अस्थमा और सांस की बीमारियों में फायदेमंद है बुटेको ब्रीदिंग तकनीक, जानें इसे करने का तरीका और फायदे

बुटेको ब्रीदिंग तकनीक सांस लेने का एक खास तरीका है, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियों से राहत पाई जा सकती है। यहां जानें इसके बारे में
  • SHARE
  • FOLLOW
अस्थमा और सांस की बीमारियों में फायदेमंद है बुटेको ब्रीदिंग तकनीक, जानें इसे करने का तरीका और फायदे


बुटेको ब्रीदिंग तकनीक (Buteyko Breathing Technique) सांस लेने के पैटर्न को सही करने के लिए नाक के माध्यम से उथली सांसो का उपयोग करती है। यह शरीर के भीतर गैसों के अनुपात को सामान्य करती है। जो बदले में रेस्पिरेटरी समस्याओं से छुटकारा दिलाती है। बुटेको ब्रीदिंग तकनीक से आप अपनी सांसों को नियंत्रित करना सीखते हैं। जिसके द्वारा आप सांस न लेने की स्थिति में ठीक प्रकार से इसके पैटर्न को समझते हुए सांस ले पाते हैं। धीरे धीरे, प्रभावित तरीके से और आराम से सांस लेने की तकनीक समझ तो आती ही है साथ ही यह आपको अस्थमा, चिंतन और विभिन्न प्रकार की नींद की समस्याओं से राहत दिलाती है। बुटेको ब्रीदिंग तकनीक बहुत सारे लाभ हैं जिसमें यह ब्रेथ अवेयरनेस को इंप्रूव करती है, नॉस्ट्रिल के द्वारा ब्रेथिंग को बढ़ावा देती है और ओवर ब्रेथिंग की सीमा तय करती है।अगर आप बुटेको ब्रीदिंग तकनीक को अच्छे से सीख लेते हैं और इसका प्रयोग करते हैं तो इसके माध्यम से आप प्रभावी रूप से और अच्छे प्रकार से सांस लेना सीख पाएंगे और आपको छींक आना, खांसी होना और सांस फूलने जैसी समस्याओं से भी राहत मिल सकेगी। यह आपके बंद हुए नाक के रास्ते को ब्लॉक होने से बचाती है और आपको बिना वजह की आने वाली खांसी आदि से भी राहत दिलाती है।

asthma patient

ब्रीदिंग को रेगुलेट करती है ( Regulates Breathing)

यह तकनीक उन लोगों के लिए लाभदायक होती है जो बहुत तेजी से सांस लेते हैं। ऐसा अधिकतर अस्थमा के रोगियों में पाया जाता है। यह उन लोगों के लिए भी सहायक होती है जो कुछ काम करते समय अच्छे से सांस नहीं ले पाते हैं। यह तकनीक आपकी स्ट्रेस को कम करती है,  आपको अच्छी नींद आने में सहायक होती है और घर्राटे आदि की समस्या से राहत दिलाती है। 

अस्थमा और एंजाइटी से राहत (Treats Asthma Problem)

चूंकि यह तकनीक आपको ओवर ब्रीदिंग से राहत दिलाती है इसलिए यह आपके अस्थमा को कंट्रोल करने में सहायक होती है। इस तकनीक के माध्यम से आप अपने ब्रीदिंग पैटर्न को स्थिर करती है और आपके रेस्पिरेटरी रेट को कम करती है। यह अापके शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड लेवल को बैलेंस करती है और एंजाइटी को भी कम करती है।

युस्ताचियन ट्यूब की समस्याओं को आसान करती है(Eases eustachian)

जिन लोगों को इस ट्यूब के डिस्फंक्शन की समस्या होती है यह तकनीक उन लोगों के लिए भी बहुत लाभदायक होती है। इसके कारण आपको मिडिल इयर में दर्द की समस्या होती है। जिन लोगों के ग्रुप ने यह तकनीक अपनाई उन्हें इस ट्यूब से संबंधित समस्याओं में बहुत आराम मिला और कान के दर्द में भी फुर्सत मिली।

इसे भी पढ़ें- मौसम बदलने के दौरान कहीं आप न हो जाएं अस्थमा के शिकार, जानें बचाव के लिए जरूरी टिप्स

इसे कैसे करें? (Ways to Perform)

breathing technique

इस तकनीक के माध्यम से आप अपनी ब्रीदिंग रिदम को बैलेंस कर सकते हैं। इसमें आप अपनी सांस को रोकना और छोड़ना सीखने की कुछ एक्सरसाइज ट्राई करेंगे।

क्या तैयारियां करें?

  • कुर्सी या जमीन पर बैठें।
  • अपनी स्पाइन को बिल्कुल सीधी रखें ताकि आप एक अप राइट पोस्चर बना सकें।
  • अपनी रेस्पिरेशन मसल्स को रिलैक्स करें।
  • कुछ मिनट के लिए सामान्य तरह से सांस लें।

कंट्रोल करना और रुकना 

  • रिलैक्स होकर सांस छोड़ने के बाद अपनी सांस को होल्ड करें।
  • अपने अंगूठे और इंडेक्स फिंगर की मदद से अपने एक नाक को बंद करें।
  • अपनी सांस को तब तक रोकें जब तक आपको सांस लेने की जरूरत महसूस न हो सके और उसके बाद सांस अंदर लें।
  • 10 सैकंड के लिए सामान्य रूप से सांस लें।
  • इसे ऐसे ही रिपीट करें।

अधिक समय तक रुकना

  • आराम से सांस छोड़ने के बाद अपनी सांस रोकें।
  • अपनी इंडेक्स फिंगर और अंगूठे की मदद से नाक को रोकें।
  • अपनी सांस को जीतने ज्यादा समय तक रोक सकते हैं उतने समय तक रोकें और ऐसे ही रहें।
  • जब आपको लगने लगे कि अब आप और अधिक सांस लिए बिना नहीं रुक सकते हैं तो सांस लें।
  • 10 सैकंड के लिए सामान्य रूप से सांस लें।
  • इसे कई बार रिपीट करें।

इसे भी पढ़ें- अस्थमा (Asthma) और लंग कैंसर (Lung Cancer) के रोगियों के लिए फायदेमंद हैं ये 5 योगासन

बिगिनर्स के लिए टिप्स

  • जब आप सांस लेते हैं और छोड़ते हैं तो हमेशा नाक का प्रयोग ही करें।
  • अगर आपको चिंता होने लगे या सांस फूलने लग जाए तो सामान्य रूप से ही सांस लें।
  • जब आपको इस तकनीक की प्रैक्टिस करते हुए ज्यादा समय होने लगे तो फिर अपनी सांस अधिक समय तक होल्ड करें। 

बुटेको ब्रीदिंग तकनीक के बहुत से फायदे हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। खासकर कि यदि आप हायपर टेंशन, एपिलेप्सी, दिल के मरीज या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तो आपको यह तकनीक नहीं अपनानी चाहिए। इस तकनीक को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें ।

Read more on Miscellaneous in Hindi 

Read Next

इन 11 कारणों से लग सकती है बार-बार पेशाब, डॉक्टर से जानें हमेशा ब्लैडर के भरे रहने का कारण

Disclaimer