World Arthritis Day 2019: सामान्यत: मिडिल एज यानी 40 से 50 या इससे अधिक उम्र वाले लोगों में इस बीमारी के होने की आशंकाएं ज्यादा होती हैं। 

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World Arthritis Day 2019: जोड़ों में तिरछापन ऑस्टियो अर्थराइटिस के हैं संकेत, जानें इसके कारण और उपचार

World Arthritis Day 2019: सामान्यत: मिडिल एज यानी 40 से 50 या इससे अधिक उम्र वाले लोगों में इस बीमारी के होने की आशंकाएं ज्यादा होती हैं। 

Atul Modi
Written by: Atul ModiUpdated at: Oct 12, 2019 11:42 IST
World Arthritis Day 2019: जोड़ों में तिरछापन ऑस्टियो अर्थराइटिस के हैं संकेत, जानें इसके कारण और उपचार

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World Arthritis Day 2019: बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियो अर्थराइटिस की समस्या भी बढ़ती जा रही है। इस प्रकार की अर्थराइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें चिकनाहट कम होने लगती है। इस स्थिति को सहज मेडिकल भाषा में ऑस्टियो अर्थराइटिस कहते हैं। सामान्यत: मिडिल एज यानी 40 से 50 या इससे अधिक उम्र वाले लोगों में इस बीमारी के होने की आशंकाएं ज्यादा होती हैं। फोर्टिस हॉस्पिटल जयपुर के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉक्‍टर अनूप झुरानी बता रहे हैं ऑस्टियो अर्थराइटिस के लक्षण, कारण और उपचार का तरीका।

ऑस्टियो अर्थराइटिस के लक्षण

  • जोड़ों में दर्द होना और जोड़ों में तिरछापन आना।
  • चाल में खराबी और चलने की क्षमता का कम होना।
  • सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में दिक्कत।

ऑस्टियो अर्थराइटिस की कराएं जांच

ऑस्टियो अर्थराइटिस की जांच बहुत आसान है। डॉक्टर द्वारा किए गए चेकअप और जोड़ों के डिजिटल एक्सरे से ही इस रोग का पता चल जाता है, कि आपको ये बीमारी है या नहीं। इसके लिए आप अच्‍छे डॉक्‍टर की सलाह ले सकते हैं।

ऑस्टियो अर्थराइटिस का इलाज

  • ऐसी नवीनतम दवाएं उपलब्ध हैं, जो कार्टिलेज को पुन: विकसित करने में सहायक हैं, जिन्हें ‘कार्टिलेज रीजनरेटर’ कहते हैं।
  • जोड़ों के अंदर इंजेक्शन लगाते हैं, जिसे ‘विसको सप्लीमेंटेशंस’ कहते हैं। ऐसे इंजेक्शन से जोड़ों के ऑपरेशन को कुछ वक्त के लिए टाला जा सकता है।
  • रोग की चरम अवस्था में पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण अत्यंत सुरक्षित और कारगर इलाज है।

ऑस्टियो अर्थराइटिस बचाव के उपाय

एक्‍सरसाइज करें

ऑस्टियो अर्थराइटिस के दर्द को दूर करने के लिए एक्‍सरसाइज करें। यह क्षतिग्रस्त जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। वैसे एक्‍सरसाइज  ऑस्टियो अर्थराइटिस में कई अर्थों में उपयोगी होता है। सबसे पहले, यह जोड़ों के आसपास की पेशी का समर्थन मजबूत करता है। और जोड़ों में सुधार और जोड़ों की गतिशीलता बनाये रखता है। इसके अलावा एक्‍सरसाइज वजन कम करने में मदद करने के साथ सहनशीलता को भी बढ़ावा देता है। ऑस्टियो अर्थराइटिस होने पर तैरना विशेष रूप से अनुकूल होता है क्योंकि यह जोड़ों के लिए कम से कम तनाव प्रभाव का अभ्यास कराता है।

थेरेपी

दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवा लेना ही काफी नहीं होता। इसके अलावा भी कई ऐसी थेरेपी हैं, जो बिना दवा के ही आपको दर्द से मुक्ति दिला सकती हैं। फिजियोथेरेपी ऐसी ही एक थेरेपी है। इसमें इलाज का एक अलग तरीका होता है, जिसमें एक्सरसाइज, हाथों की कसरत, पेन रिलीफ मूवमेंट द्वारा दर्द को दूर किया जाता है। यह थेरेपी एक तरीके से शरीर को तरोताजा करने का काम करती है। ऑस्टियो अर्थराइटिस की समस्‍या में आप टेन्स थेरेपी की मदद ले सकते हैं। इस थेरेपी में ऐसे मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दर्द को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही थरमोथेरेपी की जा सकती है। इसमें क्षतिग्रस्त जोड़ों पर ठंडे या गर्म पैक को रखा जाता है। इससे बहुत आराम मिलता है।

मसाज

मसाज ऑस्टियो अर्थराइटिस के दर्द में कमी लाने में बहुत फायदेमंद होता है। इससे जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों में लचीलापन और मजबूती आती है। नेशनल सेंटर ऑफ कॉम्प्लिमेंटरी एंड अल्‍टरनेटिव मेडिसिन (एनसीसीएम) द्वारा समर्थित एक शोध के अनुसार, स्‍वीडिश मसाज के एक सप्‍ताह के साठ मिनट सत्र को करवाने से घुटने के क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस के साथ लोगों की परेशानी में महत्‍वपूर्ण कमी पाई गई।

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आहार है महत्‍वपूर्ण

भारतीय महिलाओं की खुद के प्रति पोषण की उदासीनता उनकी कई समस्याओं की जड़ है। नियमित पौष्टिक भोजन करके वे कई समस्याओं के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस को भी दूर रख सकती हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव के लिए अपने आहार में ग्लूकोसमीन और कोन्ड्रायटिन सल्फेट जैसे तत्वों से भरपूर होना चाहिए। ये हड्डियों और कार्टिलेज के अच्छे दोस्त होते हैं।

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