हर किसी की बॉडी अलग तरह से काम करती है। कोई बिना ज्यादा मेहनत किए स्लिम बना रहता है, तो किसी को थोड़ी सी चूक पर भी वजन बढ़ने लगता है। इसका कारण होता है मेटाबॉलिज्म, यानी हमारे शरीर की कैलोरीज बर्न करने और एनर्जी बनाने की क्षमता। लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि तेज मेटाबॉलिज्म न सिर्फ वजन कंट्रोल करता है, बल्कि शरीर को एक्टिव और डाइजेशन को बेहतर बनाए रखता है। भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, अनहेल्दी डाइट और नींद की कमी मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती है। ऐसे में नेचुरल सप्लीमेंट्स एक बेहतर सहारा बन सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि हर सप्लीमेंट केवल वेट लॉस के लिए हो, कुछ मेटाबॉलिज्म को बैलेंस करके पूरे शरीर के कामकाज को सुधारते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब आप सही न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज के साथ कुछ असरदार सप्लीमेंट्स को रूटीन में शामिल करते हैं, तो मेटाबॉलिज्म बेहतर तरीके से काम करने लगता है। इस लेख में हम ऐसे 5 प्रमुख सप्लीमेंट्स के बारे में जानेंगे जिन्हें हेल्थ एक्सपर्ट्स मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए कारगर मानते हैं।
1. ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट- Omega-3 Fatty Acids Supplement
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, शरीर में सूजन को कम करने और हार्मोन्स के असंतुलन को सुधारने में मदद करता है। यह फैट स्टोरेज को कंट्रोल करता है और मेटाबॉलिज्म को एक्टिव बनाए रखता है। मछली का तेल इसका प्रमुख स्रोत है, लेकिन शाकाहारियों के लिए अलसी या चिया सीड्स से बने सप्लीमेंट्स भी लाभकारी हैं। यह हृदय और दिमाग के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
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2. विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट- Vitamin B Complex Supplement
बी ग्रुप के विटामिन्स जैसे बी1, बी2, बी6 और बी12 शरीर में मेटाबॉलिज्म से जुड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। ये विटामिन्स कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन को एनर्जी में बदलने में मदद करते हैं। विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स की कमी से थकान, लो एनर्जी और स्लो मेटाबॉलिज्म जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह सप्लीमेंट खासकर उन लोगों के लिए जरूरी है जिनकी डाइट में इन विटामिन्स की कमी होती है।
3. मैग्नीशियम सप्लीमेंट- Magnesium Supplement
मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में खिंचाव, नींद की कमी, स्ट्रेस और ब्लड शुगर का असंतुलन हो सकता है, जो मेटाबॉलिज्म को नेगेटिव तरीके से प्रभावित करते हैं। मैग्नीशियम इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है और फैट को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। इसके स्रोतों में कद्दू के बीज, नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हैं। अगर आप बहुत तनाव में रहते हैं या आपकी नींद खराब होती है, तो मैग्नीशियम सप्लीमेंट आपकी बॉडी को रिलैक्स करने और मेटाबॉलिज्म को दोबारा बैलेंस करने में मदद कर सकता है।
4. विटामिन डी सप्लीमेंट- Vitamin D Supplement
विटामिन-डी को अक्सर हड्डियों की सेहत से जोड़ा जाता है, लेकिन इसका सीधा संबंध मेटाबॉलिज्म से भी है। जब शरीर में विटामिन-डी की कमी होती है, तो इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकती है, जिससे फैट स्टोरेज ज्यादा होता है और मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। जिन लोगों का वजन जल्दी नहीं घटता, थकान रहती है या हड्डियां कमजोर महसूस होती हैं, उनके लिए विटामिन - डी एक जरूरी न्यूट्रिएंट है। इसे सुबह के समय खाना खाने के साथ लेना फायदेमंद होता है, ताकि यह बेहतर ढंग से शरीर में एब्सॉर्ब हो जाए।
5. आयरन सप्लीमेंट- Iron Supplement
आयरन शरीर में ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है। जब आयरन की कमी होती है तो थकान, कमजोरी और सुस्ती महसूस होती है। ये सभी संकेत धीमे मेटाबॉलिज्म के होते हैं। आयरन मेटाबॉलिज्म को इस तरह प्रभावित करता है कि यह कोशिकाओं को सही से ऊर्जा बनाने में मदद करता है। हरी सब्जियां, अनार, गुड़, बीन्स और रेड मीट इसके प्राकृतिक स्रोत हैं, लेकिन अगर डाइट से पूरा न हो, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना बेहतर होता है। यह सप्लीमेंट विटामिन-सी के साथ लिया जाए, तो शरीर इसे ज्यादा बेहतर तरीके से एब्सॉर्ब कर पाता है।
तेज मेटाबॉलिज्म सिर्फ वजन घटाने के लिए नहीं, बल्कि शरीर के पूरे सिस्टम को एक्टिव रखने के लिए भी जरूरी है। सही समय, सही डोज और संतुलित जीवनशैली के साथ ये सप्लीमेंट्स आपके मेटाबॉलिज्म को हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
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FAQ
कौन से सप्लीमेंट मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं?
विटामिन-डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन और मैग्नीशियम जैसे सप्लीमेंट मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करते हैं।मेटाबॉलिज्म स्पीड कैसे बढ़ाएं?
संतुलित डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज़, पर्याप्त नींद, हाई प्रोटीन फूड और सही सप्लीमेंट्स का सेवन मेटाबॉलिज्म की गति को बढ़ाने में मदद करता है।मेटाबॉलिज्म धीमा होने से क्या होता है?
मेटाबॉलिज्म धीमा होने पर वजन बढ़ता है, थकान, कब्ज, ठंड लगना और एनर्जी की कमी जैसे लक्षण दिखाता है। इससे शरीर कम कैलोरीज बर्न कर पाता है।