
low glycemic load foods: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर शुगर पचाना बंद कर देता है। ऐसे में डाइट का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। इस स्थिति में डायबिटीज के मरीजों को हाई फाइबर और लो शुगर वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए जिससे खून में शुगर स्पाइक न बढ़े और डायबिटीज कंट्रोल में रहे। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट में लो ग्लाइसेमिक फूड या कहें कि लो ग्लाइसेमिक लोड फूड्स को शामिल करना चाहिए जो कि शुगर मैनेज करने में आपकी मदद कर सके। लो ग्लाइसेमिक फूड के बारे में तो आप जानते होंगे लेकिन क्या आप लो ग्लाइसेमिक लोड फूड्स के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आपको इसके बारे में जानना चाहिए क्योंकि डाबिटीज कंट्रोल करने में इसकी एक अहम भूमिका है। तो आइए, Simmi shah dietician, Jupiter Hospital Thane से समझते हैं कि लो ग्लाइसेमिक लोड क्या है।
लो ग्लाइसेमिक लोड क्या है-What is Low Glycemic Load?
ग्लाइसेमिक लोड (Glycemic Load) एक ऐसा माप है जो भोजन में कार्बोहाइड्रेट की गुणवत्ता यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा दोनों को ध्यान में रखता है। जबकि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) खाद्य पदार्थों को इस आधार पर रैंक करता है कि वे कितनी जल्दी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं, ग्लाइसेमिक लोड भाग के आकार को ध्यान में रखते हुए अधिक संपूर्ण तस्वीर देता है। यह ग्लाइसेमिक लोड को ब्लड शुगर के प्रबंधन के लिए एक अधिक व्यावहारिक उपकरण बनाता है, खासकर डायबिटीज वाले लोगों के लिए।
कम ग्लाइसेमिक लोड को आम तौर पर प्रति सर्विंग 10 या उससे कम माना जाता है। इस श्रेणी के खाद्य पदार्थों का ब्लड शुगर के स्तर पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है, जो उन्हें डायबिटीज के रोगियों के लिए आदर्श विकल्प बनाता है। इसके विपरीत, हाई ग्लाइसेमिक लोड वाले फूड्स यानी 20 या अधिक तेज ब्लड स्पाइक्स का कारण बन सकते हैं।

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डायबिटीज के मरीजों के लिए लो ग्लाइसेमिक लोड फूड्स-Low Glycemic Load Foods for Diabetics in Hindi
-बिना स्टार्च वाली सब्जियां (Non-starchy vegetables): पत्तागोभी, भिंडी, पालक, ब्रोकली, शिमला मिर्च, फूलगोभी, तोरी, खीरा, बैंगन, सलाद पत्ता, टमाटर आदि बिना स्टार्च वाली सब्जियों का सेवन करें जिससे शुगर स्पाइक न बढ़े और डायबिटीज कंट्रोल में रहें।
-साबुत फल (Whole fruits): सेब, नाशपाती, जामुन, चेरी, ताज़ी खुबानी, अमरूद, आंवला, नींबू, अंगूर, जामुन आदि फलों का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे शुगर स्पाइक नहीं होता और फिर शुगर मैनेज करने में मदद मिलती है।
-साबुत अनाज (Whole grains): क्विनोआ, बुलगुर (bulgur), जौ और ओट्स आदि का सेवन शुगर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। आप इन्हें अपने डाइट में अलग-अलग तरीके से शामिल कर सकते हैं।
-फलियां (Legumes): दाल, छोले, राजमा, काली बीन्स आदि का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। इनके सेवन से पेट भी भरा रहता, शरीर को प्रोटीन के साथ एनर्जी भी मिलती है और आप हेल्दी भी रहते हैं।
-नट्स और बीज (Nuts and seeds): बादाम, अखरोट, चिया बीज, अलसी आदि का सेवन डायबिटीज के मरीजों को शुगर कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इन्हें आप हेल्दी स्नैक्स की तरह अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
-कम फैट वाले डेयरी (Low-fat Dairy) उत्पाद जैसे कि ग्रीक दही, दूध और पनीर का सेवन डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ आपको कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है।
-हेल्दी फैट से भरपूर फूड्स लें (Healthy fats): एवोकाडो और जैतून का सेवन शुगर मैनेज करने में मदद कर सकता है।
लो ग्लाइसेमिक लोड वाले खाद्य पदार्थों का चयन करने से ब्लज शुगर के स्तर को स्थिर रखने में मदद मिलती है, तृप्ति में सुधार होता है, वजन प्रबंधन में मदद मिलती है और मधुमेह से संबंधित जटिलताओं का जोखिम कम होता है। लेकिन निम्नलिखित कारकों पर विचार किया जाना चाहिए।
- -जब आप किसी खाद्य पदार्थ के ग्लाइसेमिक लोड को जानते हैं, तब भी यह अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण होता है कि वह खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के स्तर को कैसे प्रभावित करेगा।
- -सर्विंग साइज और कार्बोहाइड्रेट सामग्री दोनों पर विचार करना होगा।
- - ग्लाइसेमिक लोड आपके भोजन को कैसे तैयार किया जाता है, इसके आधार पर भिन्न हो सकते हैं या शारीरिक गतिविधि, इंसुलिन संवेदनशीलता, एक ही समय में खाए जाने वाले अन्य खाद्य पदार्थों आदि के अनुसार भी भिन्न हो सकते हैं।
- -ग्लाइसेमिक लोड कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान केंद्रित करता है, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों पर विचार करना महत्वपूर्ण है जिनमें एक ही भोजन में कम या कोई कार्बोहाइड्रेट न हो जैसे मांस और तेल आदि।
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यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्वस्थ खाद्य पदार्थ भी अधिक मात्रा में खाने पर ब्लड बढ़ा सकते हैं। इसलिए, भाग नियंत्रण, भोजन का समय और संतुलन महत्वपूर्ण हैं। डायबिटीज रोगियों को रक्त शर्करा के स्पाइक्स को और कम करने के लिए प्रोटीन, फाइबर, स्वस्थ वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट को मिलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही मधुमेह रोगियों को एक योग्य आहार विशेषज्ञ के साथ मिलकर एक व्यक्तिगत भोजन योजना बनानी चाहिए, जिसमें उनकी जीवनशैली और दवा के अनुरूप कम ग्लाइसेमिक लोड वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों।
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Sep 16, 2025 17:07 IST
Published By : पल्लवी कुमारी