अस्थमा फेफड़ों की घातक और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है, जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है। कई बार अस्थमा के मरीज के फेफड़ों में सूजन आ जाती है और जिससे उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। अस्थमा के कारण घरघराहट, सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ और कफ की समस्या आदि भी हो जाती है। अक्सर अस्थमा की बीमारी किसी खास मौसम में बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि हम इसके लिए थोड़ा एतिहात बरतें और कुछ चीजों से बच कर रहें। साथ ही जरूरी यह भी है कि अस्थमा के रोगी अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव भी करें। वह उन चीजों से बच के रहें, जिनसे अक्सर उन्हें अस्थमा का अटैक पड़ता है। खासकर बदलते हुए मौसम में जब सुबह की हल्की ठंड और नमी के कारण भी आपको अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। साथ घर में होने वाली छोटी-छोटी चीजों को भी ख्याल रखा जाए तो हम अस्थमा से बच सकते हैं। आइ हम आपको बताकते हैं अस्थमा से बचने के कुछ आसान उपाय।
अस्थमा से बचने के कुछ आसान उपाय-Prevention tips for asthma
धूल से बचें
अस्थमा के रोगियों को घर के अंदर और बाहर स्वयं को धूल से बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। चिकित्सकों का मानना है कि वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण अस्थमा के रोगियों में श्वास संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।साथ ही ऐसी जगहों पर खास साफ सफाई रखें जहां धूल जम जाती हो क्योंकि दमा पैदा करने वाले एलर्जेन आपको नुकसान पहुंचा सकते है। घर के अंदर और बाहर वातावरण में मौजूद नमी आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। दिन में घर के अंदर धूप आने दें और शाम होते ही खिड़कियां और दरवाज़े बंद कर दें, जिससे वायु की गुणवत्ता बनी रहे।
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प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनायें
हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना है, तो पौष्टिक आहार का सेवन करें। अपने खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसे मौसमी फलों को शामिल करें। बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भरपूर नींद लें और तनाव के स्तर को कम रखें। इस तरह आप खुद के मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रख कर अस्थमा से बचा सकते हैं।
ताजे फलों का सेवन करें
ताजे फल एंटीऑक्सीडेंट और बीटा कैरोटिन का अच्छा सोर्स होते हैं इसलिए अस्थमा के मरीज को ताजे फलों का सेवन करना चाहिए। कीवी और संतरा जैसे फलों में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन-सी और विटामिन-ई पाया जाता है। इस प्रकार के फलों को खाने से फेफड़ों में सूजन और जलन कम होती है। साथ ही आप कई सारे इंफेक्शन से भी बचे रह सकते हैं।
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हमेशा नाक से सांस लेने की कोशिश करें
अस्थमा के रोगियों को अक्सर नाक से सांस लेने में परेशानी होती है। इसलिए हमेशा नाक से सांस लेने की कोशिश करें खासकर व्यायाम और योग के दौरान। दरअसल व्यायाम और योग के दौरान अगर आपको सांसे लेने में परेशानी हो रही है तो आप ऐसे व्यायाम और योग को करने से बचें। क्योंकि अगर आप इस दौरान मुंह से सांस लेंगे, तो आपको परेशानी हो सकती है। अच्छा होगा आप बाहर मास्क लगाकर व्यायाम करें।
इन बातों का रखें ख्याल-
- अपना इन्हेलर हमेशा अपने पास रखें।
- एसी या पंखे के बिलकुल नीचे ना बैठें।
- धूल भरे वातावरण से ढककर रखें।
- घर और बाहर तापमान में परिवर्तन से सावधान रहें।
- फ्लू से बचें।
- इन सामान्य बातों पर नज़र रखकर दमा रोगी भी सर्दियों का मज़ा ले सकते हैं।
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