Respiratory Failure: सांस से जुड़ी इस गंभीर समस्या के हो सकते हैं ये 5 कारण, सही नहीं है अनदेखी

Respiratory Failure Risk Factors In Hindi: रेस्पिरेटरी फेलियर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लंग्स में चोट लगना, संक्रमण या धूम्रपान और शराब का सेवन करना।
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Respiratory Failure: सांस से जुड़ी इस गंभीर समस्या के हो सकते हैं ये 5 कारण, सही नहीं है अनदेखी

Respiratory Failure Risk Factors In Hindi: जिस तरह से दिल्ली-एनसीआर की हवा बदल रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में लोगों में फेफड़ों से जुड़ी समस्या होने को जोखिम बढ़ेगा। खासकर, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, जो पहले से बीमार हैं, छोटे बच्चे और प्रेग्नेंट महिलाओं को इस तरह की समस्या हो सकती है। यहां तक कि रेस्पीरेटरी फेलियर भी हो सकता है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण महज एक कारण है। सांस से जुड़ी परेशानी होने के और भी कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में हम उन्हीं का जिक्र करेंगे।

सांस से जुड़ी समस्या के जोखिम कारक- Respiratory Failure Risk Factors In Hindi

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धूम्रपान

सांस से जुड़ी समस्या होने के पीछे धूम्रपान करना बहुत बड़ा कारण है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, न सिर्फ उनकी सेहत बिगड़ती है, बल्कि उनके आसपास रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभातिव होता है। धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में घातक होता है। वहीं, सांस संबंधी समस्या भी इसके कारण हो सकती है।

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फैमिली हिस्ट्री

अगर परिवार में पहले से किसी को यह समस्या है, तो संभवतः भावी पीढ़ी को भी यह परेशानी हो सकती है। इसलिए, जिन लोगों के घरों में रेस्पिरी प्रॉब्लम या संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोग हैं, उन्हें इस बारे में सजग रहना चाहिए। विशेषकर, बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम ट्रिगर हो सकती है।

शराब का सेवन

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जो लोग बहुत ज्यादा शराब का सेवन करते हैं, उन्हें भी इस तरह की समस्या का जोखम रहता है। दरअसल, शराब का सेवन करने से शरीर के कई तरह के फंक्शन प्रभावित होते हैं। इसका निगेटिव असर इम्यून रेस्पॉन्स पर भी पड़ता है। यहां तक कि शराब की वजह से सीलिया फंक्शन भी पर निगेटिव असर पड़ता है। सीलिया, लंग्स में मौजूद एक तरह का बाल जैसा पतला प्रोजेक्शन है, जो बलग को साफ करने में मदद करता है। इसके अलावा, शराब का सेवन करने से ऑक्सीडेटिव डैमेज भी होता है, जो बढ़ती उम्र की परेशानियों को बढ़ावा दे सकता है।

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चोट लगना

अगर किसी को चेस्ट, ब्रेन या स्पाइन इंजुरी होती है, तो भी रेस्पिरेटरी फेलियर का जोखिम रहता है। दरअसल, जब चेस्ट में चोट लगती है, जो इसकी वजह से एयरवेज चोटिल हो सकता है, जिससे हवा आने-जाने का पैसेज बाधित हो सकता है। इसी तरह चोट लगने पर उन मसल्स, लंग्स, नर्व्स और हड्डियों को भी नुकसान हो सकता जो सांस लेने से संबंधित हैं। अगर इस तरह परेानी हो जाए, तो रेस्पिरेटरी फेलियर हो सकता है।

अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

अगर किसी को सर्कुलेटरी समस्या है, लंग्स इंफेक्शन है और गंभीर एलर्जी है, तो भी रेस्पिरेटरी फेलियर की आशंका बढ़ सकती है। इस तरह की परेशानी हो, तो व्यक्ति को इसकी जरा भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उन्हें अपनी कंडीशन का इलाज करवाना चाहिए।

All Image Credit: Freepik

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