जीवनशैली में आए परिवर्तनों के कारण लोग मोटापा, पेट की बीमारियों के अलावा कई अन्य रोगों का सामना करते हैं। दरअसल, इस भागदौड भरे जीवन में मनुष्य खुद को महत्व देना भूल गया है। और यही कारण है कि आजकल लोग अनुचित जीवनशैली के कारण तनाव की चपेट में भी आ रहे हैं। इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में स्वास्थ्य को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। वरना ये समस्याएं कई दूसरी समस्याओं को जन्म देती रहेंगी और आप परेशान होते रहेंगे। ऐसे में उत्तानपादासन (Uttanpadasana) योग करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
दरअसल, पिछले कुछ सालों में योग ने बहुत नाम कमाया हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि योग करने से आत्मा और मन के बीच संतुलन बना रहता है। बहुत से चिकित्सक और मशहूर हस्तियां भी इसका अभ्यास कर रहें हैं और साथ ही अपने प्रियजनों को भी इसका अभ्यास करने की सलाह दे रहें हैं। योग शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है एकजुट करना।
योग सभी उम्र के लोगो के लिए उपयुक्त है और इसके लिए किसी अति उत्कृष्ट कौशल की आवश्यकता नहीं होती। जब तक कि आप कोई कठिन आसन नहीं करते हैं। उत्तानपादासन योग भी बहुत ही आसान आसन है, जिसे आप अपने घर में आसानी से कर सकते हैं।
उत्तानपादासन योग क्या है?
उत्तानपादासन योगियों द्वारा किए जाने वाले सामान्य योग मुद्रा में से एक है। इसे अंग्रेजी में The Raised Leg Pose भी कहते हैं। यह आसन कब्ज, मोटापा, तोंद और अन्य पेट संबंधी बीमारियों से मुक्ति देने में कारगार है। जिन लोगों को ऐब्स या सपाट पेट की इच्छा हो वो इस आसन को रोज़ाना कर सकते हैं। यह आसन से पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में और पाचन तंत्र को बेहतर करने में लाभदायक है। यह आसन नाभि के कुल चार आसनों में से एक है। इसके अभ्यास से नाभि अपने स्थान पर आ जाती है और 72864 नाड़ियों की मसाज हो जाती है। प्रारंभ में इसको करने में थोड़ी मुश्किल होगी परन्तु निरंतर अभ्यास से इसे सफलतापूर्वक करने में मदद मिलेगी। यह आसन द्वि पादासन नाम से भी प्रसिद्ध है।
इसे भी पढ़ें: योग को लेकर कितने जागरूक हैं आप? खेलें ये क्विज और परखें अपना ज्ञान
उत्तानपादासन को करने का तरीका
- पीठ के बल ज़मीन पर लेट जाएं।
- दोनों हथेलियों को जांघों के साथ भूमि पर स्पर्श करने दें।
- धीरे-धीरे श्वास लें और पैरों को जमीन से 45-60 डिग्री पर उठाएं।
- लोअर ऐब्स में दबाव महसूस करने के लिए इस पोज़ को 15-20 सेकेंड तक होल्ड करे।
- श्वास छोड़ते समय अपने पैरों को ज़मीन की ओर वापस लाए
- इसे प्रतिदिन 3-4 बार करे
इसे भी पढ़ें: इन 5 योगासनों से दूर होती है शारीरिक कमजोरी, अनिद्रा और तनाव से मिलता है छुटकारा
उत्तानपादासन के लाभ क्या हैं?
- उत्तानपादासन पेट की बीमारियों जैसे कब्ज और एसिडिटी को दूर करने में कारगार है।
- अगर रोज़ाना इस आसन को किया जाए तो यह आपके कूल्हे, पीठ और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है।
- यह पोज़ उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो धरण उतरने जैसी समस्याओं का सामना करते हैं।
- प्रारंभ में ये कष्टदायक साबित हो सकता है परन्तु बीतते वक्त के साथ ये आपकी पीठ को और मजबूत करता है।
- इस आसन का अभ्यास करने से अपच और गैस का नाश होता है।
इसे भी पढ़ें: इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ, शरीर की जाम पड़ी सारी नसों को खोल देते हैं ये 2 योगासन
उत्तानपादासन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
- अगर आपको पेट या पीठ में दर्द हो तो इसका अभ्यास न करें।
- यदि आप मां बनने वाली है या मासिक धर्म हो रहा है तो मुद्रा बिलकुल न करें।
- जो लोग स्लिप डिस्क और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें इसे अभ्यास न करने की सलाह दी जाती है।
- सरवाईकल, स्पोंडिलाइसिस वालों को ये आसन नहीं करना चाहिए।
- योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के बिना इस आसन को न करें।
Read More Articles On Yoga In Hindi