
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में, जहां विज्ञापन, सोशल मीडिया और हर जगह स्नैक्स आसानी से मिल जाते हैं, कई लोग फूड नॉइज (Food Noise) नाम की समस्या से जूझ रहे हैं। ओजेम्पिक (Ozempic) जैसी दवाओं ने फूड नॉइज को लोकप्रिय बना दिया है। कई मरीज बताते हैं कि दवा लेने से पहले वे हर समय खाने के बारे में सोचते रहते थे, लेकिन इलाज के बाद यह समस्या काफी कम हो जाता है। हालांकि, फूड नॉइज सिर्फ दवा लेने वालों की समस्या नहीं है, यह आज के माहौल की वजह से लगभग सभी को प्रभावित करता है। इस लेख में जानेंगे फूड नॉइज क्या होता है और इसका इलाज क्या है? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr. Naveen Polavarapu, Senior Consultant, Medical Gastroenterologist, Liver Specialist, Lead Advanced Endoscopic Interventions & Training, Clinical Director,Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।
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फूड नॉइज क्या है?- What Is Food Noise

फूड नॉइज का मतलब है दिमाग में बार-बार खाने के बारे में सोचना यानी ऐसे ख्याल जो बिना भूख के भी खाने के लिए मजबूर करते हैं। कुछ लोग भूख के बगैर भी खाने के बारे में सोचते रहते हैं, बार-बार लंच टाइम चेक करते हैं या खाने का इंतजार करते हैं। ये सभी फूड नॉइज का शिकार हो सकते हैं।
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स्ट्रेस, बोरियत और इमोशनल ईटिंग से फूड नॉइज बढ़ती है
इसका कारण हमारे दिमाग का रिवॉर्ड सिस्टम है। मीठा या तला-भुना खाना देखने या सूंघने से दिमाग में डोपामिन रिलीज होता है, जिससे क्रेविंग बढ़ती है। जो सिस्टम पहले भूख से बचाने में मदद करता था, वही ज्यादा खाने और मोटापे की वजह बन सकता है। स्ट्रेस, बोरियत और इमोशनल ईटिंग, इस समस्या को और बढ़ा देते हैं।
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फूड नॉइज का इलाज क्या है?- How To Treat Food Noise
Dr. Naveen Polavarapu ने बताया कि कुछ मरीज बताते हैं कि वे पोषण के बजाय क्रेविंग के हिसाब से खाना चुनते हैं, जिससे मानसिक थकान होती है। इसे कंट्रोल करने के लिए सही सोच विकसित करना जरूरी है। फूड नॉइज टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को बढ़ा सकता है। फूड नॉइज को ऐसे कम करें-
- घर में जंक फूड कम रखें, तो आप क्रेविंग से बच सकते हैं।
- खाने से पहले भूख को 1 से 10 के स्केल पर आंकें। इससे आपको असली भूख समझ आएगी।
- माइंडफुल ईटिंग जैसे तरीके मददगार हो सकते हैं।
- वजन घटाने की दवाएं फूड नॉइज को शांत कर सकती हैं, लेकिन लंबे समय तक फायदा पाने के लिए लाइफस्टाइल बदलाव करने जरूरी हैं।
- न्यूट्रिशन काउंसलिंग, थेरेपी और सपोर्ट ग्रुप इसमें मदद कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
अगर खाने से जुड़े विचार आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहे हैं, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर है क्योंकि फूड नॉइज को कंट्रोल करना बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक बड़ा कदम है।
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Dec 18, 2025 19:04 IST
Published By : Yashaswi Mathur