
Herbal Tea For Asthma During Winter In Hindi: सर्दियों के मौसम में कई लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है और अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्याएं अधिक बढ़ जाती हैं। इसके कारण अस्थमा के मरीजों को अधिक समस्या होती है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में अस्थमा की समस्या से बचने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी और औषधीय गुणों से भरपूर हर्बल टी का सेवन किया जा सकता है। इससे व्यक्ति को खुलकर सांस लेने और श्वसन तंत्र की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आइए नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी (Dr. Anant Tripathi of Archit Ayurvedic Clinic, Sector 12, Noida) से जानें अस्थमा की समस्या से राहत के लिए हर्बल टी कैसे बनाएं और इसके क्या फायदे हैं?
अस्थमा से राहत के लिए कैसे बनाएं हर्बल टी? - How To Make Herbal Tea For Asthma Relief?
इसके लिए डेढ़ कप पानी में 3-4 अपराजिता के फूल, 3-4 तुलसी के पत्ते, 1 छोटी चम्मच कद्दूकस की हुई अदरक और 1 छोटी चम्मच मुलेठी का पाउडर को डालकर धीमी आंच पर 5 मिनट के लिए उबालें। इसके बाद इसको छानकर इसके गुनगुना होने पर इसमें 1 छोटी चम्मच नींबू के रस को मिलाकर इसका सेवन करें। इससे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।
अपराजिता के फूल
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, अपराजिता के फूल (Butterfly Pea Flower) में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं। इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और श्वसन मार्ग को दुरुस्त करने में मदद मिलती है।
अदरक
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, अदरक में जिंजरोल और शोगोल (Gingerols and shogaols) जैसे एक्टिव कंपाउंड में ब्रोन्कोडायलेटर के प्रभाव होते हैं, जिससे श्वसन मार्ग की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद मिलती है।
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मुलेठी की जड़
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, मुलेठी में ग्लाइसीराइज़िन और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंची-बैक्टीरियल के गुण होते हैं। इसका सेवन करने से वायुमार्ग को शांत करने में मदद मिलती है।
तुलसी के पत्ते
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, तुलसी में यूजेनॉल और रोजमैरीनिक एसिड होता है, साथ ही, इससे एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं। इससे श्वसन मार्ग को शांत करने में मदद मिलती है।
नींबू का रस
नींबू में अच्छी मात्रा में विटामिन-सी होता है। इससे इम्यूनिटी को बूस्ट करने और लंग्स के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, विटामिन सी का उपयोग श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों से बचाव करने और राहत देने में मदद मिलती है।
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अस्थमा में हर्बल टी के फायदे - Benefits Of Herbal Tea For Asthma In Hindi
अस्थमा की समस्या में अपराजिता के फूल, अदरक, नींबू के रस, मुलेठी और तुलसी के पत्तों से बनी हर्बल टी का सेवन करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।
- इस हर्बल टी का सेवन करने से इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है, जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव करने में मदद मिलती है।
- हर्बल टी का सेवन करने से श्वसन मार्ग की मांसपेशियों को रिलैक्स करने, सूजन को कम करने और खुलकर सांस लेने में मदद मिलती है।
- हर्बल टी का सेवन करने से श्वसन मार्ग के इंफेक्शन से बचाव करने और गले से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है।
- इस हर्बल टी का सेवन करने से एलर्जी से बचाव करने और गले को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है, जिससे गले की ड्राईनेस को कम करने में मदद मिलती है।
सावधानियां
किसी मेडिकल कंडीशन से पीड़ित व्यक्ति, प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफिडिंग के दौरान या किसी दवा का सेवन करने के दौरान और इनमें से किसी भी चीज से एलर्जी होने पर व्यक्ति को इसके सेवन करने से बचना चाहिए। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
अपराजिता के फूल, अदरक, नींबू के रस, मुलेठी और तुलसी के पत्तों से बनी हर्बल टी का सेवन करने से श्वसन तंत्र को रिलैक्स करने, सूजन को कम करने, लंग्स के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने, श्वसन मार्ग के इंफेक्शन को कम करने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, इनमें से किसी भी चीज से एलर्जी होने पर इसका सेवन करने से बचें। इसके अलावा, अस्थमा की समस्या अधिक होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें और सर्दियों में स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें।
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FAQ
अस्थमा की शुरुआत कैसे होती है?
व्यक्ति को अस्थमा की समस्या तब होती है, जब श्वसन नली में सूजन आने लगती है, जिससे श्वसन नली पतली होने लगती है और इसमें बलगम भर जाता है। ये समस्या अक्सर एलर्जी, श्वसन तंत्र में इंफेक्शन होने और मौसम में बदलाव होने जैसी स्थितियों के कारण होती है।अस्थमा के 4 लक्षण क्या हैं?
अस्थमा की समस्या होने पर व्यक्ति को घरघराहट होने, सांस लेने में परेशानी होने, सीने में जकड़ने होने और अधिक खांसी होने (खासकर रात के समय) की समस्या होती है। ऐसे में अथमा की समस्या के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।अस्थमा नियंत्रित करने के लिए क्या खाना चाहिए?
अस्थमा की समस्या को नियंत्रित रखने के लिए डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और विटामिन जैसे पोषक तत्वों और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुणों से भरपूर जामुन, पत्तेदार साग, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और खट्टे फलों को शामिल किया जा सकता हैं। इनसे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।
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Nov 07, 2025 17:14 IST
Published By : Priyanka Sharma