योग (Yoga) का नियमित अभ्यास मन और शरीर दोनों को फिट और हेल्दी बनता है। जहां योग के नियमित अभ्यास से मन को शांति मिलती है वहीं इसका अभ्यास शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद होता है। यही कारण है कि आज योग दुनियाभर के लोगों के बीच पॉपुलर हो चुका है। पूरी दुनिया में लोग योग का अभ्यास खुद को हेल्दी और फिट बनाने के लिए करते हैं। शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए अलग-अलग योगासनों का अभ्यास किया जाता है। पीठ से जुड़ी कई समस्याएं अक्सर लोगों को परेशान करती हैं। पीठ के दर्द से लेकर कमर दर्द और पीठ की मांसपेशियों में जकड़न की समस्या को योग का अभ्यास कर खत्म किया जा सकता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको पीठ के लिए फायदेमंद माने जाने वाले कुछ योगासनों (Yoga Poses for Back) के अभ्यास के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और टोन करने के लिए फायदेमंद 4 योगासनों के बारे में।
पीठ के लिए फायदेमंद योगासन (Yoga Poses to Strengthen and Tone Up Your Back)
आज के समय में तमाम लोग पीठ से जुड़ी समस्याओं का शिकार हैं। आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान और गलत पोश्चर में बैठने या काम करने की वजह से पीठ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। पीठ और रीढ़ की हड्डी को शरीर का आधार माना जाता है। इसलिए इसका स्वस्थ रहना भी बहुत जरूरी है। अगर आप पीठ के दर्द, कमर दर्द और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो इन 4 योगासनों का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इन योगासनों का नियमित अभ्यास कर आप अपनी पीठ को टोन कर सकते हैं और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।
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1. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana or Bridge Pose)
सेतुबंधासन का नियमित अभ्यास पीठ और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। सेतुबंधासन का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला सेतु जिसका अर्थ है पुल और दूसरा बंध जिसका मतलब बांधना होता है। इस आसन में आप पुल के समान मुद्रा में होते हैं। सेतुबंधासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे अनेक हैं लेकिन विशेष रूप से यह पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस आसन का अभ्यास करने से आपकी पीठ, गर्दन और रीढ़ की हड्डी व सीने को फायदा मिलता है। इसमें आप शरीर के इन अंगों को स्ट्रेच करते हैं और इसके अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी संतुलित होता है।
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सेतुबंधासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Setubandhasana?)
- सेतुबंधासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले साफ और हवादार स्थान पर योगा मैट या चटाई बिछाकर लेट जाएं।
- पीठ के बल लेटने के बाद सामान्य रूप से सांस अंदर और बाहर लें।
- इसके बाद अब आप अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर एड़ियों को हिप्स के पास लेकर जाएं।
- अपनी हिप्स को जमीन से ऊपर की तरफ उठाएं।
- हाथों को जमीन पर रखें।
- कुछ देर के लिए इस स्थिति में रहें और अपनी सांसों को रोककर रखें।
- इसके बाद अब धीरे-धीरे अपनी सांसों को छोड़ते हुए वापस सामान्य मुद्रा में आएं।
- इसका 4 से 5 बार अभ्यास करें।
2. उत्कटासन (Utkatasana or Chair Pose)
उत्कटासन को अंग्रेजी में चेयर पोज भी कहा जाता है। इस आसन में आपको अपने शरीर का संतुलन बनाते हुए कुर्सी पर बैठने का अभ्यास करना होता है। लेकिन इस आसन में आपको बैठने के लिए कोई कुर्सी नहीं दी जाती है। आपको सिर्फ कुर्सी को ध्यान में रखकर उस पर बैठने जैसी पोजीशन में रहना होता है। उत्कटासन का अभ्यास करने के फायदे तो बहुत हैं लेकिन विशेष रूप से इस आसन का अभ्यास करने से आपके पैर, टखने, कमर, रीढ़ की हड्डी और पीठ मजबूत होती है। इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर का संतुलन बना रहता है और आपके कंधे और फेफड़ों के डायफ्राम को भी फायदा मिलता है।
उत्कटासन करने का तरीका (How to Do Utkatasana?)
