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क्या आयुर्वेद में एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव है? बता रही हैं डॉ. चंचल शर्मा

एंडोमेट्रियोसिस का मेडिकल साइंस में कोई स्थायी इलाज नहीं है। ऐसे में महिलाएं अक्सर ये सवाल पूछती हैं कि क्या आयुर्वेद में एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव है।
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क्या आयुर्वेद में एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव है? बता रही हैं डॉ. चंचल शर्मा


Endometriosis Treatment in Ayurveda: जीवनशैली, खानपान और कई कारणों से इन दिनों महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। इन्हीं मे से एक हैं एंडोमेट्रियोसिस (What is Endometriosis)। एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के पीरियड्स के जुड़ी एक बीमारी है। इसमें गर्भाशय की अंदरुनी परत (एंडोमेट्रियम) की कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है। एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द होता है।

कई बार एंडोमेट्रियोसिस का दर्द इतना ज्यादा असहनीय हो जाता है कि ये महिला में मानसिक थकान, डिप्रेशन और इनफर्टिलिटी (Health issue due to Endometriosis) जैसी समस्याओं का कारण बनता है। मेडिकल साइंस में एंडोमेट्रियोसिस का कोई सटीक इलाज वर्तमान में मौजूद नहीं है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या आयुर्वेद में एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव है? (Endometriosis Treatment in Ayurveda) आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब दिल्ली की आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा से।

एंडोमेट्रियोसिस क्या है?

डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय की परत जैसी ऊतकें शरीर के अन्य भागों में बढ़ने लगती हैं। ये ऊतक हर महीने पीरियड्स के दौरान शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। इससे महिलाओं को गर्भाशय में सूजन दर्द और टिश्यू स्कारिंग की परेशानी होती है।

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आयुर्वेद में एंडोमेट्रियोसिस की व्याख्या

डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि आयुर्वेद में स्त्रियों में यौन व प्रजनन अंगों की बीमारियों को योनिव्यापद कहा गया है। एंडोमेट्रियोसिस को वात-कफ विकृति, रक्तदोष, और आर्टवदुष्टि (पीरियड्स में होने वाली गड़बड़ी) का कारण माना गया है। एंडोमेट्रियोसिस की परेशानी उन महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, जिनके शरीर में विषाक्त पदार्थों की मात्रा ज्यादा हो जाती है।

क्या आयुर्वेद के जरिए एंडोमेट्रियोसिस की इलाज संभव है?

इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. चचंल शर्मा कहती हैं कि आयुर्वेद में 100 प्रतिशत एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव है। आयुर्वेद में इस बीमारी का इलाज दोष शमन, अग्नि को सुधारना, धातु संतुलन, शुद्धिकरण और पुनर्निर्माण पर आधारित होता है। जब कोई महिला एंडोमेट्रियोसिस की परेशानी लेकर उनके पास आती है, तो पहले शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने की प्रक्रिया की जाती है।

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1. पंचकर्म चिकित्सा

एंडोमेट्रियोसिस के इलाज में पहले पंचकर्म प्रक्रिया जैसे वमन , विरेचन,बस्ती  और रक्तमोक्षण किया जाता है। इससे महिला के शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकाले जाते हैं।

2. हर्बल थेरेपी

पंचकर्म के बाद एंडोमेट्रियोसिस की गांठों को खत्म करने के लिए विभिन्न प्रकार का आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन कराया जाता है।

3. आहार-विहार (डाइट एंड लाइफस्टाइल सुधार)

आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में मुख्य रूप से आपकी जीवनशैली में परिवर्तन पर बल दिया जाता है। उपचार को और भी कारगर और प्रभावशाली बनाने के लिए आपको पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के दौरान हल्का, सुपाच्य और वात-कफ शांत करने वाला भोजन करने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा मरीज को मानसिक तनाव को दूर रखने के लिए योग करें।

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आयुर्वेद जड़ी-बूटी एंडोमेट्रियोसिस को मैनेज करने के लिए

डॉ. चंचल की मानें, तो जो महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस का इलाज आयुर्वेद के जरिए करवाती हैं, उन्हें कुछ विशेष प्रकार की चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

1. अलसी बीज

अलसी बीज ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं, जो सूजन और हार्मोन असंतुलन को कम करते हैं। एंडोमेट्रियोसिस में इलाज में असली के बीज का सेवन करें, तो ये सूजन और दर्द को कम करता है।

2. अदरक और हल्दी की चाय

अदरक और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। महिलाएं अगर अदरक और हल्दी की चाय का सेवन करें, तो इससे पीरियड्स में होने वाला दर्द और सूजन कम होता है।

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3. मेथी के बीज

रातभर भिगोकर पानी में भिगोए हुए मेथी के बीजों का सेवन सुबह खाली पेट किया जाए, तो ये असंतुलित हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।

डॉ चंचल शर्मा के अनुसार एंडोमेट्रिओसिस के आयुर्वेदिक उपचार के बाद महिलाएं बिना किसी संकोच के अपनी सामान्य जीवनशैली को अपना सकती हैं और गर्भधारण की तैयारी भी कर सकती हैं। इसलिए ऐसी किसी समस्या से घबराने के बजाए स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। अपने शरीर में होने वाले छोटे छोटे बदलावों को महसूस करें ताकि आप समय रहते एंडोमेट्रिओसिस जैसी बीमारी की पहचान कर सकें और सही इलाज अपनाएं।

निष्कर्ष

एंडोमेट्रियोसिस एक तकलीफदेह बीमारी है। लेकिन आयुर्वेद के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है। अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस की परेशानी है, तो एक बार आयुर्वेदाचार्य से बात जरूर करें।

FAQ

  • एंडोमेट्रियोसिस का मुख्य कारण क्या है?

    नेशनल लाइब्रेरी ऑफ हेल्थ के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस का मुख्य कारण एन्डोमेट्रियल ऊतक का गर्भाशय के बाहर बढ़ना है, जिससे सूजन, दर्द और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
  • क्या एंडोमेट्रियोसिस खतरनाक है?

    एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के लिए एक खतरनाक स्थिति है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण पीरियड्स के दौरान तेज दर्द, इनफर्टिलिटी और आंतरिक अंगों में सूजन की परेशानी होती है। डॉ. अंजलि कुमार के अनुसार, अगर एंडोमेट्रियोसिस का इलाज समय पर न किया जाए तो ये भविष्य में बांझपन का कारण बन सकता है।
  • घर पर एंडोमेट्रियोसिस की पहचान कैसे करें?

    एंडोमेट्रियोसिस की पहचान घर पर करना बहुत ही आसान काम है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि अगर किसी महिला को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द हो रहा है और ये दर्द 1 पेनकिलर से ठीक नहीं हो रहा है तो एंडोमेट्रियोसिस है। 

 

 

 

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