Natarajasana: नटराजासन को करने से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने की विधि

नटराज आसन को करने से सेहत को कई तरीकों से फायदा पहुंचता है। जानते हैं नटराजासन को करने की विधि और इसे करते वक्त बरतने वाली सावधानी...
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Natarajasana: नटराजासन को करने से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने की विधि


सेहत को तंदुरुस्त बनाने के लिए सुबह उठकर योग करना एक अच्छा विकल्प है। इससे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। साथ ही शरीर कई रोगों से मुक्त भी रहता है। आज हम बात कर रहे हैं नटराज आसन/नटराजासन की। यह आसन 3 शब्दों से मिलकर बना है- नट, राज और आसन। नट का मतलब होता है नृत्य वहीं राज का अर्थ होता है राजा और आसन का अर्थ होता है मुद्रा। यह आसन मुख्य तौर पर खड़े होकर ही किया जाता है। इसे करने से शरीर संतुलित रहता है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि नटराज आसन को करने की विधि क्या है साथ ही हम जानेंगे कि इस आसन को करने के दौरान कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए और इस आसन से सेहत को क्या लाभ होते हैं। पढ़ते हैं आगे...

नटराजासन को करने की विधि (steps of natarajasana)

सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाएं। अब सबसे पहले अपने बाएं पैर को पीछे उठाएं और घुटने को मोड़ें और बाएं हाथ की मदद से  पैर के पंजे को पकड़ें। अपनी नजरों को सामने की तरफ केंद्रित करें और दाएं पैर से संतुलन बनाने की कोशिश करें। अपने दाएं हाथ को सीधा रखें और उसे कंधे की सीध में रखने की कोशिश करें। बाएं पैर को जितना ऊपर ले जा सके उतना ऊपर तक लेकर जाएं। इस स्थिति को नटराज स्थिति कहते हैं। इस स्थिति में 20 से 30 तक रहें। आप अपनी क्षमता के अनुसार भी समय निर्धारित कर सकते हैं। अब गहरी लंबी सांस लें और अपने शरीर को स्थिर रखने की कोशिश करें। कुछ समय बाद फिर से पुरानी अवस्था में आने के लिए सबसे पहले बाएं पैर को नीचे रखें और अपने बाएं हाथ को भी नीचे लेकर आए इसी प्रकार यही प्रक्रिया दूसरे पैर से भी दोहराएं।

शुरुआत में इस आसन को करते वक्त आपका बैलेंस बिगड़ सकता है ऐसे में आप किसी दीवार या अलमारी का सहारा लेकर इस आसन को कर सकते हैं। शुरुआत में 10 से 15 सेकंड इस स्थिति में रहना सही है लेकिन आप आगे चलकर समय को बढ़ा सकते हैं।

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नटराज आसन करने के फायदे (benefits of natarajasana)

1 - नटराज आसन करने से शरीर तनाव और चिंता से दूर रहता है।

2 - जो नियमित रूप से इस आसन को करते हैं उनकी टांगें मजबूत होती हैं साथ ही छाती, कंधा और जांघ की मांसपेशी भी मजबूत रहती हैं।

3 - जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं या पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं वह नटराज आसन की मदद से अपना यह सपना पूरा कर सकते हैं।

4 - जिन लोगों का पाचन तंत्र ठीक नहीं रहता या पेट की समस्या रहती है वह इस आसन को करने से अपने पाचन तंत्र को तंदुरुस्त बना सकते हैं।

5 - शारीरिक संतुलन के साथ-साथ मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए आप नटराज आसन की मदद ले सकते हैं।

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नटराज आसन करने के दौरान बरतने वाली सावधानियां

1 - जो लोग कमर दर्द या गर्दन में किसी प्रकार की चोट से परेशान रहते हैं वे इस आसन को ना करें

2 - अगर घुटनों में दर्द रहता है तब भी इस आसन को न करें।

3 - इन किसी को मानसिक समस्या जैसे चक्कर, सर दर्द आदि है वे भी इस आसन को करने से बचें।

4 - अगर आपके शरीर में सर्जरी या किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ है तो इश आसन को करने से बचें।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि नटराज आसन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। लेकिन अगर आपको इस आसन को करने के दौरान किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है तो यह आसन किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करना चाहिए।

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