अस्थमा (asthma), फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी है। ये बीमारी कई कारणों से ट्रिगर कर सकती है जैसे कि मौसमी बदलाव, धूल के कण और पालतू जानवरों से एलर्जी। कई बार कुछ पर्यावरणीय कारक जैसे वायु प्रदूषण, धुआं और वायरल श्वसन संक्रमण भी अस्थमा की वजह बन सकता है। परेशान करने वाली बात ये है कि अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो कि लंबे समय तक बनी रहती है और इसके लक्षण जल्दी ठीक नहीं होते। ऐसे में कई बार डॉक्टरी मदद के साथ कुछ लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव भी करने होते हैं जो कि अस्थमा के लक्षणों से राहत दिला सकते हैं जैसे कि नींबू। आइए, डॉ. संदीप कटियार, सीनियर कंसलटेंट - पल्मनोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर से जानते हैं कि अस्थमा के मरीजों के लिए नींबू का सेवन कैसे मददगार है?
क्या अस्थमा के मरीज नींबू का सेवन कर सकते हैं-Asthma mein nimbu kha sakte hain?
डॉ. संदीप कटियार बताते हैं कि अस्थमा के मरीज नींबू का सेवन सामान्यतया कर सकते हैं लेकिन ये उनकी संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। इसके अलावा नींबू में विटामिन सी होने की वजह से ये अस्थमा के लक्षणों में कमी ला सकता है। जैसे कि नींबू के रस में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को फेफड़ों में प्रवेश करने वाले किसी भी एलर्जेन या उत्तेजक पदार्थ से लड़ने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, नींबू के रस में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह शरीर में बैक्टीरिया को मारने और बलगम के जमाव को रोकने में मदद कर सकता है।
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नींबू में विटामिन C है कारगर
नींबू में विटामिन सी होता है जो कि अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मददगार है। विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है जो कि अस्थमा के दौरान फेफड़ों की नलियों को हेल्दी रखने और नेसल पैसेज को साफ करने में मददगार है जिससे अस्थमा का मरीज हल्का महसूस करता है।
बंद नाक और कंजेशन कम करने में मददगार
अस्थमा के मरीज बंद नाक और कंजेशन से अक्सर परेशान रहते हैं। ऐसे में नींबू का विटामिन सी इस कंजेशन को कम करने के साथ बंद नाक से राहत दिलाने में मददगार है। ये हाइड्रेटिंग है और वायुमार्ग को साफ करने में मदद करता है जो कफ को कम कर सकता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। नींबू के रस में मौजूद साइट्रिक एसिड फेफड़ों के ऊतकों को साफ और मजबूत करके फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
अस्थमा के मरीजों के लिए विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाने वाला भी है। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और सांस की समस्याओं में राहत दे सकता है। नींबू पानी पीने से शरीर में ठंडक और उमस कम होती है, जिससे सांस लेने में आसानी हो सकती है।
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अस्थमा के मरीज कैसे करें नींबू का सेवन
अस्थमा के मरीज कई प्रकार से नींबू का सेवन कर सकते हैं जिसमें कि पहले तो आप नींबू के रस को शहद मिलाकर ले सकते हैं। इसके अलावा आप दालचीनी और लौंग का पानी तैयार करें और इसमें शहद और नींबू का रस मिला लें। साथ ही आप ये कर सकते हैं कि अदरक को पानी में उबाल लें और फिर इसमें नींबू का रस मिला लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाएं और इसे पी लें।
ध्यान देने वाली बात
नींबू से एलर्जी या गले में जलन की समस्या हो सकती है, जिससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए, नींबू का सेवन धीरे-धीरे करें और अगर किसी प्रकार की असहजता या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत इसे बंद कर डॉक्टर से सलाह लें।
अस्थमा के मरीजों को अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां नियमित रूप से लेनी चाहिए और खाद्य पदार्थों के प्रति अपने शरीर के रिस्पॉन्स को ध्यान में रखना चाहिए। अपने मन से किसी भी चीज के सेवन से बचें क्योंकि कुछ चीजें अस्थमा के लक्षणों को खराब कर सकते हैं।
FAQ
सांस फूलती है तो क्या खाना चाहिए?
अगर आपकी सांस फूलती है तो आपको फेफड़ों को मजबूत करने की जरूरत है और इसके लिए आपको गर्म और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए जैसे कि आप अपनी डाइट में हल्दी, अदरक और तमाम प्रकार के ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें।अस्थमा में क्या परहेज करना चाहिए?
अस्थमा में आपको बलगम बनाने वाली चीजों के सेवन से बचना चाहिए जैसे कि ठंडी चीजों को खाने से बचें। इसके अलावा कई बार बहुत मीठा और दूध से बनी चीजों को खाना भी फेफड़ों में बलगम बनाने की वजह बन सकता है।अस्थमा में कौन सा फल अच्छा है?
अस्थमा के मरीजों को सेब, संतरा, खुबानी और अनार जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए कि ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के साथ शरीर को एनर्जी देने वाले हैं। इनके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है और अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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Sep 22, 2025 15:55 IST
Published By : Pallavi Kumari