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पैनिक अटैक क्यों आता है? जानें इसके कारण और मैनेज करने के 5 तरीके

पैनिक अटैक आने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और शरीर से बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है। ऐसे में एक्सपर्ट की मदद लेना जरूरी हो जाता है। 
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पैनिक अटैक क्यों आता है? जानें इसके कारण और मैनेज करने के 5 तरीके


What Triggers Panic Attacks Tips To Manage In Hindi: Wellness Road Psychology में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, "पैनिक अटैक जानलेवा नहीं है और न ही यह किसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत करता है। इसके बावजूद, यह डरावना है। जिन लोगों को पैनिक अटैक्स आते हैं, वे जानते हैं कि ऐसा होने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, हाथ-पांव कांपने लगते हैं और बहुत ज्यादा घुटन महसूस होती है।" इसी से आप अदांजा लगा सकते हैं कि यह कितनी खतरनाक है। पैनिक अटैक कई कारणों से आ सकते हैं। लेकिन, इससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि आखिर पैनिक अटैक्स किन कारणों से ट्रिगर होती है। साथ ही, क्या पैनिक अटैक को मैनेज किया जा सकता है? बिल्कुल किया जा सकता है। यहां हम उन्हीं बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जो पैनिक अटैक को ट्रिगर करती हैं और उन्हें मैनेज करने के तरीकों के बारे में। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।

पैनिक अटैक क्यों ट्रिगर होती है?- What Triggers Panic Attacks In Hindi

What Triggers Panic Attacks In Hindi

वैसे तो पैनिक अटैक ट्रिगर होने की कोई फिक्स वजह नहीं है। इसलिए, पैनिक अटैक के ट्रिगर बिंदुओं को समझना मुश्किल हो सकता है। फिर भी विशेषज्ञों की मानें, तो कुछ बातें पैनिक अटैक ट्रिगर कर सकती हैं, इनमें शामिल हैं-

  • रिश्तों में दरार
  • फाइनेंशियल प्रॉब्लम
  • दवा के दुष्प्रभाव
  • कैफीन जैसे कुछ पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता
  • दर्दनाक घटनाएं या दुर्घटनाएं
  • आसपास लोगों का बुरा प्रभाव
  • पोषक तत्वों की कमी
  • तनाव का स्तर बढ़ना
  • अत्यधिक चिंता
  • नशीले पदार्थों का सेवन

पैनिक अटैक के लक्षण- Symptoms Of Panic Attacks 

असल में पैनिक अटैक इंटेंस एंग्जाइटी का ही एक रूप होता है। पैनिक अटैक आने पर आपको निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं-

  • हाथ-पांव कांपना
  • किसी चीज में फोकस न करना
  • जी मिचलाना
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • मुंह का सूखना
  • सांस फूलना
  • पसीना आना
  • चक्कर आना

पैनिक अटैक को मैनेज करने के तरीके- How To Manage Panic Attack In Hindi

How To Manage Panic Attack

ब्रीदिंग एक्सरसाइज करेंः पैनिक अटैक फील होने पर आप तुरंत ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। दरअसल, पैनिक अटैक आने पर अक्सर सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। अगर, इस कंडीशन में आप तुरंत ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने लगें, तो इससे आपको सांसों की गति कंट्रोल में आ जाएगी और दिल की धड़कन भी स्थिर होने लगेगी। असल में, यह इंस्टेंट रिलीफ के लिए अच्छा ऑप्शन हो सकती है।

वजह पहचानेंः पैनिक अटैक से बचने के लिए जरूरी है कि आप उस वजह को पहचनाने की कोशिश करें। अक्सर यह होता है कि पैनिक अटैक आने पर लोग अपना ध्यान भटकाने लगते हैं यानी डिस्ट्रैक्ट होने की कोशिश करते हैं। यह आपकी समस्या का समाधान नहीं है। आपको चाहिए कि वजह को पहचानें और इससे निपटने की कोशिश करें।

किसी को पास बुला लेंः पैनिक अटैक आने पर साथ में कोई हो, तो तुरंत रिलीफ मिलने में मदद मिलती है। साथ में जो भी है, उससे तुरंत बात करने लगें। ऐसा करने से आपका मन हल्का होने लगेगा और अटैक के लक्षण धीरे-धीरे कम हो जाएंगे।

कैफीन से दूर रहेंः कैफीन जैसी चीजें अक्सर पैनिक अटैक के रिस्क को बढ़ा देती है। अगर आपको अक्सर पैनिक अटैक्स आते हैं, तो आपको कैफीन और कैफीन युक्त अन्य चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए। आपको बता दें कि अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन हेल्थ के लिए सही नहीं माना जाता है।

कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी की मदद लेंः कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी एक तरह की प्रोसेस होती है, जिसकी मदद से आप अपने अंदर आ रही नेगेटिव थॉट्स से छुटकारा पा सकते हैं। इसके साथ ही, इसकी मदद से अपने सोचने के पैटर्न में बदलाव कर सकते हैं। इस थेरेपी की मदद से पैनिक अटैक की फ्रीक्वेंसी में कमी आती है और लाइफ में पॉजिटिविटी बढ़ती है। ध्यान रखें की इसके लिए आपको एक्सपर्ट की मदद लेनी पड़ती है।

image credit: freepik

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