
दिवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस दौरान सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) मरीजों की तकलीफ बढ़ सकती है। दिवाली में आतिशबाजी, धूल और धुएं के कारण वायु की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है जिससे सांस लेने में कठिनाई, खांसी और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दिवाली के समय अक्सर यह देखने को मिलता है कि प्रदूषण का लेवल तेजी से बढ़ने लगता है, ऐसे में सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च की मानें, तो भारत में 2016 में सीओपीडी के कारण होने वाली बीमारियों का प्रमुख कारण वायु प्रदूषण था, जिसने सीओपीडी से संबंधित कुल बीमारियों में से आधे से ज्यादा योगदान दिया। इसका मतलब है कि सीओपीडी के मरीजों को दिवाली पर प्रदूषण के खिलाफ बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। इस लेख में हम आपके साथ शेयर करेंगे कुछ एक्सपर्ट टिप्स जिनकी मदद से सीओपीडी मरीज त्योहार का आनंद भी उठा पाएंगे और प्रदूषण-धुएं से उन्हें बचने में मदद भी मिलेगी। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ. राजेश हर्षवर्धन और लखनऊ, विकास नगर स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
1. दिवाली पर प्रदूषण से बचने के उपाय अपनाएं- Ways To Prevent Pollution In Diwali
- डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि सीओपीडी के मरीजों को खासतौर पर एन95 और एन99 जैसे मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि हानिकारक कण, फेफड़ों तक न पहुंचें।
- दिवाली के दौरान घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और खिड़कियों को बंद रखें।
- दिवाली के दौरान जितना संभव हो घर के अंदर रहें, खासकर सुबह और रात के समय जब प्रदूषण का लेवल सबसे ज्यादा हो।
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2. पोषण और हाइड्रेशन पर फोकस करें- Focus On Nutrition And Hydration
- शरीर के टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने के लिए हाइड्रेशन का ख्याल रखें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हर्बल ड्रिंंक्स का सेवन करें।
- कैफीन और डिहाइड्रेटिंग ड्रिंक्स से बचें।
- न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फल और सब्जियों का सेवन करें, इससे फेफफड़ों की सूजन को कम कर सकते हैं।
3. दवाओं और इनहेलर का इस्तेमाल करें- Use Medications & Inhaler
- अगर मरीज दवा या इनहेलर का इस्तेमाल करता है, तो उसे नियमित रूप से लेते रहें।
- अगर खांसी या सांस फूलने की समस्या है, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
- खुद से दवा लेने से बचें और असामान्य लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से मिलें।
4. घर के अंदर की हवा को साफ रखें- Keep Indoor Air Clean
- वेंटिलेशन के लिए दिन के समय कुछ समय के लिए खिड़कियां खोल दें।
- घर में स्नेक प्लांट या एलोवेरा जैसे पौधे लगाएंं जो हवा को शुद्ध करते हैं।
- दिए, अगरबत्ती, मोमबत्ती जैसी चीजों का इस्तेमाल कम करें, ताकि घर में धुआं न फैले।
5. त्योहार के दिनों में भी हल्की एक्सरसाइज करें- Do Light Exercise In Festive Season
- त्योहार के दिनों में भी लोगों को प्राणायाम, अनुलोम-विलोम और हल्की स्ट्रेचिंग करना जारी रखना चाहिए, खासकर सीओपीडी के मरीजों को।
- बाहर जाकर एक्सरसाइज करने के बजाय घर में ही हल्की गतिविधियां करें।
- एक्सरसाइज करने से फेफड़ों की क्षमता और ऑक्सीजन लेवल में सुधार होगा।
निष्कर्ष:
दिवाली पर खुशियों के साथ अपनी सेहत का भी ख्याल रखना जरूरी है। बढ़ते प्रदूषण में सीओपीडी के मरीजों को सावधानी के साथ त्योहार का आनंद उठाना चाहिए। हेल्दी टिप्स के साथ सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
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FAQ
सीओपीडी क्या होता है?
सीओपीडी फेफड़ों की बीमारी है। इसमें वायुमार्ग में सूजन आ जाती है जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है, खांसी और बलगम की समस्या भी हो सकती है।सीओपीडी के लक्षण क्या हैं?
सीओपीडी के लक्षणों में खांसी, बलगम का जमना, सांस फूलना, थकान और धड़कन का तेज होना शामिल है। सीओपीडी के लक्षण पहले चरण में हल्के होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।सीओपीडी का इलाज कैसे किया जाता है?
सीओपीडी का इलाज दवा, इनहेलर, फेफड़ों की एक्सरसाइज और जीवनशैली में बदलाव से किया जा सकता है। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी की भी जरूरत पड़ सकती है।
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Oct 16, 2025 15:52 IST
Published By : Yashaswi Mathur