Four-Limbed Staff Pose: चतुरंग दंडासन करते वक्त बरतें ये 4 सावधानियां, जानें इसके करने की विधि और फायदे

चतुरंग दंडासन को करने से सेहत को अनेक फायदे होते हैं। ऐसे में जानते हैं इस आसन को करने की विधि और इसके दौरान बरतने वाली सावधानी...
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Four-Limbed Staff Pose: चतुरंग दंडासन करते वक्त बरतें ये 4 सावधानियां, जानें इसके करने की विधि और फायदे


हम सब जानते हैं कि आसन को करने से सेहत को अनेक लाभ मिलते हैं। पर सवाल ये है कि किस आसन से सेहत को क्या लाभ होते हैं? बता दें, आज हम फिर एक नया आसन लेकर आए हैं। आज हम बात कर रहे हैं चतुरंग दंडासन की। बता दें कि चतुरंग दंडासन 3 शब्दों से मिलकर बनता है चतुर, अंग और दंड। अगर इन तीनों के अर्थ की बात की जाए तो चतुर का मतलब होता है 4, अंग का अर्थ होता है शरीर और अगर दंड के मतलब की बात की जाए तो इसका अर्थ होता है डंड। सूर्य नमस्कार के महत्वपूर्ण भागों में से एक चतुरंग दंडासन न केवल व्यक्ति को ताकत देता है बल्कि कलाइयों को भी मजबूती देता है। आज का हमारा लेख इस आसन के इन्हीं फायदों पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि चतुरंग दंडासन को करने से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं। साथ ही हम इसे करने की विधि और बरतने वाली सावधानी भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे।

चतुरंग दंडासन करने की विधि (Chaturanga Dandasana steps)

सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और उस पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को अपनी छाती के पास लाएं और जमीन पर टिकाएं। आप अपने शरीर का पूरा वजन हाथों पर डालें और पैरों की उंगलियों पर बल लगाते हुए पूरे शरीर को ऊपर उठाएं जैसा कि ऊपर तस्वीर में दिखाया गया है। आपकी पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए। अपनी टांगों को भी सीधा रखने के साथ-साथ अपना सारा वजन हाथों पर होना चाहिए। ध्यान दें कि सारा वजन कंधों पर और बाजू पर नहीं होना चाहिए। अब अपने सर को सीधे रखते हुए आंखों की दृष्टि को सामने की तरफ रखें। अब गहरी लंबी सांस लेते रहें और तकरीबन 50 से 60 सेकंड तक इस आसन को करें। आप इस आसन को अपनी क्षमता के अनुसार भी कर सकते हैं। आप अपनी क्षमता पर ज्यादा बल ना दें।

नोट -  दंडासन को करने से शरीर की मांसपेशियों पर काफी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में लचीलापन भी बढ़ने लगता है लेकिन ध्यान दें कि जैसा कि हमने पहले भी बताया पूरा बल हाथों पर और पैरों की उंगलियों पर होना चाहिए ना कि कंधे और बाजू पर।

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बरतने वाली सावधानी

1 - अगर आपके हाथों, कलाईयों, पैरों की उंगलियों, कोहनियों आदि में चोट लगी है तो इस आसन को ना करें।

2 - स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस आसन को करने से बचें।

3 - गर्भावस्था के दौरान भी इस आसन को नहीं किया जाता।

4 - अगर आप अपनी क्षमता से अधिक आसन को करते हैं तो पूरे शरीर में दर्द हो सकता है। ऐसे में सबसे पहले सीमित समय तय करें।

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इस आसन को करने के फायदे (Chaturanga Dandasana Benefits)

इस आसन को करने से सेहत को निम्न फायदे हो सकते हैं। जानते हैं इन फायदों के बारे में...

1 - इस आसन को करने से कंधे में मजबूती आती है।

2 - अगर आप एब्स को मजबूत बनाना चाहते हैं तो इसे अपनी दिनचर्या में जोड़ें।

3 - शरीर में लचीलापन लाने के लिए भी आप इस आसन को कर सकते हैं।

4 - कलाइयों और बाजू को मजबूती देने को ये आसन करें।

नोट - इस आसन को करने से सेहत को अनेक फायदे मिलते हैं। लेकिन हम हमेशा बताते हैं कि अपनी क्षमता पर ज्यादा जोर न दें। वरना इसके विपरीत परिणाम भी नजर आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप 15 से 20 सेकंड आसन को कर रहे हैं तो धीरे-धीरे समय को बढ़ाएं। जल्दबाजी में समय बढ़ाने से समस्या हो सकती है।

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