
Dialysis In Winter: जब मरीज की किडनी फेल हो जाती है, तो ब्लड से वेस्ट, टॉक्सिन्स बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मरीजों का डायलिसिस किया जाता है, जिसमें कृत्रिम तरीके से शरीर से ब्लड साफ करती है और शरीर का बैलेंस बनाए रखती है। सर्दियों में डायलिसिस मरीजों को काफी परेशानी होती है और क्योंकि ठंड के मौसम में शरीर का टेम्परेचर कम होता, इम्युनिटी कमजोर होती है और ब्लड प्रेशर कम-ज्यादा होता रहता है। इस वजह से सर्दियों में डायलिसिस मरीजों को आम दिनों के मुकाबले काफी चुनौतीभरा हो जाता है। इसलिए डायलिसिस के मरीजों को सर्दियों में खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। सर्दियों में डायलिसिस मरीजों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानने के लिए हमने एशियन हॉस्पिटल के किडनी डिजीज और ट्रांसप्लांट मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर और हेड डॉ. सागर गुप्ता (Dr. Sagar Gupta, Director & Head- Kidney Diseases & Transplant Medicine, Asian Hospital) से बात की।
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डायलिसिस मरीजों के लिए सावधानियां
डॉ. सागर कहते हैं, “सर्दियों में डायलिसिस मरीजों में इंफेक्शन, हाइपोथर्मिया और ब्लड प्रेशर असंतुलन का रिस्क बढ़ जाता है। थोड़ी सी लापरवाही गंभीर समस्या में बदल सकती है। इसलिए डायलिसिस मरीजों को सर्दियों में खास सावधानियां बरतनी चाहिए। ”
शरीर को गर्म रखना
सर्दियों में शरीर का टेम्परेचर कम होने पर ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है। डायलिसिस मरीजों में पहले से ही ब्लड सर्कुलेशन और थर्मल रेगुलेशन कमजोर हो सकता है। ऐसे में सर्दियों में डायलिसिस मरिजों को लेयरिंग वाले कपड़े पहनने चाहिए ताकि शरीर का टेम्परेचर बना रहे। मरीजों को डायलिसिस सेंटर जाते समय ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े, जैकेट, स्वेटर, टोपी और मफलर का जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।
इंफेक्शन से बचाव
डायलिसिस मरीजों की इम्युनिटी कमजोर होती है, ऐसे में सर्दी-खांसी, फ्लू या किसी भी तरह का इंफेक्शन होने का रिस्क बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए कमजोर इम्युनिटी वाले डायलिसिस मरीजों को भीड़भाड़ से बचना चाहिए और हाथों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। डायलिसिस मरीजों को AV फिस्टुला या कैथेटर वाली जगह साफ और सूखी जगह रखना चाहिए। अगर बुखार, खांसी या इंफेक्शन के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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सर्दियों में ब्लड प्रेशर का ध्यान
ठंड के मौसम में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना रहती है। डायलिसिस मरीजों के लिए यह कंडीशन खतरनाक हो सकती है। इसलिए रोजाना ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग करना बहुत जरूरी है। डायलिसिस मरीजों को रोजाना अपना बीपी चेक करना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह दवाइयां बंद नहीं करनी चाहिए और अगर किसी मरीज को चक्कर, सिरदर्द या घबराहट महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से चेक कराएं।
फ्लूड इंटेक पर दें ध्यान
दरअसल, ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। अगर डायलिसिस मरीजों को डिहाइड्रेशन हो जाए, तो उनमें ब्लड थिकनेस और बीपी की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए डॉक्टर ने जितना फ्लूड लेने की सलाह दी है, उतना जरूर लें। बहुत ज्यादा या कम पानी पीने से बचें और पेशाब की मात्रा और सूजन पर खास ध्यान रखें। अगर पेशाब कम या ज्यादा पीला हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।
सर्दियों में खाने-पीने का रखें ध्यान
सर्दियों में लोग अक्सर कुछ ज्यादा खाने लगते हैं और ज्यादा खाना डायलिसिस मरीजों के लिए काफी रिस्की हो सकता है। इसलिए अपनी डाइट में हाई पोटैशियम सब्जियां, हाई फॉस्फोरस फूड के साथ सूप या गर्म तरल चीजें न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह पर लें। इसके अलावा, डायलिसिस मरीजों को प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाने से बचना चाहिए।
सर्दियों में स्किन का रखें ध्यान
सर्दियों में डायलिसिस मरीजों की स्किन रूखी होती है और खुजली बढ़ सकती है। इसलिए मरीजों को अपनी स्किन हाइड्रेट रखने के लिए माइल्ड मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए और अगर खुजली या रैश हो, तो डॉक्टर जरूर बताएं।
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डायलिसिस सेशन मिस न करें
ठंड, सर्दी या थकान के कारण कई मरीज डायलिसिस टाल देते हैं, जो बहुत ही रिस्की हो सकता है। अगर डायलिसिस रेगुलर न हो, तो टॉक्सिन्स शरीर में जमा हो जाते हैं और ये मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। इसलिए मरीज को कोई भी सेशन मिस नहीं करना चाहिए। अगर बहुत ज्यादा ठंड है या फिर मौसम खराब है, तो डायलिसिस सेंटर को जरूर बताएं।
निष्कर्ष
सर्दियों के मौसम में डायलिसिस मरीजों को थोड़ी सतर्कता रखनी चाहिए ताकि उन्हें किसी भी तरह की गंभीर समस्याएं न हो। अगर किसी डायलिसिस मरीज को कुछ भी बदलाव महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। थोड़ी सी सावधानी से सर्दियों में मरीज खुद को बेहतर तरीके से रख सकते हैं।
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FAQ
डायलिसिस के दौरान ठंड लगने का इलाज कैसे करें?
हेमोडायलिसिस रोगियों में इंफेक्शन होना मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। ठंड लगने की शिकायत वाले हेमोडायलिसिस रोगियों का अक्सर ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स से इलाज किया जाता है।डायलिसिस कब बंद किया जा सकता है?
अगर किडनी का फंक्शन टेम्परेरी तौर पर सुधर जाए या मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट मिल जाए, तो डायलिसिस बंद किया जा सकता है। अगर बिना डॉक्टर की सलाह के डायलिसिस रोक दिया जाए, तो इससे जान जाने का भी रिस्क हो सकता है।डायलिसिस के मरीजों को ठंड क्यों लगती है?
किडनी की पुरानी बीमारी से पीड़ित कई मरीजों में एनीमिया की समस्या हो सकती है। इस वजह से उन्हें थकान के साथ-साथ ठंड भी लग सकती है। दरअसल, एनीमिया के कारण किडनी रोग से ग्रस्त मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वाली रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो जाती है। इस वजह से शरीर पर्याप्त गर्मी नहीं कर पाता और डायलिसिस के दौरान मरीजों को ठंड लगती है।
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Dec 26, 2025 13:41 IST
Published By : Aneesh Rawat
