Upward-Facing Dog Pose: ऊर्ध्वमुख श्वानासन करने से सेहत को होते हैं ये 7 फायदे, जानें इसे करने की विधि

ऊर्ध्वमुख श्वानासन करने से सेहत को कई बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में जानते हैं इस आसन को करने की विधि और मिलने वाले फायदे...
  • SHARE
  • FOLLOW
Upward-Facing Dog Pose: ऊर्ध्वमुख श्वानासन करने से सेहत को होते हैं ये 7 फायदे, जानें इसे करने की विधि


ऊर्ध्वमुख श्वानासन (Urdhva Mukha Shvanasana), जिससे अंग्रेजी में अपवर्ड फेसिंग डॉग पॉज (Upward-Facing Dog Pose) के नाम से भी जाना जाता है, 4 शब्दों से मिलकर इस शब्द का निर्माण हुआ है। चार शब्द यानी ऊर्ध्व, मुख, श्र्वान और आसन। अगर अर्थ की बात की जाए तो ऊर्ध्व का मतलब ऊपर की और होता है, जबकि मुख का अर्थ चेहरा, श्रवान का अर्थ कुत्ता और आसन का मतलब यहां मुद्रा से है। इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाते हैं। वहीं बाजू में और लोगों की कलाई में मजबूती आती है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि ऊर्ध्वमुख श्वानासन को करने का तरीका क्या (Urdhva Mukha Shvanasana steps) है। साथ ही आसन को करने से सेहत को क्या लाभ (Urdhva Mukha Shvanasana benefits) होते हैं। पढ़ते हैं आगे...

ऊर्ध्वमुख श्वानासन को करने का तरीका (urdhva mukha Shvanasana/Upward-Facing Dog Pose steps)

सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और पेट के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों और हाथों को एक सीध में रखें। आपके पैर के पंजे ऊपर की ओर होने चाहिए ना कि जमीन से लगे हुए। इस दौरान लंबी गहरी सांस लेते रहें। अपनी बाजू को मोड़ें और हाथों की मदद से अपनी छाती को थोड़ा ऊपर उठाएं। ध्यान रहे आपकी थोड़ी जमीन पर टिकी होनी चाहिए और नजर सामने की ओर होनी चाहिए। अब हाथों की मदद से अपने सर को भी ऊपर उठाएं और शरीर का भार हथेलियों और पैर के किनारों पर छोड़ दें। हथेलियों पर जोर देते हुए अपने पीठ को जितना मोड़ सकते हैं उसे मोड़ने की कोशिश करें और आपकी कलाईयां, कंधे सीधे होनी चाहिए। अब सामने की ओर देखें और लंबी गहरी सांस लें। अब 10 से 15 सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें। अब अपनी नजरों को सामने से हटा कर ऊपर छत की तरफ ले जाएं। अब अपनी क्षमता के अनुसार समय निश्चित करें और जब आपकी क्षमता पूरी हो जाए तो सांस को धीरे-धीरे छोड़कर अपने शरीर को जमीन पर रखें और अपने सर को भी पुरानी स्थिति में ले आएं। 

इसे भी पढ़ें- Yoga Mat: योग के लिए रबड़ या सूती, कौन सा मैट है जरूरी? जानें योग मैट से मिलने वाले फायदे

नोट -  जब भी आप जमीन पर लेटें तो मकरासन की स्थिति बना लें। ध्यान रखें आपके हाथ छाती के पास होने चाहिए। आपके पैर सीधे होने चाहिए और जमीन से सटे हुए होने चाहिए। जब आप अपनी छाती को ऊपर उठाएं तो भुजाएं आपकी सीधी होनी चाहिए। आपकी सांस की गति सामान्य होनी चाहिए।

बरतने वाली सावधानी

1 - ध्यान दें जब आप इस आसन को करें तो आपकी बाजू और कोहनी एकदम सीधी होनी चाहिए।

2 - इस आसन को करते वक्त अपनी पीठ को केवल उतना ही मोड़ें, जितना आप मोड़ पा रहे हैं अपनी क्षमता पर ज्यादा जोर ना दें।

3 - आपकी पंजे और पैर की उंगली अंदर की तरफ नहीं मुड़ी होनी चाहिए।

4 - गर्दन का मूवमेंट बेहद जरूरी है। ऐसे में एक बार गर्दन को सामने की ओर एक बार गर्दन को छत की और लेकर जाएं।

5 - गर्भावस्था के दौरान इस आसन को नहीं करना चाहिए।

6 - अगर आप गठिया रोग से पीड़ित हैं जो आपको दिल से संबंधित बीमारी या हाई बीपी की परेशानी है तो इस आसन को करे से बचें।

7 - अगर आपकी कलाई में चोट लगी है या कंधे भुजाएं क्षतिग्रस्त हैं तब भी इस आसन को ना करें।

इसे भी पढ़ें- Extended Angle Pose: उत्थित पार्श्वकोणासन को करने से सेहत को होते हैं ये 6 फायदे, जानें इसकी विधि

ऊर्ध्वमुख श्वानासन को करने के फायदे (urdhva mukha Shvanasana/Upward-Facing Dog Pose)

1 - इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है और वह लचीली हो जाती है।

2 - इस आसन से ना केवल पेट की मांसपेशियां बल्कि पैरों की मांसपेशियों में भी मजबूती आती है।

3 - इससे पाचन क्रिया तंदुरुस्त होती है।

4 - अगर आपको हर वक्त आलस और थकान महसूस होती है तो इस आसन को करने से समस्या भी दूर हो जाती है।

5 - कोरोना के कारण जो लोग घर से काम कर रहे हैं अक्सर उन लोगों की कमर अकड़ जाती है। ऐसे में इस समस्या को दूर करने के लिए आप इस आसन का प्रयोग कर सकते हैं।

6 - अस्थमा के रोगी इस आसन को करके अपनी समस्या को कम कर सकते हैं।

7 - कलाई और हाथ पैरों के साथ कंधे और भुजाओं में भी खिंचाव के साथ मजबूती आती है।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि ऊर्ध्वमुख श्वानासन सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। ऐसे में यहां दिए तरीकों को अपनाकर आप इस आसन को आसानी से कर सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि आप अपनी क्षमता पर ज्यादा जोर न दें।

Read More Articles on yoga in hindi

Read Next

Yoga Mat: योग के लिए रबड़ या सूती, कौन सा मैट है जरूरी? जानें योग मैट से मिलने वाले फायदे

Disclaimer