अनुलोम विलोम एक ब्रीदिंग योग है। अनुलोम विलोम को उंगलियों की मदद से दाएं और बाएं नोस्ट्रिल्स के जरिए बारी-बारी से करते हुए सांस छोड़ने और लेने के तरीके से किया जाता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए ये प्राणायाम फायदेमंद माना जाता है। खर्राटे और साइनस की समस्या दूर करने के लिए भी अनुलोम विलोम फायदेमंद होता है। पाचन और बीपी को बेहतर बनाने के लिए ये प्राणायाम लाभदायक होता है। हालांकि अनुलोम विलोम को करते समय कुछ गलतियों के कारण प्राणायाम का पूरा लाभ आपको नहीं मिल पाएगा। इन गलतियों के बारे में आपको आगे बताएंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर की रहने वाली फिटनेस एक्सपर्ट पायल अस्थाना से बात की।
अनुलोम विलोम करने का सही तरीका
- अनुलोम विलोम करने के लिए शरीर को सीधा रखते हुए ध्यानपूर्वक मुद्रा में बैठ जाएं।
- बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूटे से दाईं नासिका बंद करें।
- उस दौरान बाईं नासिका से श्वास भरें।
- फिर बाईं नासिका बंद करें और दाईं नासिका से श्वास छोड़ें।
- इस क्रिया को फिर से दोहराएं।
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अनुलोम विलोम के दौरान होने वाली गलतियां
अनुलोम विलोम एक आसान व्यायाम है, इस दौरान कुछ गलतियों से आपको प्राणायाम के फायदे नहीं मिल सकेंगे। अगली बार अनुलोम विलोम करने से पहले इन गलतियों को जरूर ठीक कर लें।
1. जरूरत से ज्यादा सेट्स न करें
कई बार लोग अनुलोम विलोम के ज्यादा सेट्स कर लेते हैं। आपको एक बार में तय संख्या के सेट्स करने से बचना चाहिए। एक बार में 3 से 4 सेट्स से ज्यादा न करें। धीमे से सांस भरें और अपनी क्षमता अनुसार अनुलोम विलोम के सेट्स करें।
2. ओवरएक्टिव माइंड
अनुलोम विलोम करते समय दिमाग को शांत रखें। सांस खींचते या छोड़ने का एहसास आपको महसूस होना चाहिए। ऐसी जगह बैठें जहां शांत माहौल हो। शोर के बीच, आपको ध्यान लगाने में दिक्कत हो सकती है और ब्रीदिंग पैटर्न खराब हो सकता है।
3. असामान्य तरीके से सांस न लें
तेज या असामान्य सांस लेने से बचें। अपनी क्षमता के मुताबिक सांस लें। फोर्स लगाने की कोशिश न करें। मुंह से सांस न लें। ये गलत तरीका है। इसके साथ-साथ ही गहरी सांस भरने के लिए फेफड़ों पर जोर न डालें। केवल सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को महसूस करें।
4. सांस छोड़ने का अंंतराल छोटा होना
कई लोग अनुलोम विलोम करते समय सांस को तेज भरते हैं। लेकिन सांस छोड़ना का अंतराल छोटा होता है। यानी सांस लेना (inhalations), सांस छोड़ने (exhalation) के अंतराल से लंबा हो जाता है।
5. पीठ सीधी न रखना
अनुलोम विलोम करते समय, अपने शरीर और खासकर पीठ को सीधा रखें। अगर आगे झुककर ये आसन करेंगे, तो योग खराब हो सकता है। अनुलोम विलोम के दौरान पॉश्चर का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो बैक पेन परेशान कर सकता है।
इन टिप्स को आजमाएं
- अनुलोम विलोम को ऐसी जगह बैठकर करें, जहां ताजी हवा हो।
- प्राणायाम करते समय शरीर और दिमाग को बिल्कुल रिलैक्स रखें।
- सांसों पर फोकस करें। इससे आसन प्रभावी बनता है।
- हाथ की उंगलियों का सही इस्तेमाल करें। अंगूठे और तर्जनी उंगली को जोड़कर रखें।
इन टिप्स का इस्तेमाल करके अनुलोम विलोम को आसान बना सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।