प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या कॉमन है, यह बात हम सभी जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? इसका मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव को माना जाता है। लेकिन, जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी के दिन बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे गर्भाशय में शिशु का भार बढ़ता जाता है। गर्भ का वजन बढ़ने से शरीर के अन्य ऑर्गन पर दबाव बनने लगता है, जिससे सभी ऑर्गन की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसी वजह से महिलाओं को इम्यूनिटी वीक हो जाती है और पाचन क्षमता भी कमजोर हो जाती है। डाइजेशन कमजोर होने के कारण महिलाओं को पेट दर्द या अपच की दिक्कत हो सकती है। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डायरिया की शिकायत होने लगती है। यहां सवाल उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डायरिया कॉमन है और गर्भावस्था के तीसरे तिमाही के दौरान दस्त होने की क्या वजह हो सकती है? जानते हैं Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से।
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डायरिया होने के कारण- Pregnancy Me Dast Hone Ke Karan
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हार्मोनल बदलाव
हार्मोनल बदलाव के साथ-साथ महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, जैसे कब्ज, मूड स्विंग, उल्टी और मतली। शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को डायरिया की दिक्कत भी हो सकती है। असल में, जैसे-जैसे गर्भावस्था के दिन चढ़ते जाते हैं, महिलाओं की बॉडी प्रोस्टाग्लैंडीन रिलीज करती है। इसका मतलब है कि बॉडी प्रसव के लिए तैयार हो रही है। इस हार्मोन की वजह से सर्विक्स सॉफ्ट हो जाता है और शरीर कॉन्ट्रैक्शन के लिए तैयार होता है। यह हार्मोन पाचन क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिससे डायरिया होने का रिस्क भी बढ़ता है।
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डाइट में बदलाव
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को खाने में क्या अच्छा लगेगा और क्या नहीं, इस बारे में उन्हें खुद पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। कुछ महिलाओं को किसी एक सब्जी, आटा या फल की गंध से उल्टी आने लगती है, तो वहीं कुछ चीजें उन्हें बहुत ज्यादा पसंद आती है कि पूरी प्रेग्नेंसी वे उसे ही खाना पसंद करती हैं। बहरहाल, कई बार प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही तक डाइट में कई तरह के बदलाव होते हैं, मल्टीविटामिन युक्त डाइट होती है, जिससे डायरिया जैसी कंडीशन ट्रिगर हो सकती है।
फूड एलर्जी
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कई महिलाओं को फड इंटॉलरेंस हो जाता है, तो कुछ महिलाओं को किसी खाने की चीज से एलर्जी हो जाती है। इस तर की स्थिति भी प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डायरिया का कारण बनती है। इन दिनों महिलाओं को कैफीन युक्त चीजें या डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी होने लगती है। यहां तक कि कभी-कभी स्पाइसी फूड भी डायरिया का कारण बन सकते हैं। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अधिक स्पाइसी फूड खाती हैं, उन्हें सीने में जलन और अपच की दिक्कत भी होने का रिस्क रहता है।
संक्रमण
अगर प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को फूड प्वाइजनिंग या स्टमक फ्लू होता है, तब भी उन्हें डायरिया हो सकता है। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अच्छी चीजों को ही डाइट में शामिल करें। अगर आपको इन दिनों इंफेक्शन हो जाता है, तो इसका नेगेटिव असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। इसके अन्य लक्षणों के तौर पर आपको बुखार, कंपकंपी आदि भी देखने को मिलती है।
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प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डायरिया के लिए कब जाएं डॉक्टर के पास
वैसे तो यह कंडीशन अपने आप में गभीर है। डायरिया की वजह से शरीर से काफी पानी निकल जाता है। इसलिए, डायरिया होने पर आपको तुरंत एक्सपर्ट से मिलना चाहिए। इसके अलावा, यहां बताए गए बातों पर जरूर गौर करें-
- दो-तीन से अधिक डायरिया रहने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- डायरिया की वजह से उल्टी और बुखार तो, एक्सपर्ट से मिलने में देरी न करें।
- अगर डायरिया गंभीर रूप ले चुका है तो सकी अनदेखी न करें।
FAQ
क्या लूज मोशन डिलीवरी के लक्षण हैं?
वैसे तो लूज मोशन डाइजेशन से जुड़ी प्रॉब्लम है। अगर आपने दूषित चीजें खा ली हैं, तो इस तरह की परेशानी हो सकती है। लेकिन, कभी-कभी लूज मोशन को डिलवरी का संकेत भी माना जा सकता है। हालांकि, इसके साथ आपको तीव्र कमर दर्द का अहसास भी होगा।बार-बार दस्त लगने का क्या कारण है?
अगर आपको बार-बार दस्त लग रहे हैं, तो इसकी अनदेखी न करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज कराएं। इसके कारणों की बात करें, तो दूषित चीजें खाने, मेडिसिन का प्रभाव और हेल्थ कंडीशन इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।गर्भावस्था में पानी की कमी के क्या लक्षण हैं?
गर्भावस्था में पानी की कमी होने पर महिलाओं को चक्कर आना, सिरदर्द होना, होंठों का सूखना, कम पेशाब आना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।