Difference between Glycemic Index and Glycemic Load: डायबिटीज के मरीजों को अक्सर लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI) फूड्स खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि लो जीआई फूड्स ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाते हैं। वहीं, अगर आप हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स से भरपूर फूड्स खाते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल जल्दी बढ़ सकता है। क्या आप ग्लाइसेमिक लोड के बारे में कुछ जानते हैं? अगर नहीं तो इस लेख के माध्यम से आज हम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड के बीच के अंतर के बारे में समझेंगे। आइये ACE हेल्थ कोच गुंजन तनेजा से जानते हैं इनके बीच के अंतर के बारे में।
क्या है ग्लाइसेमिक इंडेक्स? (What is Glycemic Index)
एक्सपर्ट के मुताबिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड एक दूसरे से पूरी तरह से अलग हैं। ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक ऐसा स्केल है, जिसके तहत फूड्स के लो, मीडियम और हाई लेवल पर मापा जाता है। डायबिटिक मरीजों को सबसे लो इंडेक्स वाले फूड्स खाने की सलाह दी जाती है। आसान भाषा में समझें तो ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि हमारे द्वारा खाए गए कार्ब्स शरीर में अवशोषित होकर कितनी जल्दी शुगर में बदलते हैं। इस इंडेक्स के जरिए पता लगाया जाता है कि कोई भी फूड शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कितना बढ़ाता है।
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क्या है ग्लाइसेमिक लोड? (What is Glycemic Load)
दरअसल, ग्लाइसेमिक इंडेक्स का मख्य काम होता है कि आपके द्वारा खाए गए फूड्स ब्लड शुगर लेवल को कितना बढ़ाते हैं। यह कार्ब्स के प्रभाव को मापने का एक अलग तरीका है। इससे पता चलता है कि कितना खाना खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल कितना बढ़ता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स आपको फैट की मात्रा से लेकर फूड्स के साइज या उनमें मौजूद कार्ब्स के कंटेट तक के बारे में बता सकता है।
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ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के लिए कौन सा GI खाएं?
- ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए आपको लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स का सेवन करना चाहिए।
- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स खाने से आपका ब्लड ग्लूकोज या शुगर लेवल धीमी गति से बढ़ता है।
- अगर आप डायबिटिक मरीज हैं तो आपको खासतौर पर लो जीआई फूड्स खाने चाहिए।
- इसके लिए आप लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स, सब्जियां और फलों को खा सकते हैं।