Sugar Mein Kaun Sa Chawal Kha Sakte Hain: हमारे यहां ज्यादातर घरों में सफेद चावल खाए जाते हैं। यह एनर्जी का अच्छा स्रोत है और इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे इसमें विटामिन-बी, मैगनीशियम और आयरन जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा, चावल ग्लूटन फ्री होते हैं, इसलिए इसका सेवन वो लोग आसानी से कर सकते हैं, जो लो ग्लूट फ्री डाइट फॉलो करना चाहते हैं। बहरहाल, डायबिटीज के रोगियों की बात करें, तो इस सवाल का जवाब जानना बहुत जरूरी है कि क्या वह भी सफेद चावल खा सकते हैं या उन्हें ब्राउन खाना चाहिए? कुल मिलाकर जानने की वजह से यह है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्राउन राइस फायदेमंद है या सफेद राइस? इस बारे में जानने के लिए हमने Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की। सच जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें-
सफेद चावल की न्यूट्रिएंट वैल्यू- Which Rice Is Better For Diabetes
सफेद चावल रिफाइंड होते हैं। इस पर से जर्म और ब्रान लेयर हटाई जाती है। आपको बता दें कि ब्रान एक तरह की लेयर होती है, जो चावल के ऊपर पाई जाती है। यह फाइबर और विटामिन-बी का अच्छा स्रोत है। वहीं, न्यूट्रिएंट रिच कोर होता है, जिसे लगाए जाने पर नया पौधा उग सकता है। यह हेल्दी फैट, विटामिन-ई और विटामिन-बी का अच्छा स्रोत है। बरहाहल, सफेद चावल का हाई ग्लासेमिक इंडेक्स होता है, जिसका सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर तेजी से स्पाइक कर सकता है। हालांकि, सफेद चावल कार्ब्स का अच्छा स्रोत है, जो कि एनर्जी का प्राइमरी स्रोत माना जाता है। सफेद चावल का सेवन करने से पूरे दिन एनर्जेटिक बने रहने में मदद मिलती है।
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ब्राउन राइस की न्यूट्रिएंट वैल्यू
सफेद चावल से बिल्कुल अलग, ब्राउन राइस को रिफाइंड नहीं किया जाता है। इसमें जर्म और ब्रान दोनों मौजूद होते हैं। इसका मतलब है कि ब्राउन राइस का सेवन करने से आपको विटामिंस मिलते हैं। यह फाइबर और मिनरल का अच्छा स्रोत है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस का सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर धीमी गति से बढ़ता है। ब्राउन रासइ फाइबर का अच्छा स्रोत होने के कारण पाचन क्षमता बेहतर होती है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। यहां तक कि ब्राउन राइस का सेवन करने से पेट से जुड़ी परेशानियों में भी कमी आती है।
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सफेद राइस और ब्राउन राइसः डायबिटीज के लिए क्या है बेहतर?
विशेषज्ञों की मानें, तो डायबिटीज के मरीजों के लिए सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस ज्यादा हेल्दी हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्यांकि ब्राउन राइस में हाई फाइबर कंटेंट होता है। साथ ही, इसका लोअर ग्लासेमिक इंडेक्स भी होता है। इसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता। साथ ही, यह पाचन क्षमता में भी सुधार करता है। चूंकि, ब्राउन राइस में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, तो इसका सेवन करना ज्यादा लाभकरी होता है। अगर सफेद चावल की बात करें, तो यह डायबिटीज के रोगियों के लिए सही नहीं है। इसका हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स और लो फाइबर कंटेंट डायबिटीज के रोगियों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट हो चुका है कि डायबिटीज के रोगियों के लिए ब्राउन राइस ज्यादा हेल्दी हैं। लेकिन, डाइट में इसे शामिल करते हुए पोर्शन साइज का ध्यान जरूर रखें। कार्ब्स का अधिक मात्रा में सेवन करना बिल्कुल सही नहीं है।
FAQ
क्या मधुमेह रोगी रोज ब्राउन राइस खा सकते हैं?
डायबिटीज के रोगी के लिए ब्राउन राइस अच्छा विकल्प है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर तेजी नहीं बढ़ता, जिससे शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।ब्राउन राइस किसे नहीं खाना चाहिए?
वैसे तो ब्राउन राइस हेल्थ के लिहाज से बहुत अच्छा होता है। इसमें फाइबर होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम है। लेकिन, अगर आपको एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, प्रेग्नेंट महिलाओं को भी इसका सेवन कम करना चाहिए।क्या शुगर में खिचड़ी खा सकते हैं?
शुगर में खिचड़ी खाया जा सकता है। खिचड़ी में कई तरह के सब्जियां और दाल का उपयोग किया जाता है। ये तमाम चीजें पोषक तत्वों से भरपूर है। इसलिए, शुगर में खिचड़ी खाने से पोषक तत्व मिलते हैं।