कई बार ऐसा होता है कि शरीर में थकान हावी रहती है, छोटी-छोटी चीजें भी भारी लगने लगती हैं, और एनर्जी जैसे गुम हो जाती है। कुछ लोग इसे उम्र का असर मान लेते हैं, तो कुछ स्ट्रेस या काम की वजह से अनदेखा कर देते हैं। इसे लगातार नजरअंदाज करने से आपकी शारीरिक और मानसिक क्षमताएं कमजोर हो जाती हैं, जिसका असर आपके काम के साथ-साथ रिश्ते पर भी पड़ना शुरू हो जाता है। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जो आपकी इन समस्याओं को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद कर सकती हैं। इन्हीं में से एक जड़ी-बूटी है- सफेद मूसली। आयुर्वेद में सफेद मूसली को 'रसायन' के रूप में जाना जाता है, यानी यह शरीर को भीतर से स्वस्थ रखने और जवान बनाए रखने में मदद कर सकता है। यह एक ऐसी जड़ है, जिसे सुखाकर चूर्ण के रूप में सेवन किया जाता है। इसका नाम सुनते ही यह ज्यादातर लोगों को पुरुषों के यौन स्वास्थ्य से जुड़ी औषधि मालूम होती है, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके फायदे इससे कहीं ज्यादा हैं। आइए जानते हैं अगर आप रोज सफेद मूसली चूर्ण का सेवन करें, तो आपको क्या लाभ मिल सकते हैं।
कमजोरी और थकान से राहत
अगर आपको लगता है कि आप पहले जैसे एक्टिव नहीं रहे, शरीर जल्दी थकने लगा है या स्टैमिना में गिरावट आई है, तो सफेद मूसली चूर्ण इन समस्याओं से उबरने में आपकी मदद कर सकता है। यह एक तरह का प्राकृतिक टॉनिक है, जो मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करता है और शरीर को फिर से एक्टिव बनाता है। खासकर शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों, जिम जाने वालों या लंबी बीमारी से उबर रहे मरीजों के लिए यह फायदेमंद माना जाता है।
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यौन कमजोरी में असरदार
इन दिनों सफेद मूसली पुरुषों की यौन संबंधी समस्याएं ठीक करने वाले हर्ब के रूप में ज्यादा चर्चित है। आयुर्वेद में इसे एक शक्तिवर्धक औषधि माना गया है, जो पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने, शुक्राणुओं की गुणवत्ता सुधारने और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्याओं में उपयोगी मानी जाती है। नियमित सेवन से यह टेस्टोस्टेरोन लेवल को संतुलित करने में भी मदद कर सकती है।
महिलाओं के लिए भी फायदेमंद
यह केवल पुरुषों की औषधि नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए भी सफेद मूसली कई तरह से मददगार हो सकती है, जैसे- हार्मोनल बैलेंस बनाए रखना, पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं में राहत और फर्टिलिटी में सुधार। जो महिलाएं मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं, उनके लिए यह एक नेचुरल हेल्पिंग हर्ब की तरह काम कर सकती है। हालांकि इसका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
इम्यूनिटी बूस्ट करने वाला
आजकल जब वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन की समस्या हर मौसम में आम हो गई है, तो हर कोई अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को लेकर सजग है। सफेद मूसली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं। यह फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करता है और शरीर को बीमारियों से उबरने में मदद करता है।
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तनाव, स्ट्रेस और नींद से जुड़ी दिक्कतों में राहत
सफेद मूसली शरीर ही नहीं, दिमाग के लिए भी बेहतरीन औषधि है। सफेद मूसली की एडाप्टोजेनिक प्रॉपर्टी शरीर को स्ट्रेस के असर से बचाती है। इस स्ट्रेस का असर सीधे तौर पर मूड, नींद और मानसिक थकावट पर पड़ता है। जिन लोगों को नींद नहीं आती, चिड़चिड़ापन रहता है या फोकस करने में दिक्कत होती है, उनके लिए यह नेचुरल सपोर्ट की तरह काम कर सकती है।
डायबिटीज और सूजन में भी असरदार
रिसर्च में पाया गया है कि सफेद मूसली में ब्लड शुगर को बैलेंस करने वाले तत्व मौजूद होते हैं। यह डायबिटीज कंट्रोल में मदद कर सकती है, हालांकि इसे दवाओं के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसके अलावा इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
कहां से लें और क्या ध्यान रखें?
बाजार में कई ब्रांड्स सफेद मूसली चूर्ण बेचते हैं, लेकिन इनमें से कुछ में अशुद्धता के मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए हमेशा भरोसेमंद, प्रमाणित और शुद्ध हर्बल ब्रांड का ही चयन करें। पतंजलि हर्बल आयुर्वेदिक दवाओं का एक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित ब्रांड है। पतंजलि का सफेद मूसली चूर्ण आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर, पतंजलि स्टोर या ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर आसानी से मिल जाएगा। ध्यान रखें कोई भी हर्बल सप्लीमेंट इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है, खासकर अगर आप किसी बीमारी का इलाज करवा रहे हैं या दवाएं ले रहे हैं।
कुल मिलाकर सफेद मूसली एक बेहतरीन जड़ी-बूटी है जो थकावट, यौन कमजोरी, इम्युनिटी और मानसिक थकान जैसी कई समस्याओं में असरदार साबित हो सकती है। लेकिन इसका फर्क तभी नजर आता है, जब इसे नियमित रूप से, सही मात्रा में और सही सलाह के साथ लें।