नियमित रूप से योग (Yoga) का अभ्यास इंसान को न सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और फिट रखता है बल्कि कई बीमारियों से भी दूर रखता है। योग की शक्ति को देखते हुए आज दुनियाभर के लोग इसे अपना रहे हैं। योग के नियमित अभ्यास से आप शरीर की जटिल समस्याओं से भी निजात पा सकते हैं। योग की तमाम विधाएं हैं और इन सभी का अपना-अपना लाभ भी। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको घुटनों के लिए फायदेमंद माने जाने वाले योगासनों के बारे में बताएंगे। आज के दौर में असंतुलित खानपान और शारीरिक एक्टिविटी की कमी की वजह से तमाम लोगों को घुटने से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घुटनों में दर्द और गठिया की समस्या सबसे कॉमन समस्या मानी जाती है। इन सबका एक ही कारण होता है, घुटनों का कमजोर होना। घुटनों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए आप नियमित रूप से इन योगासनों ( Yoga Poses to Strengthen Your Knees) का अभ्यास करते हैं, आइये जानते हैं इन योगासनों के बारे में।
घुटनों को मजबूत बनाने के लिए 5 योगासन (5 Yoga Poses to Strengthen Your Knees)
आज के समय में बहुत से लोग घुटनों में दर्द, गठिया या पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित हैं। इसके पीछे रोजमर्रा की जिंदगी में तनाव, असंतुलित खानपान जैसे तमाम कारण हो सकते हैं। लेकिन अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो अभी से घुटनों के लिए फायदेमंद इन योगासनों का अभ्यास शुरू कर दें।
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1. उत्थित हस्त पादांगुष्ठासन (Utthita Hasta Padangusthasana or Extended Hand To Big Toe Pose)
स्ट्रेस और तनाव भारी आज की जीवनशैली में योग का नियमित अभ्यास कई फायदे देता है। उत्थित हस्त पादांगुष्ठासन का नियमित अभ्यास जीवन की तमाम समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आप इसका नियमित अभ्यास कर स्ट्रेस और तनाव के साथ-साथ हाथ, पैर और अंगूठा व घुटनों को मजबूत कर सकते हैं। इस आसन को खड़े होकर किया जाता है और पैरों व घुटनों के लिए इसे बहुत उपयोगी माना जाता है। शरीर का संतुलन बनाने में भी इस योगासन का बहुत योगदान होता है।
उत्थित हस्त पादांगुष्ठासन के अभ्यास का तरीका (How to Do Utthita Hasta Padangusthasana?)
- उत्थित उत्थित हस्त पादांगुष्ठासन का अभ्यास करने के लिए किसी साफ और हवादार जगह पर जाएं।
- अब योगा मैट के सहारे ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- इसके बाद सांस अंदर की तरफ खींचते हुए अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर पेट के पास लाएं।
- अब आप अपने बाएं हाथ को कमर पर रखें और दाहिने हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें।
- इसके बाद अब दाहिने पैर को आगे की तरफ बढ़ाते हुए पैर को जितना हो सके उतना सीधा करें।
- और अपनी सांस छोड़ते हुए घुटने को सिर तक ले जाने की कोशिश करें।
- अब अपने दाहिने पैर को बहार की तरफ ले जाएं।
- अब बाएं तरफ सिर को घुमाते हुए कंधे पर नजर रखें।
- कुछ देर तक इस स्थिति में रहने के बाद पुनः सामान्य स्थिति में आएं।
- अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
2. पद्मासन (Padmasana or Lotus Pose)
पद्मासन का अभ्यास बैठकर किया जाता है। सेहत के लिए पद्मासन के फायदे अनेक हैं लेकिन विशेष रूप से यह रीढ़ की हड्डी और पैरों व घुटनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पद्मासन का अभ्यास ध्यान लगाने के लिए भी किया जाता है। किसी भी साधना या ध्यान की प्रक्रिया के लिए यह आसन सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसके नियमित अभ्यास से जांघ, टखने, घुटने और पैरों को बहुत फायदा मिलता है। शरीर को लचीला और स्वस्थ बनाने में भी पद्मासन का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है। इस आसन का अभ्यास आसानी से किया जा सकता है।
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पद्मासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Padmasana?)
