
Binge Eating Disorder: अक्सर लोग यह कहते हैं कि जब उन्हें स्ट्रेस होता है, तो उन्हें खाने की बहुत ज्यादा तलब लगती है। कई बार लोग एक ही बार में इतना ज्यादा खा लेते हैं कि ओवर ईटिंग हो जाती है। लगातार बिना भूख खाने की इस आदत को बिंज ईंटिग डिसऑर्डर (binge eating disorder) कहा जाता है। आमतौर पर इस तरह की समस्या के बारे में विदेशों में ही सुनने को मिलता था, लेकिन अब भारत के शहरों में भी यह समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिल रही है। इस परेशानी से यूथ काफी प्रभावित हो रहा है। Binge Eating Disorder से कौन सी बीमारियां हो सकती है और इस आदत को कैसे मैनेज किया जाए, इसे जानने के लिए हमने दिल्ली के World Brain Center Hospital and Royal House of Psychiatry के फाउंडर और मनोचिकित्सक डॉ. निलेश तिवारी से बात की।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर क्या है?
इस बारे में डॉ. निलेश कहते हैं, “यह एक बिहेवियर डिसऑर्डर है, जिसमें इंसान को बार-बार खाने की आदत होती है और वह खुद को रोक नहीं पाता। इस वजह से वह जरूरत से ज्यादा खा लेता है और अगर यह आदत रोजाना की रुटीन में शामिल हो जाए, तो यह बीमारी का रूप ले सकती है। इसमें मरीज ज्यादा खा लेने के बाद शर्म या गिल्ट महसूस करता है। दरअसल, बार-बार खाने की आदत का कारण स्ट्रेस, डिप्रेशन या अपने इमोशन्स को दबाने के लिए खाना खाने लगते हैं। इससे कई तरह की बीमारियां होने का रिस्क हो सकता है।”

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बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
डॉ. निलेश कहते हैं कि हालांकि ज्यादा खाने से शरीर पर एकदम प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन लगातार बिंज ईटिंग से शरीर पर कई तरह की बीमारियां हो सकती है।
- मोटापा - लगातार खाने से वजन तेजी से बढ़ता है। आमतौर पर लोग इस दौरान जंक फूड खाते हैं, तो इससे जरूरत से ज्यादा फैट शरीर पर जमा होने लगता है।
- टाइप 2 डायबिटीज - बिंज ईटिंग से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जिससे डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है।
- हार्ट डिजीज - लगातार ओवर ईटिंग करने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल बढ़ने लगता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का रिस्क बढ़ सकता है।
- मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स - लोगों को लगता है कि खाने से डिप्रेशन या एंग्जाइटी कम हो जाएगी, लेकिन इसके उलट ये समस्याएं बढ़ सकती है। कुछ मामलों में तो सुसाइडल थॉट्स भी आ सकते हैं।
- स्लीप डिसऑर्डर - ओवरईटिंग करने से नींद की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है। अगर पेट जरूरत से ज्यादा भर जाता है, तो नींद ठीक से नहीं आती और थकान बनी रहती है।
- जोड़ों में दर्द - अगर वजन बढ़ता है, तो इसका असर जोड़ों पर भी पड़ता है। शरीर का वजन जोड़ों पर प्रेशर बढ़ा देता है, जिससे लोगों को जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है।
- डाइजेशन में दिक्कत - बहुत ज्यादा खाने से एसिडिटी, गैस, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का पता कैसे लगाएं?
डॉ. निलेश कहते हैं कि कई बार लोग इस डिसऑर्डर को समझ नहीं पाते कि वह इससे पीड़ित है। इसलिए binge eating disorder के लक्षणों को समझना जरूरी है।
- बार-बार बिना भूख के खाना
- खाना खाते वक्त कंट्रोल न रख पाना
- खाने के बाद गिल्ट महसूस होना
- छिपकर खाना या दूसरों से बचकर खाना
- स्ट्रेस होने पर खाना खाना
- हफ्ते में एक या ज्यादा बार बिंज ईटिंग करना
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Binge Eating Disorder को कैसे मैनेज करें?
इस बारे में डॉ. निलेश कहते हैं कि खाने की आदत को कंट्रोल करना काफी मुश्किल होता है, इसलिए अगर बिंज ईटिंग के लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। इससे जुड़ी कई दवाइयां और थेरेपियां होती हैं, लेकिन किसी भी दवाई को डॉक्टर की सलाह पर ही लें। इसके अलावा, इस डिसऑर्डर को मैनेज करने के लिए लाइस्टाइल में ये बदलाव करें।
- हमेशा खाने से पहले खुद से पूछें कि क्या सच में भूख लगी है?
- हमेशा 80 फीसदी पेट भरने के बाद खाना न खाएं।
- अगर आप स्ट्रेस में खाना खा रहे है, तो अपना ध्यान भटकाने के लिए कुछ और काम करें।
- एक डायरी बनाएं, जिसमें क्या खाया, कब खाया और क्यों खाया, जैसी चीजों को लिखें।
- अगर किसी जंक फूड को खाने का बहुत मन करता है, तो उसे घर में या अपने आसपास न रखें।
- खाने का समय फिक्स करें और सिर्फ उसी समय खाएं।
- डाइट में पौष्टिक चीजें शामिल करें।
- अगर डॉक्टर ने दवाई दी है, तो उसे रेगुलर लें।
- डाइटिशियन से अपना हेल्दी ईटिंग प्लान बनवा सकते हैं।
- अपने मनपसंद काम जैसेकि डांस, गाना या ड्रॉइंग की क्लास जॉइन कर सकते हैं। इससे स्ट्रेस मैनेज करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर को अक्सर लोग सिर्फ खाने से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह मेंटल हेल्थ कंडीशन है। इसके बारे में पता चलने पर तुरंत डॉक्टर या एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें। कई लोग सामाजिक शर्म के कारण डॉक्टर से मिलने में परहेज करते हैं, लेकिन इस डिसऑर्डर के कारण मेंटल ही नहीं शरीर में भी कई तरह की बीमारियां लग सकती है। इसलिए समस्या का पता चलने पर डॉक्टर से मिलें। साथ ही रोजाना माइंडफुल ईटिंग करके इसे मैनेज किया जा सकता है।
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Nov 10, 2025 19:23 IST
Modified By : Aneesh RawatNov 10, 2025 19:23 IST
Published By : Aneesh Rawat