World Arthritis Day 2019: इन 5 आसान उपायों से करें गठिया के दर्द का इलाज, तुरंत मिलेगी राहत

गठिया यानी जोड़ो का दर्द किसी भी व्यक्ति को काफी परेशान कर सकता है। इसका इलाज करने के लिए जरूरी नहीं है कि सिर्फ दवाईयों पर ही निर्भर रहा जाए। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर व एक एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाकर इस दर्द की आसानी से छुट्टी कर सकते हैं।

मिताली जैन
Written by: मिताली जैनUpdated at: Oct 12, 2019 11:23 IST
World Arthritis Day 2019: इन 5 आसान उपायों से करें गठिया के दर्द का इलाज, तुरंत मिलेगी राहत

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अर्थराइटिस वास्तव में जोड़ों में दर्द और जकड़न पैदा करने वाली बीमारी है, जो खासतौर से व्यक्ति के गलत लाइफस्टाइल, खानपान की गलत आदतों व शारीरिक मेहनत की कमी का परिणाम है।  कुछ समय पहले तक जहां यह समस्या बुढ़ापे में हड्डियां कमजोर होने पर हुआ करती थी, वहीं आज के समय में युवा वर्ग भी इस बीमारी की गिरफ्त में आता जा रहा है। अर्थराइटिस कई प्रकार का होता है, इन्हीं में से एक है ऑस्टियोआर्थराइटिस। इसमें व्यक्ति को जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या होती है और समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो व्यक्ति के उठना-बैठना, चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। 

इस बीमारी का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है, लेकिन अगर व्यक्ति अपने लाइफस्टाइल को ठीक कर ले और कुछ बातों का ध्यान रखें तो इस बीमारी से काफी हद तक राहत पाई जा सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार के कुछ आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जो यकीनन आपकी स्थिति में सुधार करने में मदद करेंगे-

 

एक्सरसाइज

अर्थराइटिस के उपचार का सबसे पहला, आसान और प्रभावी तरीका है व्यायाम। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से जोड़ों के दर्द और अकड़न से राहत मिलती है। साथ ही इससे मांसपेशियां मजबूत और लचीली भी होती हैं। एक्सरसाइज करते समय आप मोशन एक्सरसाइज, स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज व एंड्यूरेंस एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें। जहां मोशन एक्सरसाइज से जोड़ों का मूवमेंट बेहतर होता है, वहीं स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ती है और जब आपके मसल्स मजबूत होते हैं तो उससे आपके जोड़ों को भी मजबूती मिलती है। इसके अतिरिक्त एंड्यूरेंस एक्सरसाइज कार्डियोवस्कुलर फिटनेस को बेहतर बनाती है। हालांकि शुरूआत में एक्सरसाइज डॉक्टर की सलाह और एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।

करें वजन कम

अर्थराइटिस के दर्द के उपचार के लिए वजन पर नजर रखना भी बेहद जरूरी है। वजन बढ़ने से शरीर को जोड़ों में तनाव बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति का जोखिम और दर्द काफी बढ़ जाता है। इसलिए वजन कम करके स्थिति को काफी सुधारा जा सकता है।

फिजियोथेरेपी

फिजियोथेरेपी भी अर्थराइटिस के दर्द के उपचार में एक अहम भूमिका निभाती है। फिजियोथेरेपिस्ट मुख्य रूप से मसल स्ट्रेंथ व ज्वाइंट की मोबिलिटी की जांच करके उसके अनुसार एक्सरसाइज व अन्य उपचार करते हैं। इससे न सिर्फ व्यक्ति को दर्द से राहत मिलती है, बल्कि जोड़ों की कार्यक्षमता भी बेहतर होती है।

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एक्यूपंक्चर 

घुटने के पुराने अर्थराइटिस से पीड़ित रोगियों के लिए एक्यूपंक्चर भी एक कारगर थेरेपी है। यह गठिया रोगियों के लिए एक बेहतरीन वैकल्पिक चिकित्सा है। एक्यूपंक्चर का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस चिकित्सा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इस प्रक्रिया में शरीर के विभिन्न अंगों में मौजूद खास बिंदुओं पर बाल के समान पतली पिनों को चुभाया जाता है, हालांकि इस प्रक्रिया में मरीज को जरा भी दर्द नहीं होता। इस पद्धति से व्यक्ति को पहली बार में भी स्वयं में बदलाव महसूस होने लगता है।

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यह भी हैं तरीके

अर्थराइटिस के उपचार के लिए सिकाई करना भी एक उपचार माना गया है। वहीं कुछ मामलों में दवाई का सेवन भी किया जाता है, लेकिन यह तभी करना चाहिए, जब दर्द काफी अधिक हो और दवाई भी किसी विशेषज्ञ के परामर्श के बाद ही लेनी चाहिए।

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