
आयुर्वेद में महिलाओं की सेहत का ख्याल रखने के लिए कई जड़ी-बूटियों का वर्णन मिलता है, लेकिन अश्वगंधा और शतावरी दोनों ही नाम सबसे ज्यादा सुने जाते हैं। आजकल हर जगह इन दोनों हर्ब्स को लेकर अलग-अलग दावा सुनने को मिलते हैं, कोई कहता है शतावरी महिलाओं के हार्मोन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन है, तो कोई बताता है कि अश्वगंधा मानसिक थकान और तनाव दूर करने में काम करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर महिलाओं के लिए कौन सी हर्ब ज्यादा फायदेमंद है और किसे कब लेना चाहिए। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, महिलाओं के लिए अश्वगंधा या शतावरी क्या बेहतर है?
महिलाओं के लिए अश्वगंधा या शतावरी कौन बेहतर - Ashwagandha Vs Shatavari For Women’s Health
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि शतावरी को शीतवीर्य बताया गया है यानी इसकी तासीर ठंडी होती है। इसके अलावा इसमें गुरु गुण होते हैं, यानी यह शरीर पर भारी प्रभाव डालती है। शतावरी महिलाओं के लिए एक बेहतरीन यूट्राइन टॉनिक की तरह काम करती है। यह न केवल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन (गर्भाशय, ओवरी, यूट्रस) को मजबूती देती है बल्कि मसल्स को भी ताकत देती है।
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आयुर्वेदिक ग्रंथों में कहा गया है कि शतावरी का सेवन महिलाओं के हार्मोनल बैलेंस को सुधारता है, मासिक धर्म को नियमित करता है और प्रजनन क्षमता (fertility) को बढ़ाता है। यही कारण है कि शतावरी को अक्सर गर्भधारण की तैयारी करने वाली या रजोनिवृत्ति (menopause) वाली महिलाओं को दिया जाता है।
अश्वगंधा - Ashwagandha
वहीं अश्वगंधा को आयुर्वेद में लघु (हल्की) और रूक्ष्य (सूखी) माना गया है, यानी यह शरीर में स्फूर्ति लाती है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, ''अश्वगंधा एक जनरल रसायन है लेकिन यह विशेष रूप से नर्वाइन टॉनिक की तरह काम करती है।'' यह मांसपेशियों को गेन करने की बजाय तनाव, चिंता और थकान को दूर करने में मदद करती है। अश्वगंधा उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो बहुत ज्यादा मानसिक तनाव, थकान, नींद की कमी या हार्मोनल असंतुलन झेल रही हैं। यह शरीर को अंदर से एनर्जी देती है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है।
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डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि कुछ मामलों में अश्वगंधा और शतावरी का संयोजन (कॉम्बिनेशन) भी दिया जाता है, खासकर तब जब महिला को मानसिक तनाव और शारीरिक कमजोरी दोनों हों। दोनों का एक साथ सेवन हार्मोनल और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाता है। हालांकि, यह संयोजन तभी लेना चाहिए जब आयुर्वेदिक डॉक्टर इसे आपकी प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार सलाह दें।
सावधानी और सेवन का सही तरीका
- शतावरी का सेवन सामान्यतौर पर चूर्ण या घृत (घी मिश्रण) के रूप में किया जाता है।
- अश्वगंधा पाउडर, टैबलेट या दूध के साथ लेने पर अधिक असरदार होती है।
- दोनों ही हर्ब्स का सेवन खाली पेट या सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ किया जा सकता है।
- प्रेग्नेंट या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी हर्ब का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
अश्वगंधा और शतावरी दोनों ही महिलाओं के लिए वरदान समान आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं, लेकिन दोनों का काम अलग है। शतावरी जहां महिला हार्मोन और प्रजनन तंत्र को संतुलित करती है, वहीं अश्वगंधा मानसिक और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाती है। इसलिए किसी भी हर्ब को चुनने से पहले अपनी शरीर की प्रकृति, लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य स्थिति को समझना जरूरी है।
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FAQ
कौन सी हर्ब महिलाओं के हार्मोनल बैलेंस के लिए बेहतर है?
हार्मोनल संतुलन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए शतावरी सबसे प्रभावी मानी जाती है।कौन सी हर्ब मानसिक तनाव दूर करने में मदद करती है?
अश्वगंधा महिलाओं में तनाव, चिंता और थकान दूर करने के लिए आदर्श हर्ब है।क्या अश्वगंधा को किसी भी महिला द्वारा लिया जा सकता है?
अश्वगंधा हल्की और सुरक्षित हर्ब है, इसे लगभग किसी भी महिला द्वारा लिया जा सकता है।
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Current Version
Oct 13, 2025 13:32 IST
Published By : Akanksha Tiwari