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मां बनने की तैयारी कर रही हैं? अपनाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स, फर्टिलिटी बढ़ेगी नेचुरली

मॉडर्न लाइफस्टाइल, तनाव, गलत खान-पान और हार्मोनल असंतुलन के कारण आजकल कई महिलाएं और पुरुष फर्टिलिटी से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यहां जानिए, फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स क्या हैं?
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मां बनने की तैयारी कर रही हैं? अपनाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स, फर्टिलिटी बढ़ेगी नेचुरली

आज के समय में फर्टिलिटी प्रॉब्लम्स यानी संतान प्राप्ति में कठिनाई एक आम समस्या बन गई है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल, तनाव और बढ़ते प्रदूषण के कारण पुरुषों और महिलाओं दोनों में इंफर्टिलिटी (Infertility) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार महिलाएं नियमित पीरियड्स या ओवुलेशन की समस्या से जूझती हैं, जबकि पुरुषों में स्पर्म काउंट या स्पर्म क्वालिटी कमजोर होती है। ऐसे में बहुत से कपल प्रेग्नेंसी प्लानिंग के लिए आयुर्वेद का सहारा लेते हैं, जो शरीर को अंदर से संतुलित करके प्राकृतिक रूप से गर्भधारण के लिए तैयार करता है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्भधारण तभी संभव होता है जब महिला और पुरुष दोनों का शरीर, मन और आहार संतुलित हो। इसलिए आयुर्वेद गर्भधारण से पहले शरीर को पंचकर्म चिकित्सा जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से शुद्ध करने की सलाह देता है। इससे शरीर से विषैले तत्व (टॉक्सिन्स) बाहर निकल जाते हैं और प्रजनन तंत्र (Reproductive System) मजबूत होता है। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स क्या हैं?

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स क्या हैं? - Ayurvedic Fertility Tips

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि फर्टिलिटी बढ़ाने में कुछ खास जड़ी-बूटियां बेहद असरदार होती हैं, जैसे पुत्रजीवक, सफेद मूसली, अश्वगंधा, कौंच और शतावरी। ये जड़ी-बूटियां न केवल हार्मोनल संतुलन बनाती हैं, बल्कि महिलाओं में यूट्राइन हेल्थ को भी बेहतर करती हैं और पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी को सुधारती हैं। शतावरी महिलाओं के गर्भाशय को पोषण देती है, जबकि कौंच पुरुषों की वीर्य क्वालिटी को बढ़ाती है।

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1- पुत्रजीवक - Putrajeevak

पुत्रजीवक को आयुर्वेद में संतानोत्पत्ति बढ़ाने वाली सबसे प्रभावी औषधि माना गया है। इसका नाम पुत्रजीवक इसलिए रखा गया क्योंकि यह संतान की प्राप्ति में मददगार मानी जाती है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, पुत्रजीवक का उपयोग खासतौर पर उन दंपतियों में किया जाता है जिन्हें लंबे समय से गर्भधारण में कठिनाई हो रही हो। यह जड़ी-बूटी ओवुलेशन को रेगुलेट करने और गर्भाशय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है। साथ ही, यह महिलाओं के हार्मोनल असंतुलन को भी कंट्रोल करने में मदद करती है, जिससे प्रजनन क्षमता स्वाभाविक रूप से बढ़ती है।

2. सफेद मूसली - White Muesli

सफेद मूसली एक शक्तिवर्धक और पुनर्योजक (Rejuvenating) औषधि है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह शरीर में ओजस यानी वाइटैलिटी बढ़ाती है, जिससे शारीरिक और मानसिक थकान दूर होती है। महिलाओं में यह ओवेरियन फंक्शन को सपोर्ट करती है, वहीं पुरुषों में यह स्पर्म काउंट और क्वालिटी को बढ़ाने में मदद करती है। नियमित सेवन से शरीर में प्राकृतिक रूप से फर्टिलिटी हार्मोन्स का संतुलन बेहतर होता है।

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3. अश्वगंधा - Ashwagandha

अश्वगंधा को 'इंडियन जिनसेंग' कहा जाता है, यह न केवल शरीर को स्ट्रेंथ देती है बल्कि हार्मोनल हेल्थ को भी स्थिर करती है। डॉ. शर्मा बताते हैं कि तनाव और अनिद्रा भी गर्भधारण में बाधा बनते हैं। अश्वगंधा कोर्टिसोल के स्तर को कंट्रोल करके मानसिक शांति देती है और यौन स्वास्थ्य को सुधारती है। इसके अलावा, यह पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है।

4. कौंच बीज - Kaunch seeds

कौंच बीज, जिसे म्यूकुना प्रुरियन्स भी कहा जाता है, महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत प्रभावी माना गया है। आयुर्वेदिक दृष्टि से यह वीर्यवर्धक और बलवर्धक औषधि है।

5. शतावरी - Shatavari

शतावरी को महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वरदान कहा जाता है। यह गर्भाशय (uterus) को पोषण देती है और उसकी कार्यक्षमता को मजबूत बनाती है। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि शतावरी 'शीत वीर्य' होती है, यानी यह शरीर में ठंडक लाती है और पीएच बैलेंस बनाए रखती है। इससे गर्भाशय में सूजन कम होती है और गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ती है। यह मासिक चक्र को भी नियमित करती है और गर्भधारण के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है।

Ayurvedic tips for pre pregnancy

आयुर्वेदिक तेलों और उपचारों का महत्व

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में सिर्फ जड़ी-बूटियों का ही नहीं, बल्कि विभिन्न औषधीय तेलों और पंचकर्म थेरेपी का भी प्रयोग किया जाता है। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि ऐसे तेल महिलाओं की शारीरिक प्रकृति और स्वास्थ्य की जांच करने के बाद ही दिए जाते हैं। इनका उद्देश्य शरीर को भीतर से संतुलित करना, यूट्रस की सूक्ष्म नाड़ियों को पोषण देना और गर्भधारण के लिए अनुकूल स्थिति तैयार करना होता है।

निष्कर्ष

गर्भधारण की तैयारी केवल फिजिकल नहीं बल्कि मानसिक और हार्मोनल संतुलन से जुड़ा विषय है। पुत्रजीवक, शतावरी, कौंच, अश्वगंधा और सफेद मूसली जैसी जड़ी-बूटियां इस दिशा में बेहद असरदार हैं। हालांकि, इन औषधियों का सेवन हमेशा किसी प्रमाणित आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए ताकि शरीर की प्रकृति और जरूरत के अनुसार सही रिजल्ट मिल सकें।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • फर्टिलिटी कम होने के मुख्य कारण क्या हैं?

    तनाव, गलत खान-पान, नींद की कमी, हार्मोनल असंतुलन, थायराइड, पीसीओडी, मोटापा, धूम्रपान और उम्र बढ़ना फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं।
  • क्या आयुर्वेदिक दवाओं से फर्टिलिटी बढ़ाई जा सकती है?

    आयुर्वेद में पुत्रजीवक, अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज और सफेद मूसली जैसी औषधियां बताई गई हैं जो प्राकृतिक रूप से हार्मोनल संतुलन बनाकर फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करती हैं।
  • प्रेग्नेंसी के लिए डाइट में क्या शामिल करना चाहिए?

    ताजा भोजन, दूध, घी, बादाम, शतावरी और मौसमी फल फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक हैं। प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और अत्यधिक कैफीन से बचना चाहिए।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 07, 2025 15:29 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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