ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट वह ईटिंग प्लान है जिसमें खाने की चीजों को इस आधार पर चुना जाता है कि वो ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स वह नंबर होता है जो कार्बोहाइड्रेट से युक्त भोजन को दिया जाता है। यह खाना आपकी ब्लड शुगर कितनी बढ़ा सकता है, इस बात को ध्यान में रख कर ही यह नंबर किसी खाद्य पदार्थ को दिया जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट में आप डायबिटीज के दौरान अपनी डाइट को अच्छे से प्लान कर सकते हैं। अन्य डाइट प्लान की तरह इस डाइट में पोर्शन साइज या कैलोरीज़ के बारे में नहीं बताया जाता है। पारस हॉस्पिटल इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर पी.वेंकटाकृष्णन के अनुसारशुगर से पीड़ित रोगी को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फूड खाना चाहिए क्योंकि इनकी अवशोषित होने की गति काफी धीमी होती है। साथ ही ये पचते भी देर से हैं। जिसकी वजह से इन्सुलिन लेवल कंट्रोल में रहता है और ब्लड ग्लूकोस भी जल्दी नहीं बढ़ती। इसी वजह से अक्सर डायबिटीज पेशेंट को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड खाने की सलाह दी जाती है। जबकि ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड ब्लड शुगर लेवल में या तो तेजी से या फिर बहुत धीमी गति से गिरावट की वजह बनते हैं।
आपको इस डाइट का पालन क्यों करना चाहिए
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं या हेल्दी मील खाने की प्लानिंग करना चाहते हैं या फिर डायबिटीज में अधिक ब्लड शुगर न बढ़ाने वाली मील खाना चाहते हैं तो यह डाइट आपके लिए ही बनी है। यह काफी हेल्दी डाइट होती है और एक सामान्य व्यक्ति को भी अपनी सेहत में इस डाइट के बाद अच्छे सुधार होते नजर आ सकते हैं।
इस डाइट का क्या उद्देश्य होता है?
ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट का मुख्य उद्देश्य है कि आप वह कार्ब्स से युक्त खाना खाएं जो ब्लड शुगर को ज्यादा प्रभावित न कर सके। इस डाइट के माध्यम से वजन कम हो सकता है और मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोगों से भी बचा जा सकता है।
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जीआई वैल्यू को कैसे निकालें
किसी खाद्य पार्थ को जीआई वैल्यू देने के लिए अलग अलग तरीके हो सकते हैं। यह नंबर बताते हैं कि वे खाद्य पदार्थ ब्लड ग्लूकोज लेवल को कितना बढ़ा सकते हैं। जीआई वैल्यू तीन कैटेगरी में विभाजित होती है :
लो जीआई : 1 से 55 वैल्यू। इसके अंतर्गत आप हरी सब्ज़ियां, अधिक से अधिक फल जैसे कच्ची गाजर, राजमा दाल, काबुली चना, मसूर की दाल, ब्रेकफास्ट सीरियल्स आदि खा सकते हैं।
मीडियम जीआई : 56 से 69 वैल्यू।अगर आप मीडियम जीआई वाली कैटेगरी चुनते हैं तो आप स्वीट कार्न, केले, कच्चा अनानास, किशमिश, ओट ब्रेकफास्ट सीरियल्स, मल्टीग्रेन, ओट ब्रेन और राई की ब्रेड का सेवन कर सकते हैं।
हाई जीआई : 70 या उससे अधिक वैल्यू। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स में सफेद चावल, सफेद ब्रेड और आलू जैसी चीजें शामिल होती हैं।
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क्या ग्लाइसेमिक इंडेक्स सही जानकारी देता है?
जीआई वैल्यू खाने में मौजूद पोषण की जानकारी नहीं दे पाती है जो इसकी सबसे बड़ी कमी है। जीआई वैल्यू यह नहीं बता पाती है कि आपको कितनी मात्रा में चीज खानी चाहिए जैसे तरबूज का जीआई वैल्यू 80 होता है जिससे हमें लगता है कि इसका सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन इसके कुछ कार्ब्स आसानी से पच जाते हैं जिनसे ब्लड ग्लूकोज नहीं बढ़ता। अगर अधिक मात्रा का सेवन करेंगे तो ही ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ सकता है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट फॉलो करने से आपको क्या फायदे मिलते हैं
वजन कम होना : लो जीआई इंडेक्स डाइट का सेवन आपका वजन कम करने में सहायक है।
ब्लड ग्लूकोज नियंत्रित रहता है : लो जीआई लेवल डाइट का सेवन करने से डायबिटीज में ब्लड ग्लूकोज लेवल कम हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल : इस डाइट का पालन करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी नियमित होने में मदद मिलती है।
भूख भी नियंत्रित रहती है : लो जीआई इंडेक्स की डाइट का सेवन करने आप अधिक ओवर ईटिंग से बच सकते हैं और भूख भी नियंत्रित होती है।
तो ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट डायबिटीज के मरीजों के लिए सच में प्रभावी हो सकती है। इस डाइट से ब्लड ग्लूकोज लेवल कम होता है जिससे शुगर लेवल भी नियमित रहती है।
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