कमर दर्द (back pain) आम भी हो सकता है और गंभीर भी। इस बात का निर्णय कमर दर्द के पीछे का कारण करता है। अगर कोई व्यक्ति छत से गिर जाता है या उसे चोट लग जाती है तो उसके कारण मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और दर्द शुरू हो जाता है। वहीं कभी-कभी कमर दर्द, पीठ दर्द के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे- मांसपेशियों में ऐंठन, स्लिप डिस्क, गठिया आदि। आज का हमारा लेए इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कमर दर्द के पीछे क्या क्या कारण हो सकते हैं? साथ ही लक्षण और बचाव भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
कमर दर्द के कारण causes of back pain
कमर दर्द के पीछे कई कारण छिपे हो सकते हैं जानते हैं इनके बारे में
1 - कभी-कभी बहुत भारी सामान उठाने पर कमर दर्द हो जाता है।
2 - एक ही पोजीशन में बैठने पर कमर दर्द हो जाता है।
3 - अचानक से किसी गतिविधि को करने पर कमर दर्द हो जाता है।
4 - मांसपेशियों में खिंचाव के कारण या ऐंठन के कारण यह समस्या हो सकती है।
5 - लिगमेंटेशन में खिंचाव भी कमर दर्द का एक कारण है।
6 - ओस्टियोपोरोसिस यानी जब हड्डियां नाजुक और खोखली हो जाती है तब भी यह समस्या हो सकती है।
7 - ओस्टियोआर्थराइटिस से ग्रस्त रोगी के कमर में, हाथों में, जोड़ों में, घुटनों में दर्द हो सकता है।
8 - स्लिप डिस्क के कारण भी कमर में दर्द रह सकता है।
9 - रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर हो जाने पर भी कमर दर्द हो सकता है।
10 - जिस व्यक्ति को नींद कम आती है उसकी कमर में दर्द की परेशानी आम लक्षण है।
11 - खराब गद्दे में सोने से रीढ़ की हड्डी पर प्रभाव पड़ता है और कमर दर्द शुरू हो सकता है।
12 - पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के कारण भी कमर दर्द।
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इसके अलावा किसी सामान को उठाने अजीब, तरह से झुकने, खींचने, लंबे समय तक खड़े रहने, झटका देने के कारण, गर्दन को जोर-जोर से हिलाने के कारण भी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और कमर में दर्द शुरू हो जाता है।
कमर में दर्द के लक्षण symptoms of back pain
कमर दर्द होने पर निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं-
ध्यान दें कि जब व्यक्ति के कमर में दर्द होता है तो उसके कारण व्यक्ति पैरों में, हाथों में भी दर्द महसूस कर सकता है। इसके अलावा कुछ लक्षणों को तो वह खुद महसूस करता है तो कुछ लक्षण डॉक्टर बताते हैं ऐसे में जानते हैं इन लक्षणों के बारे में-
1 - शरीर में बुखार हो जाना
2 - झुकने में दिक्कत महसूस करना
3 - वजन का घटते जाना
4 - पेशाब करते वक्त कठिनाई महसूस करना
5 - कमर में सूजन आ जाना
6 - पैरों में दर्द हो जाना
7 - कमर के दर्द का घुटनों के नीचे दर्द पहुंच जाना।
8 - यूरिन पर कंट्रोल न कर पाना।
बता दें जब कोई व्यक्ति ड्रग्स लेता है या कैंसर से पीड़ित होता है या जिस व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है ऐसे व्यक्तियों में इस तरह के लक्षण जानलेवा हो सकते हैं। इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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कमर दर्द से बचाव prevention of back pain
कमर दर्द से बचने के लिए निम्न चीजों का ध्यान रखना जरूरी है-
1 - अगर आप कमर दर्द से बचना चाहते हैं तो जरूरी है कि आपकी कमर का स्वास्थ्य मजबूत हो ऐसे में व्यायाम आपके काम आ सकता है। आप एरोबिक एक्सरसाइज की मदद से कमर को स्वस्थ बना सकते हैं उसे मजबूती प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा सैर और तैराकी भी अच्छा विकल्प है।
2 - अपनी पोजीशन का ध्यान रखते हुए ठीक प्रकार से खड़े होना, ठीक प्रकार से बैठे रहना बहुत जरूरी है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव कम होता है और दर्द की समस्या भी दूर होती है। ऐसे अगर कमर में दर्द महसूस हो रहा हो तो आप तकीये के सहारे भी बैठ सकते हैं, जिससे कि कूल्हों की स्थिति पर कोई प्रभाव ना आए।
3 - बता दें कि कमर में दर्द के लिए शारीरिक परीक्षण किया जाता है। इसके दौरान पीड़ित व्यक्ति के चलने की क्षमता, खड़े होने की क्षमता, पैरों में कितनी ताकत है इसकी जांच, पैरों में सनसनी आदि का पता लगाते हैं। अलग बीमारियों की जानकारी के लिए ब्लड टेस्ट के अलावा यूरीन टेस्ट, सीटी स्कैन, एमआरआई, ईएमजी टेस्ट, एक्सरे आदि का सहारा लेते हैं।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि कमर में दर्द के पीछे आम कारण के साथ-साथ कुछ गंभीर कारण भी हो सकते हैं, ऐसे में सतर्कता जरूरी है। हमेशा याद रखें कि अगर आपको कमर दर्द हो रहा है तो अपनी पोजीशन को बदलें और अगर आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा अपनी दिनचर्या में व्यायाम को जोड़ें और अगर आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द महसूस हो तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।