
गर्भावस्था एक महिला के जीवन का अहम समय होता है और इस दौरान महिला को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। एक हेल्दी प्रेग्नेंसी और नॉर्मल डिलीवरी के लिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी दिनचर्या और खानपान में खास बदलाव करें। आयुर्वेद में गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहने और नॉर्मल डिलीवरी को सुनिश्चित करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं। इस लेख में लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल से जानिए, आयुर्वेदिक टिप्स जिनसे आप गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रह सकती हैं और एक सुरक्षित और आसान डिलीवरी में मदद मिल सकती है।
हेल्दी प्रेग्नेंसी और नॉर्मल डिलीवरी के लिए आयुर्वेदिक टिप्स
1. गर्भावस्था के दौरान संतुलित आयुर्वेदिक आहार (डाइट) (Balanced Ayurvedic Diet)
आयुर्वेद के अनुसार, गर्भवती महिला का आहार उसकी सेहत और गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। संतुलित आहार से शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जो गर्भवती महिला के स्वास्थ्य और शिशु के अच्छे विकास के लिए आवश्यक होते हैं। आयुर्वेद में खाने-पीने की ऐसी चीजें शामिल हैं, जो शरीर को ताकत देती हैं और गर्भस्थ शिशु को पोषण पहुंचाती हैं।
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आयुर्वेदिक आहार में इन चीजों को करें शामिल
दूध और घी: आयुर्वेद में दूध और घी को ताकत बढ़ाने और शरीर को पोषण देने के रूप में माना जाता है। दूध और घी गर्भवती महिलाओं के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।
ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां: ये शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
2. बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग
आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां हैं, जो गर्भवती महिला के शरीर को पोषण और ताकत देती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख जड़ी-बूटियां जैसे शतावरी, अश्वगंधा गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। शतावरी, विशेष रूप से, महिला स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर को ताकत और ऊर्जा देती है और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
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3. अभ्यंग (तेल मालिश) से आराम
आयुर्वेद के अनुसार, अभ्यंग (तेल मालिश) शरीर के लिए एक बेहतरीन तरीका है, जिससे न केवल शारीरिक आराम मिलता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष तेल जैसे तिल का तेल, नारियल तेल या बादाम तेल का उपयोग किया जा सकता है। यह मांसपेशियों को आराम देता है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
4. हर्बल चाय और काढ़े से हाइड्रेटेड रहें
गर्भावस्था के दौरान हाइड्रेशन बहुत जरूरी है। हर्बल चाय जैसे अदरक-नींबू चाय, तुलसी चाय और जीरा काढ़ा शरीर को हाइड्रेटेड रखतं हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। साथ ही यह शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करता है।
5. पॉजिटिव एनर्जी के लिए मंत्र का जाप करें
आयुर्वेद में मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी बहुत महत्व दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए, मंत्र जाप मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए लाभकारी माना जाता है। विशेष रूप से, ॐ या गायत्री मंत्र का जाप गर्भवती महिला की मानसिक स्थिति को स्थिर करता है, जिससे शांति और धैर्य मिलती है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद के इन टिप्स को अपनाकर गर्भावस्था के दौरान न केवल स्वास्थ्य बनाए रखा जा सकता है, बल्कि नॉर्मल डिलीवरी के लिए भी खुद को तैयार किया जा सकता है। इन उपायों को एक्सपर्ट की सलाह से अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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