आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जिन्हें प्राचीन काल से ही जीवनशक्ति बढ़ाने वाली औषधि माना जाता रहा है। इन्हीं में एक नाम है- शतावरी। शतावरी शब्द संस्कृत के दो शब्दों के संयोग से बना है- शत और वरी। 'शत' का अर्थ है सौ और 'वरी' का अर्थ होता है वरण करने वाली। इसलिए शतावरी का एक अर्थ यह माना जा सकता है कि ऐसी औषधि जो 100 गुणों का वरण करने वाली हो। शतावरी एक बेलनुमा औषधीय पौधा होता है, जिसकी जड़ सुखाकर और पीसकर उसका चूर्ण तैयार किया जाता है। शतावरी चूर्ण आज के समय में सिर्फ आयुर्वेदिक दुकानों तक सीमित नहीं है, बल्कि अब ये कई लोगों की हेल्थ रूटीन का अहम हिस्सा बन चुका है। वैसे तो शतावरी को महिलाओं के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद माना जाता है, मगर यह पुरुषों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। आइए जानते हैं कि शतावरी चूर्ण से खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
महिलाओं के हार्मोन संतुलन में मददगार
अपने खास गुणों के कारण शतावरी को आयुर्वेद में ‘महिलाओं का टॉनिक’ कहा गया है। यह महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है। पीरियड्स की अनियमितता, दर्द, कमजोरी और मूड स्विंग जैसी समस्याओं में यह बहुत असरदार साबित होता है। इसके सेवन से मासिक धर्म नियमित होता है और प्रजनन क्षमता भी बेहतर होती है।
प्रेग्नेंसी और स्तनपान में लाभकारी
गर्भवती महिलाओं को शतावरी चूर्ण का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह गर्भ को पोषण देने और शारीरिक कमजोरी दूर करने का काम करता है। वहीं, डिलीवरी के बाद यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है। इसमें गैलेक्टॉगॉग गुण होते हैं, जो ब्रेस्ट मिल्क को नैचुरली बढ़ाते हैं।
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तनाव और नींद से जुड़ी समस्याओं में राहत
शतावरी को एक एडेप्टोजेनिक हर्ब भी माना जाता है, यानी यह शरीर को स्ट्रेस के प्रति अधिक सहनशील बनाती है। इसका सेवन मानसिक थकावट, एंग्जायटी और अनिद्रा जैसी समस्याओं में राहत देता है। अगर आपको रात में नींद नहीं आती, या दिनभर थकान बनी रहती है, तो शतावरी चूर्ण एक नेचुरल सॉल्यूशन हो सकता है।
पाचन तंत्र को बनाता है मजबूत
शतावरी में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करते हैं। यह पेट की जलन, एसिडिटी, कब्ज और भूख न लगने की समस्या में फायदेमंद है। खासकर अगर इसे गुनगुने दूध या घी के साथ लिया जाए, तो यह पेट की गर्मी को शांत करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
शरीर को देता है ताकत और ऊर्जा
शतावरी एक नेचुरल टॉनिक की तरह काम करता है। इसके सेवन से शरीर में स्फूर्ति आती है, थकान दूर होती है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जिन्हें जल्दी थकान महसूस होती है या जो लोग कमजोरी से जूझ रहे हैं।
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यूरिन से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी
बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) जैसी परेशानियों में शतावरी बेहद लाभकारी है। यह मूत्र नली को ठंडक देने और सूजन कम करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से यूरिन संबंधी समस्याएं काफी हद तक नियंत्रित की जा सकती हैं।
पुरुषों के लिए भी फायदेमंद
शतावरी पुरुषों के लिए भी उतना ही फायदेमंद हो सकता है, जितना महिलाओं के लिए। यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता सुधारता है, वीर्य की मात्रा बढ़ाता है और यौन शक्ति को बढ़ाने में भी सहायक है। यह पुरुषों के लिए एक संपूर्ण टॉनिक की तरह काम करता है।
ध्यान रखें बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया या पेट दर्द हो सकता है। हार्मोन से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी हो तो इस चूर्ण को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उचित मात्रा और सही मार्गदर्शन में ही यह चूर्ण लेना चाहिए। पतंजलि के आयुर्वेदिक स्टोर्स पर, ऑनलाइन शॉपिंग मार्ट्स पर और दवाओं की दुकानों पर आपको पतंजलि का शतावरी चूर्ण आसानी से मिल जाएगा। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए या ऊपर बताई गई किसी परेशानी में आप अपने चिकित्सक की सलाह लेकर इसका सेवन शुरू कर सकते हैं।