What Are Nocturnal Panic Attacks: मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज करने से शरीर गंभीर रूप से इनका शिकार हो जाता है। स्ट्रेस, एंग्जायटी, पैनिक अटैक जैसी स्थितियों में सही कदम न उठाने के कारण मरीज की मौत का खतरा भी बना रहता है। पैनिक अटैक एक गंभीर स्थिति है और इसकी वजह से कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक भी आ सकता है। पैनिक अटैक का ही के प्रकार है नॉक्चरनल पैनिक अटैक (Nocturnal Panic Attack)। इसे रात में आने वाला पैनिक अटैक कहते हैं। रात में सोते समय अचानक नींद खुलने पर पसीना, हार्ट बीट तेज होना और डर लगना नॉक्चरनल पैनिक अटैक का लक्षण होता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं नॉक्चरनल पैनिक अटैक के बारे में।
नॉक्चरनल पैनिक अटैक क्या है?- What Are Nocturnal Panic Attacks in Hindi
पैनिक अटैक जानलेवा नहीं है और न ही यह किसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत करता है। इसके बावजूद, यह डरावना है। जिन लोगों को पैनिक अटैक्स आते हैं, वे जानते हैं कि ऐसा होने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, हाथ-पांव कांपने लगते हैं और बहुत ज्यादा घुटन महसूस होती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं, "नॉक्चरनल पैनिक अटैक गहरी नींद में आने वाला पैनिक अटैक है। इस स्थिति में व्यक्ति अचानक नींद से जग जाता है और सांस फूलने लगती है। यह भले ही कुछ मिनटों के लिए हो लेकिन इस दौरान मरीज की हालत बेहद खराब हो जाती है।"
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नॉक्चरनल पैनिक अटैक के लक्षण- Nocturnal Panic Attack Symptoms in Hindi
नॉक्चरनल पैनिक अटैक आने पर यह लक्षण दिखाई देते हैं-
- शरीर में कंपकंपी
- सांस लेने में कठिनाई
- घुटन महसूस होना
- बहुत ज्यादा ठंड लगना
- ठंड के साथ पसीना आना
- दिल की धड़कन तेज होना
- पेट में दर्द महसूस होना
- बेहोशी और चक्कर आना
- सुन्न या झुनझुनी महसूस होना
- मरने का डर लगना
नॉक्चरनल पैनिक अटैक के कारण- Nocturnal Panic Attack Causes in Hindi
इस स्थिति के लिए कोई सटीक कारण जिम्मेदार नहीं होते हैं। मानसिक बीमारियां जैसे स्ट्रेस, एंग्जायटी, नींद की कमी जैसे कारण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ लोगों में पैनिक अटैक का कारण नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर भी इस स्थिति के लिए इन्हीं चीजों को जिम्मेदार मानते हैं।
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नॉक्चरनल पैनिक अटैक से बचाव के लिए आप कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी अपना सकते हैं। यह एक तरह की प्रोसेस होती है, जिसकी मदद से आप अपने अंदर आ रही नेगेटिव थॉट्स से छुटकारा पा सकते हैं। इसके साथ ही, इसकी मदद से अपने सोचने के पैटर्न में बदलाव कर सकते हैं। इस थेरेपी की मदद से पैनिक अटैक की फ्रीक्वेंसी में कमी आती है और लाइफ में पॉजिटिविटी बढ़ती है। ध्यान रखें की इसके लिए आपको एक्सपर्ट की मदद लेनी पड़ती है।
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