- पद्मासन का अभ्यास बेहद सरल और आसान है।
- पद्मासन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले किसी साफ और हवादार जगह पर योगा मैट के सहारे बैठ जाएं।
- अब अपने दाहिने पैर को घुटनों से मोड़ते हुए बाईं जांघ पर रख दें।
- इसके बाद बाएं पैर को भी मोड़ते हुए दाहिनी जांघ पर रखें।
- पैरों को तलवों को उपर की तरफ रखें।
- इस आसन में रीढ़ की हड्डियों को सीधा रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
- इस स्थिति में बनें रहे हैं आराम से सांस को अंदर की तरफ लें और बाहर छोड़ें।

3. बद्ध कोणासन (Baddha Konasana or Cobbler Pose)
घुटनों और पैरों को मजबूत बनाने के लिए बद्ध कोणासन का अभ्यास बेहद फायदेमंद माना जाता है। इस आसन का अभ्यास बहुत आसान होता है और किसी भी उम्र में इसका अभ्यास किया जा सकता है। यह आसन पैरों, घुटनों और हिप्स के लिए फायदेमंद होता है। इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर में खून का संचार भी सुचारू तरीके से होता है। वैसे तो बद्ध कोणासन का अभ्यास करने के फायदे बहुत हैं लेकिन विशेष रूप से यह पैरों और हिप्स की मांसपेशियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है।
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बद्ध कोणासन करने का तरीका (How to Do Baddha Konasana?)
- बद्ध कोणासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर बैठ जाएं।
- इसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ते हुए पैरों को घुटनों से मोड़ें।
- दोनों पैरों की एड़ियों को पेट के नीचे की तरफ लेकर जाएं।
- अब दनों घुटनों को नीचे की तरफ खींचे।
- बाएं पर के अंगूठे और उंगली से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ें।
- इस आसन का अभ्यास करते समय रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
- दोनों जांघों पर थोड़ा सा दबाव देते हुए स्ट्रेच करें।
- इस स्थिति में लगभग 5 मिनट तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
4. नटराजासन (Natarajasana or Lord of the Dance Pose)
ऊपर बताये गए योगासनों से नटराजासन का अभ्यास थोड़ा कठिन होता है। योग विज्ञान में इसे मध्यम श्रेणी का योग कहा जाता है। इसका अभ्यास करने से पहले आपको कई अन्य बेसिक योगासनों में महारथ हासिल कर लेनी चाहिए। नटराजासन का अभ्यास करने वाले लोगों का पैर, जांघ, पेट का निचला हिस्सा और पसलियों के साथ-साथ कंधों को बहुत फायदा मिलता है। वैसे तो नटराजासन के नियमित अभ्यास के फायदे तो बहुत हैं लेकिन इसका नियमित अभ्यास विशेष रूप से पैरों और पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से रीढ़ के हड्डियों से जुड़ी समस्या भी खत्म होती है।
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नटराजासन करने का तरीका (How to Do Natrajasana?)
- नटराजासन का अभ्यास करने के लिए साफ और हवादार जगह पर योगा मैट पर खड़े हों।
- इसके बाद सांस अंदर की तरफ खींचते हुए दाहिने पैर को पीछे की तरफ ले जाएं और दाएं हाथ से टखनों को पकड़ें।
- अब पैर को पीछे की तरफ ऊपर खींचने की कोशिश करें।
- इसके बाद बाएं हाथ को सामने की तरफ ले जाएं।
- इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड के लिए बनें रहें।
- इसका अभ्यास करते समय शरीर का संतुलन बना कर रखें।
- शुरुआत में इसका अभ्यास किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
5. मालासन (Malasana or Squat Or Garland Pose)
मालासन का नियमित अभ्यास घुटनों को मजबूत करने के साथ-साथ बैक से जुड़ी कई समस्याओं में फायदेमंद होता है। इस आसन का नियमित अभ्यास पीठ की मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका नियमित अभ्यास करने से पैर, घुटने, लोअर बैक और पीठ को बहुत फायदा मिलता है।
मालासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Malasana?)
- मालासन का अभ्यास करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं।
- अब ताड़ासन की मुद्रा में आएं।
- इसके बाद अपने पेट को अंदर की तरफ खींचते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर की तरफ खींचे।
- दोनों हाथों को सामने की तरफ लाकर प्रणाम की मुद्रा में रखें।
- सीनों को सांस अंदर लेते हुए फुलाएं।
- सांस को छोड़ते हुए नीचे बैठ जाएं।
- अब बैठने के बाद घुटनों को बाहर की तरफ ले जाएं।
- जंघों को बाहर की तरफ ले जाते हुए शरीर को धड़ को बीच में लाएं।
- हाथों की कुहनी को अंदर की तरफ जांघ पर टिकाएं।
- इस पोज में थोड़ी देर रहने के बाद आराम की मुद्रा में आएं।
इन योगासनों के नियमित अभ्यास से आपके पैर और घुटने मजबूत होंगे। इनका नियमित अभ्यास आपको पैरों व घुटनों से जुड़ी तमाम बीमारियों से बचाने का काम भी करें। शुरुआत में इसका अभ्यास किसी एक्सपर्ट की देखरेख में किया जाना चाहिए।
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