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सर्दियों में कई लोगों में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती है। ऐसे में ठंडी हवा उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। ऐसे में कई लोग ठंड से बचने के लिए रूम हीटर का इस्तेमाल करते हैं, जो कई बार सांस से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है। हालांकि, सांस की समस्या वाले मरीजों को हीटर का इस्तेमाल सही तरीके और सावधानी से करना बहुत जरूरी है। बता दें कि अस्थमा, COPD (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज), ब्रोंकाइटिस या एलर्जी जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीज ठंडी हवा और अचानक तापमान बदलने से अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक हीटर का उपयोग करने से हवा तो गर्म हो जाती है, लेकिन हवा ड्राई हो सकती है, जो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। इसलिए, सर्दियों में सांस से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित मरीजों के लिए हीटर का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। आइए इस लेख में हम नोएडा के मेट्रो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट-पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर, डॉ. दीपक प्रजापत से जानते हैं कि सर्दियों में सांस की समस्या होने पर हीटर का इस्तेमाल करना कितना और कैसे सुरक्षित है?
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सर्दियों में हीटर का इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित है?
डॉ. दीपक प्रजापत के अनुसार, हीटर आपकी सेहत पर कैसा असर डाल रहा है ये बात काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कौन-सा हीटर उपयोग कर रहे हैं और उसका इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं।
1. इलेक्ट्रिक हीटर
इलेक्ट्रिक हीटर का उपयोग करने से कमरे की हवा तेजी से गर्म करता है, लेकिन इससे आपकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि ये हवा को ज्यादा सूखा बना देता है। कमरे की हवा ड्राई होने के कारण गले में खराश, सूखी खांसी, सांस लेने के दौरान जलन, अस्थमा अटैक की संभावना आदि समस्याएं बढ़ जाती है। सांस से जुड़ी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर नुकसानदायक हो सकता है।
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2. ऑयल हीटर
ऑयल हीटर का इस्तेमाल करने से आपके कमरे की हवा धीरे-धीरे गर्म होती है और यह हवा को ज्यादा ड्राई नहीं बनाता है। यह हीटर पर्यावरण में नमी को काफी हद तक बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए, अगर आपको अस्थमा या सांस से जुड़ी समस्या है तो आप ऑयल हीटर का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि ये सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
3. गैस हीटर
गैस हीटर कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसें छोड़ सकते हैं। ऐसे में अगर आपके कमरे में सही वेंटिलेशन नहीं हो तो यह सांस लेने में भारीपन और चक्कर आने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। सांस की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए यह तभी सुरक्षित विकल्प हो सकता है जब आपके कमरे में हवा अच्छी तरह आती हो, दरवाजे-खिड़कियां थोड़ी खुली हों। अगर ऐसा नहीं है तो आपको इनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
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डॉक्टर की सलाह
डॉ. दीपक प्रजापत के अनुसार सांस की समस्या से पीड़ित मरीज हीटर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ठंडी हवा खुद ही उनके स्वास्थ्य के लिए समस्या का कारण बन सकती है। इसलिए, हीटर का सही और सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप इन बातों का ध्यान रखें-
- हीटर का इस्तेमाल करते समय कमरे की हवा को सूखने न दे, बल्कि नमी बनाए रखने में मदद करें। इसके लिए आप ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें और कमरे में पानी से भरा कटोरा रखें। कमरे की नमी बनी रहने से फेफड़ों में जलन कम होती है और सांस लेना आसान होता है।
- हीटर को सीधे चेहरे या श्वसन मार्ग की ओर न रखें, क्योंकि बहुत गर्म हवा सीधे चेहरे पर पड़ने से खांसी बढ़ सकती है, गला सूख सकता है और सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसलिए, हीटर को हमेशा थोड़ा दूरी पर रखें।
- कमरे को समय-समय पर हवादार रखने की कोशिश करें। हर 2 से 3 घंटे में थोड़ी देर के लिए खिड़कियां खोलें, ताकि कमरे में ताजी हवा आ सके, धूल, गैस और बैक्टीरिया बाहर निकल सके, क्योंकि बेहतर वेंटिलेशन सांस की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत जरूरी है।
- हीटर पर जमी धूल और फंगस गर्म होकर हवा में फैल सकते हैं, जिससे एलर्जी और अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए, आप हर कुछ दिनों में हीटर की सफाई जरूर करें।
- कमरे के तापमान को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें, क्योंकि बहुत गर्म कमरा भी आपके फेफड़ों और गले पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
निष्कर्ष
अस्थमा या सांस से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित मरीजों के लिए हीटर का इस्तेमाल सही तरह से उपयोग करने पर ही सुरक्षित है। अगर आप गलत तरीके से हीटर का उपयोग करते हैं तो इससे आपको सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है और अस्थमा की समस्या बदतर हो सकती है।
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Dec 05, 2025 15:59 IST
Published By : Katyayani Tiwari