जब अर्थराइटिस और मोटापा एक साथ शरीर में मौजूद होते हैं, तो जीवन और भी मुश्किल हो जाता है। जोड़ पहले ही कमजोर और सूजे हुए रहते हैं, ऐसे में अतिरिक्त वजन उनका दबाव और बढ़ा देता है। हर अतिरिक्त किलो वजन, घुटनों पर चार गुना ज्यादा दबाव डालता है, जिससे चलना-फिरना, उठना-बैठना और रोजमर्रा के काम दर्दनाक हो सकते हैं। कई बार लोग वजन कम करने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन अर्थराइटिस के कारण सीमित मूवमेंट और लगातार सूजन उन्हें परेशान करती है। ऐसे में जरूरत है एक ऐसी लाइफस्टाइल की, जो न केवल वजन घटाने में मदद करे, बल्कि अर्थराइटिस के लक्षणों को भी कम कर सके। इस लेख में हम बात करेंगे 7 ऐसे लाइफस्टाइल बदलावों की, जो खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं जो अर्थराइटिस के साथ मोटापे से भी जूझ रहे हैं। ये टिप्स ना सिर्फ आपके जोड़ों को राहत देंगे, बल्कि वजन घटाने की प्रक्रिया को भी आसान बनाएंगे। इन बदलावों को अपनाकर आप अपनी जिंदगी में पॉजिटिव फर्क महसूस करेंगे। इन उपायों को विस्तार से आगे जानते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. पोर्शन कंट्रोल करें- Portion Control
कम खाएं लेकिन सही खाएं इसलिए पोर्शन कंट्रोल करना जरूरी है। भोजन की मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है। बड़ी प्लेट की जगह छोटी प्लेट में खाना लें और धीरे-धीरे चबाकर खाएं। इससे पेट जल्दी भरता है और कैलोरीज इनटेक कम होती है।
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2. मीठी ड्रिंक्स से दूरी बनाएं- Cutting Sugary Drinks
शुगर युक्त ड्रिंक्स जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस या मीठी चाय वजन बढ़ाने में बड़ा योगदान देते हैं। इन्हें हटाकर नींबू पानी, नारियल पानी या हर्बल टी लें।
3. सूजन कम करने वाली चीजें खाएं- Take Anti-Inflammatory Diet
ओमेगा-3 फैटी एसिड, हल्दी, अदरक, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे फूड्स सूजन को कम करते हैं। प्रोसेस्ड फूड, डीप फ्राइड चीजें और ज्यादा नमक का सेवन करने से बचना चाहिए।
4. हल्की कसरत करें- Low Impact Exercise
अर्थराइटिस वाले लोगों के लिए भारी एक्सरसाइज हानिकारक हो सकती है। ऐसे में वॉकिंग, तैराकी, साइकलिंग जैसे लो-इंपैक्ट एक्सरसाइज फायदेमंद होते हैं। ये वजन कम करने में मदद करते हैं और जोड़ों पर दबाव भी नहीं डालते।
5. नींद का संतुलन बनाए रखें- Consistent Sleep Routine
कम नींद से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स एक्टिव होते हैं, जिससे वजन बढ़ता है। रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी है, ताकि शरीर का मेटाबॉलिज्म और शरीर की सूजन को कंट्रोल किया जा सके।
6. स्ट्रेस को कंट्रोल करें- Stress Management
स्ट्रेस से कोर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ता है जो फैट स्टोरेज और सूजन को बढ़ाता है। मेडिटेशन, गहरी सांसों की एक्सरसाइज और म्यूजिक थेरेपी से मानसिक संतुलन बनाए रखें।
7. नियमित पानी पिएं- Stay Hydrated
अच्छी मात्रा में पानी पीना मेटाबॉलिज्म को एक्टिव रखता है और शरीर से टॉक्सिन को निकालता है। जोड़ों की लुब्रिकेशन में भी पानी अहम भूमिका निभाता है, जिससे दर्द और अकड़न कम होती है।
अर्थराइटिस और मोटापा, आपके शरीर के लिए एक मुश्किल स्थिति हो सकती है, लेकिन सही लाइफस्टाइल बदलावों के साथ इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
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FAQ
क्या गठिया मोटापे के कारण हो सकता है?
हां, मोटापा गठिया का एक बड़ा कारण हो सकता है। ज्यादा वजन से जोड़ों, खासकर घुटनों पर दबाव बढ़ता है जिससे ऑस्टियोअर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।क्या गठिया से आपका वजन बढ़ता है?
गठिया में दर्द और सूजन के कारण शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। इससे कैलोरीज बर्न नहीं होतीं और वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।क्या वजन घटाने से गठिया दूर हो सकता है?
वजन घटाने से गठिया पूरी तरह खत्म नहीं होता, लेकिन जोड़ों का दबाव कम होता है, सूजन घटती है और चलने-फिरने में राहत मिलती है।