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क्या वाकई डायलिसिस के मरीजों के पैरों में कमजोरी हो सकती है? जानें डॉक्टर से

डायलिसिस के मरीजों के पैरों में दर्द होना आम है। डायलिसिस कराने के बाद कुछ लोगों में न केवल मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे कई बार मरीज में मसल लॉस होने का भी जोखिम रहता है। 
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क्या वाकई डायलिसिस के मरीजों के पैरों में कमजोरी हो सकती है? जानें डॉक्टर से


Does Dialysis Cause Weakness in Legs in Hindi: डायलिसिस एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें किडनी खराब हो जाने के बाद किडनी से विषाक्त तत्वों को निकालने के लिए किया जाता है। डायलिसिस होने पर आमतौर पर शरीर में कमजोरी आ जाती है और कुछ मामलों में व्यक्ति काफी थका हुआ महसूस करता है। हालांकि, डायलिसिस कराने के कुछ नुकसान भी देखे जाते हैं। डायलिसिस होने पर कुछ लोग पैरों में कमजोरी होने का भी एहसास करते हैं। डायलिसिस होने पर पैरों में दर्द या कमजोरी होती है या नहीं आज इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में बात करेंगे।

हालांकि, डायलिसिस का मांसपेशियों पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। कई बार क्रॉनिक किडनी डिजीज होने पर भी लोगों को डायलिसिस कराने की सलाह दी जाती है। हालांकि, डायलिसिस पर रहने के बाद भी कई लोग सामान्य जीवन जीते सकते हैं। लेकिन, यह आपकी स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए हमने बीएलके मैक्स अस्पताल में Consultant-Nephrologist डॉ. भानु मिश्रा से बात की। (Kya Dialysis Hone Par Pairo Me Kamjori Hoti Hai) - 

क्या वाकई डायलिसिस के मरीजों के पैरों में कमजोरी हो सकती है? (Does dialysis cause weakness in legs in Hindi)

डॉक्टर के मुताबिक डायलिसिस के मरीजों के पैरों में दर्द होना आम है। डायलिसिस कराने के बाद कुछ लोगों में न केवल मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे कई बार मरीज में मसल लॉस होने का भी जोखिम (How to Prevent Muscle Loss in Hindi) रहता है। दरअसल, डायलिसिस कराने के बाद मरीज की शरीर में नसों को भी नुकसान होता है कई बार तो नर्व डैमेज के खतरे का भी सामना करना पड़ सकता है।

डायलिसिस होने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स भी इंबैलेंस हो जाते हैं, जो कहीं न कहीं पैरों में दर्द का कारण बनते हैं। डायलिसिस के बाद मरीजों को नसों में दर्द होने के साथ-साथ पैरों में दर्द और कमजोरी होने की भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

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मांसपेशियों पर पड़ सकता है असर

डायलिसिस होने पर मांसपेशियों पर कई तरीकों से असर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। इसके पीछे का सामान्य कारण शरीर में होने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स का इंबैलेंस माना जाता है। दरअसल, डायलिसिस में खून चढ़ाने के बाद इसका असर आपकी शरीर में मौजूद कैल्शियम और पोटैशियम पर पड़ सकता है, जिससे पैरों में कमजोरी बनी रह सकती है। यही नहीं, डायलिसिस के बाद आपको कुछ मामलों में मसल क्रैंप्स के साथ-साथ हाथ-पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में भी कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। 

डायलिसिस के मरीज कमजोरी क्यों महसूस करते हैं?

डायलिसिस के बहुत से मरीजों को आमतौर पर कमजोरी महसूस होती है। डायलिसिस होने के बाद कुछ लोगों की शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, जिससे हीमोग्लोबिन कम होने लगता है। शरीर में हीमोग्लोबिन कम होना सीधेतौर पर कमजोरी को दावत देता है।

यही नहीं, कई बार डायलिसिस होने पर मरीज को इसलिए भी कमजोरी महसूस होती है क्योंकि डायलिसिस में कई बार शरीर सुचारू रूप से ऑक्सीजन फ्लो कर पाने में समर्थ नहीं रहती है। शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण मरीज को सुस्ती और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। 

इसे भी पढ़ें - डायलिसिस के मरीजों में हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं? जानें डॉक्टर से 

कितने समय तक कराना पड़ सकता है डायलिसिस?

डायलिसिस होने पर आपका इलाज सामान्य बीमारियों से थोड़ा लंबा चल सकता है। आमतौर पर यह कहना आपकी शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है कि आपको कितने लंबे समय तक डायलिसिस कराना पड़ सकता है। हालांकि, डायलिसिस कराने की प्रक्रिया आमतौर पर 3 से 5 घंटे तक चलती है। इसलिए डायलिसिस कितने समय तक चलती है इसकी जानकारी आपको अपने डॉक्टर से लेनी चाहिए।

FAQ

  • डायलिसिस के बाद पैरों में दर्द क्यों होता है?

    डायलिसिस के बाद पैरों में दर्द होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। डायलिसिस के बाद पैरों में दर्द होने के पीछे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का इंबैलेंस होना भी जिम्मेदार होता है। 
  • क्या किडनी की बीमारी से पैरों में जलन हो सकती है?

    किडनी की बीमारी होने पर पैरों में जलन होना एक आम समस्या है। किडनी से जुड़ी ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनके होने पर मरीज को पैरों में दर्द होने के साथ ही पैरों में जलन भी हो सकती है। 
  • डायलिसिस में कौन सा अंग प्रभावित होता है?

    डायलिसिस में गुर्दे (किडनी) पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। किडनी से जुड़ी समस्याएं होना डायलिसिस में एक आम स्थिति है। 

 

 

 

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