Link Between Air Pollution and COPD: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। दिवाली के बाद से दिल्ली समेत कई राज्यों में खराब हवा देखने को मिल रही है। इसकी वजह से विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को गले में खराश और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, वायु प्रदूषण फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है। वायु प्रदूषण अस्थमा के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए वायु प्रदूषण से फेफड़ों को सुरक्षित रखने के लिए अक्सर मास्क पहनने की सलाह दी जाती है। लेकिन, क्या वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) का जोखिम भी बढ़ता है? आपको बता दें कि सीओपीडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों के वायुमार्ग धीरे-धीरे अवरुद्ध होने लगते हैं। इसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। आइए, फैमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं कि क्या वाकई प्रदूषण सीओपीडी के जोखिम को बढ़ाता है?
क्या प्रदूषण से सीओपीडी का जोखिम बढ़ता है?- Does Pollution Increase COPD Risk in Hindi
फैमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार बताते हैं, “वायु प्रदूषण सीओपीडी का सबसे आम कारण है। लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले लोगों में सीओपीडी विकसित होने का जोखिम अधिक रहता है। इतना ही नहीं, वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। वायु प्रदूषण सीओपीडी और अस्थमा समेत फेफड़ों से जुड़ी कई बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है।
अध्ययनों की मानें तो धूम्रपान और वायु प्रदूषण सीओपीडी के सबसे आम कारण हैं। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से न सिर्फ स्वस्थ लोगों में सीओपीडी का जोखिम होता है। बल्कि, अस्थमा के रोगियों में भी सीओपीडी रोग विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को अटैक भी पड़ सकता है, जो जानलेवा हो सकता है। वायु प्रदूषण, सीओपीडी से संबंधित मृत्यु दर में वृद्धि का कारण बनता है। WHO के आंकड़ों के अनुसार, साल 2012 में दुनियाभर में सीओपीडी से होने वाली 8 फीसदी मौतों का कारण वायु प्रदूषण था। सीओपीडी से पीड़ित लोगों को कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी अधिक होता है। वैसे तो सीओपीडी का इलाज संभव नहीं है। लेकिन, अगर धूम्रपान और वायु प्रदूषण से दूरी बना ली जाए, तो काफी हद तक लक्षणों में सुधार किया जा सकता है।
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वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से सीओपीडी कैसे होता है?
लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़ों को गंभीर क्षति पहुंचती है। इससे फेफड़ों में सूजन हो सकती है। यह सीओपीडी का एक मुख्य कारण होता है। इससे वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। धूम्रपान भी सीओपीडी के जोखिम को बढ़ाता है।
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सीओपीडी से बचाव कैसे करें?- Prevention Tips for COPD in Hindi
- सीओपीडी से बचने के लिए आपको प्रदूषण के संपर्क में आने से बचना बहुत जरूरी है।
- अगर आपके शहर में हवा की गुणवत्ता खराब हो, तो बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर पहनें।
- प्रदूषण से बचने के लिए घर और आसपास हवा को शुद्ध करने की कोशिश करें।
- धूम्रपान का सेवन बिलकुल न करें। इससे फेफड़ों को गंभीर क्षति पहुंचती है।
- सांस लेने में तकलीफ होने पर फेफड़ों की जांच जरूर करवाएं।
- अगर लंबे समय से खांसी हो रही है, तो भी फेफड़ों की नियमित जांच जरूर करवाएं।
- शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें।
सीओपीडी फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है। इसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। सीओपीडी से बचाव के लिए वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचना जरूरी होता है। वहीं, अगर आपको सीओपीडी का कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।