
21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ओनली माई हेल्थ अपने पाठकों के लिए योगासनों की एक सीरीज लेकर आया है, जिसके अंतर्गत हम आपको विस्तार से अपने लेख में किसी एक योगासन के बारे में बताएंगे। यानी हम उस योग को करने के लाभ, योग करने की विधि और सावधानियों के बारे में बताएंगे। इसी क्रम में हम आपको आज ताड़ासन (Tadasana In Hindi) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
ताड़ासन योग क्या है?
ताड़ासन शब्द ताड़ के वृक्ष से लिया गया है। इसीलिए, इसे अंग्रेजी में Palm Tree Posture कहते हैं। जिस प्रकार से ताड़ का पेड़ एक सीध में खड़ा रहता है उसी प्रकार से ताड़ासन योग किया जाता है। यह एक बेहतरीन योगासन है, जिसे आप आसानी से अपने घर में कर सकते हैं। इस योग को करने से आपकी रीढ़ की हड्डियों (मेरुदण्ड) से जुड़ी समस्याओं में सुधार होता है। इसके साथ ही यह आपके बैलेंस को बेहतर बनाता है। जिनकी लंबाई नहीं बढ़ रही है उन्हें ताड़ासन (Height Increase Yoga Pose) नियमित रूप से करना चाहिए।
योग गुरू वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि ताड़ासन हमारे पूरे शरीर के लिए एक अच्छा व्यायाम है। यह शरीर की मांसपेशियों के लिए प्रभावशाली है। यह रीढ़ की हड्डियों को स्वस्थ रखने का एक अच्छा माध्यम है। ताड़ासन करने का तरीका, ताड़ासन में क्या सावधानी बरतनी चाहिए और ताड़ासन के फायदों के बारे में हम आपको इस लेख में बता रहे हैं।
ताड़ासन करने का तरीका
- सबसे पहले आप अपने दोनों पैर के पंजों को मिलाकर या 10 सेंटीमीटर की दूरी पर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। भुजाओं को साइड में रखें।
- अपने शरीर का वजन दोनों पैरों पर एक समान तरीके से रखें।
- अब अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और उंगलियों को फंसाकर हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। आपके दोनों हाथ सिर के ऊपर सीध में होने चाहिए।
- दृष्टि को सीध में किसी बिंदु पर टिकाएं, आपकी नजर इधर-उधर भटकनी नहीं चाहिए। पूरे अभ्यास के दौरान आपको ऐसा ही करना है।
- सांस लेते हुए भुजाओं, कंधों और छाती के साथ पूरे शरीर को ऊपर की ओर तानें साथ ही अपनी एडियों को ऊपर उठाते हुए पैरों के पंजों पर खड़े हो जाएं।
- बिना संतुलन खोए पंजों से लेकर सिर तक अपने पूरे शरीर को आसमान की ओर तानें और कुछ क्षड़ों तक सांस रोकर इस स्थिति में खड़े रहें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस पूर्व की मुद्रा में आ जाएं और कुछ छणों तक आराम करें।
- यह पूरा एक चक्र माना जाएगा। इसी प्रकार से आपको 10 चक्र करने होंगे। इससे आपको ताड़ासन करने का पूरा लाभ मिलेगा।
ताड़ासन करने के अन्य प्रकार
ताड़ासन को अन्य तरीकों से भी किया जा सकता है। ताड़ासन का अभ्यास आपस में फंसाकर रखी गई उंगुलियों पर भी दृष्टि को केंद्रित कर किया जा सकता है। मगर इसमें संतुलन बनाए रखना थोड़ा कठिन हो सकता है। इसके अलावा, ताड़ासन के दूसरे प्रकार में आप अपने एक पैर की अंगुलियों पर बैलेंस बनाते हुए अपने दूसरे पैर को आगे या पीछे की ओर ले जाएं। इसे आप 10 बार दोहराएं।
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महत्वपूर्ण बातें:
- भुजाओं को ऊपर उठाते समय श्वास लें, तनी हुई अवस्था में श्वास रोकें या सामान्य रूप से सांस लें। इसके बाद पूर्व की मुद्रा में आते समय श्वास छोड़ें।
- ताड़ासन को करने के बाद सिर के बल किया जाने वाला कोई आसन किया जाना चाहिए।
- जिन लोगों ने आंखें खोलकर ताड़ासन करने में दक्षता प्राप्त कर ली है वह आंख बंदकर इसे करने का प्रयास कर सकते हैं।
ताड़ासन करने के फायदे
यह आसन शारीरिक और मानसिक संतुलन विकसित करता है। पूरे मेरूदण्ड (रीढ़) में खिंचाव और लचीलापन लाता है, जिसके चलते जिन बिंदुओं से मेरूदण्ड के स्नायु निकलते हैं। उनके अवरोध (रूकावट) दूर होते हैं। मांसपेशियों और स्नायु बंधों (Neuralgia) में खिंचाव उत्पन्न होने से बढ़ती हुई अस्थियां (हड्डियां) लंबी होती हैं, जिससे शरीर की लंबाई बढ़ती है। इसके अलावा, ताड़ासन मलाशय और आमाशय की मांसपेशियों और आंतों में खिंचाव उत्पन्न करता है, इसलिए प्रेगनेंसी के 6 माह तक उदर की मांसपेशियों और स्नायुओं को शक्ति प्रदान करने के लिए उपयोगी होता है।
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