ट्रासाउंड कराने से क्या होता है?
बार-बार अल्ट्रासाउंड कराने से आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता है। दरअसल, अल्ट्रासाउंड कराने से भ्रूण तक किसी प्रकार की रेडिएशन नहीं पहुंचती है।क्या अल्ट्रासाउंड गर्भावस्था के लिए हानिकारक है?
अल्ट्रासाउंड मां और भ्रूण दोनों के लिए एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया मानी जाती है। इसे कराने से दोनों की ही सेहत को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।