प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में करें इन 4 योगासनों का अभ्यास, ठीक रहेगा ब्लड सर्कुलेशन

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने के लिए इन योगासनों का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है, जानें अभ्यास का तरीका।

Written by: Prins Bahadur Singh Updated at: 2021-07-23 13:11

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान मां की सेहत का असर पेट में पल रहे बच्चे पर जरूर पड़ता है। इस दौरान मां के खानपान और शारीरिक स्थिति का सीधा प्रभाव बच्चे के स्वास्थ्य पर देखने को मिलता है। प्रेग्नेंसी के दौरान योग (Yoga During Pregnancy) करना मां और पेट में पल रहे बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। योग का नियमित अभ्यास करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते है। अगर आप गर्भावस्था में योग का नियमित रूप से अभ्यास करती हैं तो इससे बच्चे का विकास भी तेजी से होता है। शरीर की अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग प्रकार के योगासनों का अभ्यास किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने से स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें दूर होती है। प्रेग्नेंसी में आप कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास करके शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर सकती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने का काम करते हैं। 

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में ब्लड सर्कुलेशन संतुलित रखने के लिए 4 योगासन (Yoga Poses to Maintain Blood Circulation Level During Pregnancy)

गर्भावस्था में शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होना स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान अगर मां के शरीर में सही ढंग से ब्लड सर्कुलेशन नहीं होता है तो इसका सीधा असर पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इस समस्या से बचने के लिए आप एक्सरसाइज और योग का सहारा ले सकती हैं। प्रेग्नेंसी में योग का अभ्यास स्वास्थ्य के बहुत उत्तम माना जाता है। इस दौरान योग के नियमित अभ्यास से आपका शरीर फिट और हेल्दी रहता है और बच्चे का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान योग का अभ्यास करने में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। तो आइये जानते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड सर्कुलेशन को मेन्टेन रखने के लिए फायदेमंद योगासनों के अभ्यास के बारे में।

1. ताड़ासन (Tadasana or Palm Tree Pose)

ताड़ासन या माउंटेन पोज योग बेसिक योगासनों में से एक है जिसका नियमित अभ्यास करने से शरीर फिट और मन शांत रहता है। गर्भावस्था के दौरान इस योगासन का अभ्यास करने से गर्भवती महिला को बहुत फायदे मिलते हैं। इसका नियमित अभ्यास करने से गर्भवती महिलाओं के शरीर में ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है। इसके अलावा ताड़ासन का नियमित अभ्यास बेली फैट को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए इसका नियमित अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। ताड़ासन का अभ्यास बेहद सरल होता है और गर्भावस्था में इसका अभ्यास करने से शरीर में रक्त संचार तो ठीक रहता है इसके अलावा इसका अभ्यास पैर, घुटने और बाजुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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ताड़ासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Tadasana?)

  • ताड़ासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप योगा मैट के सहारे खड़े हो जाएं।
  • खड़े होकर अपनी एड़ियों को एक दूसरे के साथ रखें।
  • इसके बाद अब दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाते हुए सांस लें।
  • दोनों हाथों की हथेलियों को एक साथ मिला लें।
  • हाथों को सिर के ऊपर से सीधा रखते हुए पैरों की उँगलियों के बल खड़े होने का अभ्यास करें।
  • पैरों की उँगलियों के सहारे खड़े रहकर दोनों हाथों को आराम से नीचे की तरफ ले जाएं।
  • शरीर को स्ट्रेच करते हुए हाथों को नीचे रखें।
  • इसके बाद 2 से 4 बार इस आसन का अभ्यास करें। 
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2. पर्वतासन (Parvatasana or Mountain Pose)

गर्भावस्था के दौरान पर्वतासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। इस आसन का अभ्यास बेहद आसानी से किया जा सकता है। पर्वतासन का नियमित अभ्यास करने से आपके शरीर का पोश्चर ठीक रहता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन संतुलित होता है। इसके अलावा गर्भावस्था में पर्वतासन का अभ्यास करने से कंधे, कमर, गर्दन और पीठ की दर्द में भी फायदा मिलता है। हालांकि दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी में इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। 

पर्वतासन करने का तरीका (How to Do Parvatasana?)

