गठिया (Arthritis) जोड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी है जिसमें सूजन और दर्द महसूस होता है। इसके कई प्रकार होते हैं, जैसे ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis), रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) और गाउट (Gout)। जब कोई व्यक्ति गठिया से पीड़ित होता है, तो उसकी लाइफस्टाइल, बीमारी से बुरी तरह से प्रभावित होती है, चाहे वो चलना हो, काम करना हो या आराम करना ही क्यों न हो। ऐसे में खानपान की भूमिका बहुत अहम हो जाती है क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं, जबकि कुछ राहत पहुंचा सकते हैं।
लोगों के मन में अक्सर यह सवाल होता है कि क्या गठिया में चावल खाना चाहिए या नहीं? चावल हमारा मुख्य भोजन है, खासकर सफेद चावल। ज्यादातर घरों में लगभग हर दिन चावल पकाकर खाया जाता है। लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है। वहीं कुछ चावल जैसे ब्राउन राइस में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सूजन कम करने में मदद करते हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि गठिया के मरीजों को चावल कैसे और कितना खाना चाहिए, किस प्रकार के चावल सही हैं, और किन परिस्थितियों में इनसे बचना चाहिए।
गठिया में चावल खा सकते हैं या नहीं?- Can You Eat Rice in Arthritis
न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि गठिया के मरीज चावल खा सकते हैं, लेकिन चावल के प्रकार (Type of Rice) पर ध्यान दें। खासतौर पर सफेद चावल से परहेज करना चाहिए क्योंकि ये प्रोसेस्ड होते हैं और इनमें से ज्यादातर फाइबर और पोषक तत्व निकाल दिए जाते हैं। इसके बजाय ब्राउन राइस, रेड राइस और ब्लैक राइस जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ये न केवल फाइबर से भरपूर होते हैं बल्कि इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो जोड़ों की सूजन (Joint Swelling) को कम कर सकते हैं।
सफेद चावल खाने के बजाय ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज (Whole Grains) खाएं। साबुत अनाज में फाइबर ज्यादा होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है और भूख को कंट्रोल करने में मदद करता है। इससे वजन कंट्रोल करने में भी आसानी होती है, जिससे जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। साबुत अनाज खाने से सीआरपी (C-Reactive Protein) लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। सीआरपी एक प्रोटीन है जो शरीर में सूजन या इंफेक्शन होने पर लिवर द्वारा बनाया जाता है। इसका लेवल बढ़ना शरीर में सूजन या गठिया (Arthritis) जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है।
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गठिया में कौन सा चावल खाएं?- Arthritis Friendly Rice Alternatives
- ब्राउन राइस- इसमें आपको ज्यादा फाइबर और कम जीआई मिलेगा।
- रेड राइस- इसमें आपको एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा मिलेगी।
- ब्लैक राइस- इसमें एंथोसायनिन होते हैं जो सूजन को कम करते हैं।
- क्विनोआ- यह हाई प्रोटीन और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाला ग्रेन है।
- बाजरा या ज्वार- गर्मियों में ठंडक देने वाले और जोड़ों के लिए हल्के ग्रेन्स हैं।
सफेद चावल vs ब्राउन चावल
सफेद चावल में फाइबर बहुत कम होता है और यह जल्दी पचता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। यह सूजन भी बढ़ा सकता है। ब्राउन चावल, दूसरी ओर, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है, जो धीरे-धीरे पचता है और शरीर में शुगर को धीरे छोड़ता है, जिससे सूजन की संभावना कम होती है। इसलिए गठिया रोग में ब्राउन राइस का सेवन करें।
गठिया में चावल कैसे और कितनी मात्रा में खाएं?- How and How Much Rice Should You Eat in Arthritis
- एक बार में आधा कप से एक कप चावल खाना काफी है।
- चावल को दाल या सब्जियों के साथ संतुलित मात्रा में खाएं।
- रात के समय चावल खाने से बचें, क्योंकि यह पाचन पर असर डाल सकता है।
- हफ्ते में 2-3 बार ब्राउन या रेड राइस खाया जा सकता है।
गठिया में कब चावल नहीं खाना चाहिए?- When to Avoid Rice in Arthritis
- अगर गठिया के साथ डायबिटीज या मोटापा भी है, तो चावल न खाएं।
- अगर मरीज गाउट (Gout) से पीड़ित है, जिसमें यूरिक एसिड बढ़ा हो।
- अगर डॉक्टर ने हाई कार्ब डाइट से बचने की सलाह दी हो।
- अगर सफेद चावल खाने के बाद जोड़ों में दर्द या सूजन की समस्या होती हो।
गठिया में चावल पूरी तरह से बंद करने की जरूरत नहीं है, लेकिन सही प्रकार का चयन और मात्रा बहुत जरूरी है। सफेद चावल की जगह ब्राउन, रेड या ब्लैक राइस जैसे विकल्प फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही, संतुलित आहार और नियमित एक्सरसाइज से गठिया के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।
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FAQ
गठिया में कौन सा अनाज खाना चाहिए?
गठिया में ब्राउन राइस, ज्वार, बाजरा, रागी और ओट्स जैसे साबुत अनाज फायदेमंद होते हैं। ये फाइबर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।गेहूं की रोटी गठिया के लिए अच्छी है?
अगर ग्लूटेन सेंसिटिविटी नहीं है, तो गेहूं की रोटी सीमित मात्रा में खाई जा सकती है। लेकिन ज्यादा फाइबर और पोषण के लिए ज्वार, बाजरा या मल्टीग्रेन रोटियों को प्राथमिकता देना बेहतर होता है।गठिया में क्या परहेज करना चाहिए?
गठिया में तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा नमक, चीनी, रेड मीट और हाई जीआई फूड्स जैसे ब्रेड जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए क्योंकि ये सूजन को बढ़ा सकते हैं।