बारिश का मौसम जहां ठंडक और राहत लेकर आता है, वहीं कई लोगों के लिए यह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की वजह भी बन जाता है। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से दमा, ब्रोंकाइटिस या एलर्जी जैसी समस्याएं होती हैं, वे इस मौसम में ज्यादा असहज महसूस करते हैं। कई लोगों को अचानक सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, बार-बार खांसी आना या भारीपन महसूस होने लगता है। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, और बिना किसी लक्षण के भी अचानक सांस रुकने जैसा अनुभव हो सकता है। लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव ने बताया कि इस मौसम में वातावरण में नमी, फंगल ग्रोथ, एयर क्वालिटी में बदलाव और एलर्जेन्स की मौजूदगी बढ़ जाती है, जो सांस से जुड़ी समस्याओं को जन्म देती है। अगर आपको भी बारिश के दौरान बार-बार सांस फूलने या सीने में दबाव जैसी शिकायत होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर बारिश के दिनों में सांस लेने में परेशानी क्यों होती है, इसके पीछे क्या कारण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
1. वातावरण में नमी का बढ़ना- Rise in Humidity
- बारिश के मौसम में हवा में नमी (ह्यूमिडिटी) का लेवल बहुत बढ़ जाता है। यह नमी, वायुमार्ग में सिकुड़न का कारण बनती है जिससे फेफड़ों में हवा का प्रवाह धीमा हो जाता है।
- ज्यादा नमी से सांस लेने में भारीपन महसूस होता है।
- दमा के मरीजों के लिए यह स्थिति ट्रिगर का काम करती है।
- बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है।
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2. एलर्जी और फंगल इंफेक्शन का खतरा- Risk of Allergies and Fungal Infections
- बारिश में घर की दीवारों, पर्दों, बिस्तरों में नमी के कारण फंगस और मोल्ड विकसित होते हैं। ये एलर्जेन्स हवा में फैलकर सांस से शरीर में पहुंच जाते हैं।
- इससे नाक बंद, छींक, आंखों में जलन और सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
- जो लोग धूल या पालतू जानवरों से एलर्जिक होते हैं, उन्हें ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
- घर को साफ और सूखा रखें, खासकर नमी वाले कोनों में।
3. वायु गुणवत्ता में गिरावट- Drop in Air Quality
बारिश के साथ-साथ हवा में धूल और हानिकारक गैसें भी तैरती रहती हैं। बारिश के बाद जमीन से उठती गंध और सड़ती चीजें वायुमंडल को दूषित करती हैं। इससे सांस से जुड़ी समस्याएं और एलर्जी ज्यादा हो सकती है। शहरी इलाकों में बारिश के बाद स्मॉग जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है।
4. इंफेक्शन और वायरल का खतरा- Higher Risk of Infection and Viruses
- बारिश में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं। सर्दी, खांसी, गले में खराश जैसी समस्याएं सांस लेने में रुकावट बन सकती हैं।
- कमजोर इम्यूनिटी वालों को इंफेक्शन जल्दी पकड़ता है।
- सांस की नली में सूजन आ सकती है जिससे सांस फूलती है।
- बच्चों और सीनियर सिटीज़न्स को सबसे ज्यादा खतरा होता है।
5. मानसिक तनाव और पैनिक अटैक- Mental Stress and Panic Attacks
- बारिश के मौसम में घर के अंदर ज्यादा रहना, कम धूप मिलना और मौसम का असर, मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है।
- कुछ लोगों को पैनिक अटैक या घबराहट के कारण भी सांस लेने में दिक्कत होती है।
- सांस फूलना केवल फिजिकल नहीं, साइकोलॉजिकल कारण से भी हो सकता है।
6. हृदय और फेफड़ों से जुड़ी पुरानी बीमारियों का असर- Effect of Chronic Heart and Lung Diseases
- जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (COPD) जैसी समस्या होती है, उनके लिए बारिश का मौसम और ज्यादा जोखिम भरा होता है।
- फेफड़ों में पानी भरने या ब्लड फ्लो में रुकावट के कारण सांस लेने में परेशानी बढ़ जाती है।
- ऐसे रोगियों को मॉनसून में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
बारिश में सांस लेने की समस्या से कैसे बचें?- How to Prevent Breathing Issues During Monsoon
- घर में नमी को कम करें। डीह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
- रोजाना हल्की एक्सरसाइज और प्राणायाम करें ताकि फेफड़े मजबूत रहें।
- घर की साफ-सफाई का ध्यान रखें, खासतौर पर बिस्तर, तकिया और पर्दे की।
- गर्म पानी पिएं, भाप लें और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ लें।
- अगर सांस लेने में लगातार तकलीफ हो रही हो, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
इनडोर एयर क्वालिटी का रखें ध्यान- Improve Indoor Air Quality
- घर के अंदर की हवा को साफ रखने के लिए एचईपीए (HEPA) फिल्टर वाला एयर प्यूरिफायर लगाएं।
- खिड़कियां रोजाना थोड़ी देर के लिए खोलें ताकि ताज़ी हवा अंदर आ सके और सीलन न जमे।
- घर में नेफ्थलीन बॉल्स या कपूर रखने से भी फंगल ग्रोथ कम होती है।
इम्यूनिटी मजबूत करें- Boost Your Immunity
- अदरक, हल्दी, तुलसी, गिलोय, शहद आदि का सेवन करें जो रेस्पिरेटरी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
- विटामिन-सी (आंवला, नींबू), विटामिन-डी और जिंक से भरपूर चीजें लें।
- पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करें क्योंकि मानसिक तनाव भी सांस की दिक्कत को बढ़ा सकता है।
पालतू जानवरों और बिस्तर की साफ-सफाई करें- Keep Pets and Bedding Clean
- पालतू जानवरों को गीला होने के बाद अच्छी तरह सुखाएं।
- तकिए, चादरें और मैट्रेस को हर 3-4 दिन में धूप में रखें या ड्राई क्लीन कराएं।
आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय आजमाएं- Try Ayurvedic and Home Remedies
- हल्दी वाला दूध, तुलसी-अदरक की चाय, लौंग और मुलेठी का काढ़ा सांस की नली को साफ करता है।
- भाप लेना (Steam Inhalation) भी बंद नाक और सीने की जकड़न को दूर करता है।
बारिश का मौसम खुशनुमा जरूर होता है, लेकिन सांस की बीमारियों के लिए एक चुनौती भी बन जाता है। वातावरण में बढ़ी नमी, फंगल इंफेक्शन, एलर्जेन्स और वायरल इंफेक्शन, ये सभी मिलकर श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। साफ-सफाई, सही डाइट और समय पर डॉक्टर की सलाह लेने से आप इस मौसम में भी स्वस्थ रह सकते हैं।
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FAQ
बारिश होने पर सांस लेना इतना मुश्किल क्यों होता है?
बारिश में हवा में नमी, पराग और फफूंद के कण बढ़ जाते हैं। यह एलर्जी और सांस की तकलीफ को बढ़ाते हैं, जिससे अस्थमा या सीने में जकड़न हो सकती है।जब ज्यादा सांस फूलने लगे तो क्या करें?
अगर सांस फूलने लगे तो आराम करें, गहरी सांस लें, ठंडी हवा से दूर रहें और जरूरत पड़ने पर इनहेलर लें। बार-बार ऐसा हो, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।किस बीमारी से सांस लेने में तकलीफ होती है?
अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, सीओपीडी, हार्ट फेल्योर और निमोनिया जैसी बीमारियों में सांस लेने में दिक्कत होती है। एलर्जी और इंफेक्शन भी इसका कारण हो सकते हैं।