  • पर्वतासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप योगा मैट के सहारे बैठ जाएं।
  • इसके बाद आब सुखासन की मुद्रा में आ जाएं।
  • सीधे सुखासन में बैठने के बाद सांस अंदर की तरफ खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं।
  • हाथों को ऊपर की तरफ ले जाने के बाद हथेलियों को आपस में नमस्ते या प्रणाम की मुद्रा में रखें।
  • इस दौरान हाथों की कोहनियां सीधी रखें और हाथों को कानों के पास रखें।
  • थोड़ी देर के लिए इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
  • 2 से 3 बार इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करें।
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3. वक्रासन या ट्विस्टेड पोज (Vakrasna or Twisted pose)

प्रेग्नेंसी के दौरान वक्रासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह बैठकर किया जाने वाला आसन है। इस योगासन के अभ्यास के दौरान हमारी रीढ़ की हड्डी वक्र यानि टेढ़ी होती है इसीलिए इसका नाम वक्रासन है। इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और यह आसन डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका अभ्यास पेट और पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था में इसका नियमित रूप से अभ्यास करने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन संतुलित रहता है। वक्रासन का अभ्यास डायबिटीज की समस्या में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।

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वक्रासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Vakrasana?)

  • वक्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट के सहारे बैठ जाएं।
  • इसके बाद पैरों को सामने की तरफ फैलाएं।
  • अब सांस बाहर की तरफ छोड़ते हुए हाथों को कंधे के बराबर ऊपर ले जाएं।
  • ध्यान रहे इस दौरान आपकी हथेलियां नीचे की तरफ हों।
  • इसके बाद अब सांस बाहर निकलते हुए शरीर को कमर से दाहिनी ओर मोड़ें।
  • जितना हो सके कमर के ऊपर की पूरी शरीर को मोड़ें।
  • अब सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर रखते हुए सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
  • इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराएं।

4. शवासन (Shavasana or Corpse Pose)

शवासन शरीर को रिलैक्स करने के लिए सबसे अच्छा योगासन होता है। सभी आसनों के अभ्यास के बाद नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए। शवासन में हम अपने शरीर को शव के समान छोड़ देते हैं और मन शांत रखने की कोशिश करते हैं। शरीर को रिलैक्स करने के साथ इस आसन का अभ्यास मन और आत्मा को शांत रखने का काम करता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद होता है। गर्भावस्था में शवासन का अभ्यास करने से मन को शांति मिलती है और शरीर को आराम मिलता है। इसकी वजह से आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है।

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शवासन करने का तरीका (How to Do Shavasana?)

  • शवासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर लेट जाएं।
  • इसके बाद आँखों को बैंड करते हुए दोनों टांगों को बाहर के तरफ ले लें।
  • अब हाथों को रिलैक्स करते हुए हथेलियों को आसमान की तरफ रखें।
  • धीरे-धीरे शरीर के सभी अंगों पर ध्यान केन्द्रित करें।
  • सबसे पहले पैरों के अंगूठे को स्ट्रेच करके ढीला छोड़ दें और ये अभ्यास सिर तक करें।
  • सांस को आराम से अंदर बाहर करते हुए किसी जगह पर अपना ध्यान लगाएं।
  • और आराम से इसी मुद्रा में 10 से 15 मिनट के लिए रहें।
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हालांकि गर्भावस्था के दौरान योगासनों का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है और शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन इस दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत से बचने के लिए शुरुआत में योगासनों का अभ्यास किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। गर्भावस्था के 7 वें महीने से योगासनों के अभ्यास में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान शरीर की मांसपेशियों को अधिक तनाव नहीं देना चाहिए।

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