How Diabetes Affect Rheumatoid Arthritis: रूमेटाइड अर्थराइटिस एक क्रॉनिक ऑटोइम्यून बीमारी है जो मुख्य रूप से जोड़ों को प्रभावित करती है। इसमें इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही शरीर के टिशूज पर हमला करता है, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द का एहसास होता है। अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जोड़ों को पूरी तरह से डैमेज कर सकता है। कुछ लोगों को रूमेटाइड अर्थराइटिस के साथ डायबिटीज की बीमारी भी हो जाती है। डायबिटीज भी एक क्रॉनिक बीमारी है जिसमें शरीर का ग्लूकोज स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या बने हुए इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर लेवल को कंंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। कुछ लोगों को लगता है कि डायबिटीज के कारण रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण बढ़ सकते हैं। जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
क्या डायबिटीज होने से बढ़ सकते हैं रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण?
डॉ सीमा यादव ने बताया कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण, डायबिटीज के कारण बढ़ सकते हैं। डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस दोनों ही क्रॉनिक बीमारियां हैं जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर असर डालती हैं। इन दोनों का एक साथ होना व्यक्ति के स्वास्थ्य पर कई तरह से प्रभाव डाल सकता है। अगर आपको डायबिटीज है, तो शरीर में सूजन बढ़ सकती है। सूजन बढ़ने के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ सकती है। डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। इसलिए इन दोनों बीमारियों के इलाज के बीच तालमेल बिठाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कुछ दवाएं जो डायबिटीज के लिए इस्तेमाल होती हैं, वे रूमेटाइड अर्थराइटिस को प्रभावित कर सकती हैं। यह दोनों ही बीमारियां ह्रदय रोगों के रिस्क को बढ़ाते हैं।
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डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों को साथ में कैसे कंट्रोल करें?
डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस, दोनों के लक्षणों को एक साथ कंट्रोल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन इसे संभव बनाने के लिए कुछ आसान सुझावों की मदद ले सकते हैं-
- हेल्दी और संतुलित आहार का सेवन करें जिसमें फाइबर, फल, सब्जियां, प्रोटीन और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हों।
- ब्लड शुगर के स्तर को कंंट्रोल करने के लिए शुगर और सिंपल कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करें।
- नट्स, बीज, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ और हरी पत्तेदार सब्जियां सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- योग, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और पैदल चलना दोनों बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इन एक्सरसाइज से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
- समय पर दवाओं का सेवन करें और तनाव को कम करें। तनाव कम करने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और फिजिकल थेरेपी की मदद ले सकते हैं।
- स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद लें। अच्छी नींद लेकर आप सूजन को कम कर सकते हैं और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं।
- धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन सूजन और ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है।
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