- उत्कटासन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- इसके बाद अपने पैरों को बीच की दूरी कूल्हों के बराबर रखें।
- अब धीरे-धीरे अपने हाथों को ऊपर लेकर जाएं और दोनों हाथों की हथेलियों को एक दूसरे के सामने रखें।
- अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए कुर्सी पर बैठने का प्रयास करें।
- इस दौरान आप अपने शरीर का वजन अपनी एड़ियों पर डालें।
- शरीर को थोड़ा सा आगे की तरफ झुकाते हुए कुर्सी पर बैठने की मुद्रा में बने रहें।
- इस पोजीशन में लगभग 1 मिनट तक रहें और फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
- एक बार में लगभग 5 बार इसका अभ्यास करें।
3. हस्त पादासन (Hasta Padasana or Hand To Foot Pose)
हस्त पादासन का अभ्यास शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। हालांकि यह आसन दूसरे आसनों की तुलना में थोड़ा कठिन माना जाता है। इसका रोजाना एक बार अभ्यास करना ही पर्याप्त माना जाता है। हस्त पादासन का नियमित अभ्यास करने से आपके शरीर को कई फायदे मिलते हैं। इसका अभ्यास करने से आपके हिप्स, घुटने, पीठ और रीढ़ की हड्डी समेत पैर, जांघ और हैमस्ट्रिंग को मजबूती मिलती है। शुरुआत में इसका अभ्यास थोड़ा कठिन लग सकता है लेकिन अभ्यास होने के बाद आप आसानी से इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं।
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हस्त पादासन करने का तरीका (How to Do Hasta Padasana?)
- हस्त पादासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट या चटाई पर खड़े हों।
- अपने दोनों हाथों को अपनी हिप्स पर टिकाएं।
- अब सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की तरफ झुकें।
- शरीर को संतुलित रखते हुए हिप्स को थोडा पीछे की तरफ ले जाएं।
- इसके बाद अपने हाथों के पंजों को जमीन की तरफ ले जाते हुए दोनों पैरों के बगल में रखें।
- दोनों पैरों के बीच की दूरी बराबर रखें और उन्हें सामानांतर रखें।
- अब अपनी जाँघों पर दबाव डालते हुए अंदर की तरफ लें और इस स्थिति में बने रहें।
- लगभग 15 से 20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस सामान्य मुद्रा में आएं।
4. भुजंगासन (Bhujangasana or Cobra Pose)
भुजंगासन को अंग्रेजी में कोबरा पोज कहा जाता है। इसके नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस आसन में कौन सी मुद्रा होती है। इस आसन में हमें सांप की मुद्रा में रहना होता है। इसका नियमित अभ्यास शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। शरीर के लिए भुजंगासन के नियमित अभ्यास से फायदे तो बहुत हैं लेकिन विशेष रूप से इसका अभ्यास करने से पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और शरीर का पाचन तंत्र मजबूत होता है। यह आसन सूर्य नमस्कार आसन का 8वां आसन है।
भुजंगासन करने का तरीका (How to Do Cobra Pose?)
- भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले चटाई या योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जांघ के पास रखें।
- इसके बाद हाथों को कंधों के बराबर लेकर जाएं और हथेलियों को जमीन की तरफ रखें।
- अब शरीर के वजन को हथेलियों पर डालते हुए अपनी सांस अंदर की तरफ खींचें।
- इसके बाद सिर को उठकर पीछे की तरफ खींचें।
- सिर को पीछे ले जाते हुए अपनी छाती को बाहर की तरफ लाएं और कोहनियों को जमीन से टिका कर रखें।
- अब सांप की तरह आकृति में अपने सिर को रखें।
- कुछ देर इस स्थिति में रहें और फिर सामान्य मुद्रा में आएं।
ऊपर बताये गए सभी योगासनों का अभ्यास शरीर के लिए फायदेमंद होता है। अगर आप इन योगासनों का नियमित अभ्यास करते हैं तो इससे आपकी पीठ की मांसपेशियां मजबूत होंगी और पीठ को टोन करने म्विन फायदा मिलेगा। इसके अलावा इन योगासनों के अभ्यास से आपके पैर, जांघ, घुटने, रीढ़ की हड्डी और गर्दन को भी फायदा मिलता है।
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