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क्या ग्रीन टी पीने से माइग्रेन के दौरे कम होते हैं? जानें एक्सपर्ट की राय

ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य जरूरी तत्व सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। यहां जानिए, क्या ग्रीन टी माइग्रेन को कम करती है?
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क्या ग्रीन टी पीने से माइग्रेन के दौरे कम होते हैं? जानें एक्सपर्ट की राय


माइग्रेन सिर्फ एक साधारण सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह एक क्रॉनिक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जो लाखों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है। इसमें बार-बार तेज सिरदर्द, रोशनी और आवाज से संवेदनशीलता, उल्टी और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल बदलाव, मौसम और खानपान इसके प्रमुख ट्रिगर्स माने जाते हैं। ऐसे में लोग माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए कई घरेलू तरीके भी आजमाते हैं, कई लोगों को लगता है कि ग्रीन टी पीने से भी उन्हें राहत मिलती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में ग्रीन टी माइग्रेन को कम करती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने जयपुर में स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से बात की-

क्या ग्रीन टी माइग्रेन को कम करती है? - Can Green Tea Reduce Migraine Frequency

डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन बताती हैं कि ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले न्यूरोलॉजिकल और हार्मोनल कारकों को कुछ हद तक कंट्रोल करने में सहायक हो सकते हैं। ग्रीन टी में फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) और L-theanine नामक अमीनो एसिड होता है। ये सभी तत्व तनाव को कम करने, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने और मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स के संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें कैफीन की थोड़ी मात्रा भी होती है जो कुछ मामलों में माइग्रेन से राहत प्रदान कर सकती है। हालांकि, ज्यादा कैफीन माइग्रेन को ट्रिगर भी कर सकता है।

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क्या ग्रीन टी सभी के लिए सुरक्षित है? - Is Green Tea Safe for Everyone

ग्रीन टी एक नेचुरल ड्रिंक है और अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोगों में यह पेट की गड़बड़ी, अनिद्रा या दिल की धड़कन तेज करने जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकती है, खासकर अगर इसे खाली पेट पिया जाए या बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाए। माइग्रेन पीड़ितों को सलाह दी जाती है कि वे ग्रीन टी का सेवन सीमित मात्रा में करें और पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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एक्सपर्ट की सलाह

डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन कहती हैं, ''ग्रीन टी माइग्रेन का एक स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन यह एक सहायक माध्यम हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से इसका सीमित सेवन करता है, तो इसके पॉजिटिव प्रभाव देखे जा सकते हैं।'' ग्रीन टी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण माइग्रेन के दौरान होने वाली सूजन को कम कर सकते हैं।

निष्कर्ष

माइग्रेन एक गंभीर समस्या है और इसमें लोगों को सिर में तेज दर्द होता है। ग्रीन टी माइग्रेन की आवृत्ति को कम करने में मददगार हो सकती है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि केवल ग्रीन टी पर निर्भर रहना उचित नहीं है। सही लाइफस्टाइल, तनाव मैनेजमेंट और डॉक्टर की सलाह के साथ इसका सेवन ज्यादा लाभकारी हो सकता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • माइग्रेन के मरीज को दिन में कितनी ग्रीन टी पीनी चाहिए?

    रोजाना 1-2 कप ग्रीन टी पर्याप्त मानी जाती है। लेकिन इसे खाली पेट या रात देर से नहीं पीना चाहिए, वरना गैस्ट्रिक समस्या और नींद पर असर हो सकता है।
  • क्या ग्रीन टी सभी माइग्रेन मरीजों पर असर करती है?

    नहीं, हर व्यक्ति पर इसका असर अलग होता है। कुछ लोगों में माइग्रेन अटैक कम हो सकते हैं, जबकि कुछ में इसका असर नहीं होता है।
  • क्या ग्रीन टी पीने से कोई साइड इफेक्ट हो सकता है?

    ज्यादा मात्रा में ग्रीन टी पीने से एसिडिटी, नींद की गड़बड़ी और लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

 

 

 

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