योग न केवल शरीर को तरोताजा रखता है बल्कि मजबूती भी प्रदान करता है। लेकिन हमें पता होना चाहिए कि हमारे शरीर के लिए कौन सा योग उपयोगी है। आज हम बात करेंगे उत्थित पार्श्वकोणासन की। यह योग 3 शब्दों से मिलकर बना है। उत्थित पार्श्व और कोण। अगर इसके अर्थ की बात की जाए तो उसका मतलब होता है उठा हुआ। जबकि पार्श्व का मतलब छाती के सीधी तरफ या उल्टी तरफ का हिस्सा और कोण का मतलब होता है कोना। सवाल यह है कि इस आसन को करने से क्या-क्या फायदे होते हैं? साथ ही उत्थित पार्श्वकोणासन को करने का तरीका क्या है? आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि उत्थित पार्श्वकोणासन को करने का तरीका क्या है साथी ही इसके फायदों के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
उत्थित पार्श्वकोणासन करने की विधि
सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाएं। अब ताड़ासन की स्थिति में खड़े होने के बाद गहरी लंबी सांस लें और अपने पैरों को खोल लें। बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ कर दाहिने पैर को बाहर की तरफ मोड़ने की कोशिश करें। अब ध्यान रखें कि आपकी दाहिनी एडी बाई एडी के साथ संरक्षित होनी चाहिए अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और कंधों की सीध में लाएं। अब अपने दाहिने हाथ की हथेली को नीचे जमीन की तरफ लेकर जाएं और गहरी लंबी सांस लेते हुए घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़ें और अपने सिर को जांघ तक ले जाने की कोशिश करें। अपने दाहिने हाथ को दाहिने पैर के बगल में रख रखें और अपनी बाएं बाहों को सिर के ऊपर लेकर जाएं। आपकी बाहें कानों को छूनी चाहिए। छाती सामने की तरफ होनी चाहिए। अब इस स्थिति में बाएं हाथ की उंगलियों को देखें। इस स्थिति में तब तक बने रहें जब तक आप संतुलन बनाए रख सकते हैं। अब पहले जैसी अवस्था में आने के लिए सांस लेते हुए ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं। थोड़ा समय रुक कर इस प्रक्रिया को बाएं तरफ से दौहराएं।
इसे भी पढ़ें- Hand To Foot Pose: 'पादहस्तासन' करने से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने की विधि
ध्यान दें कि आपके जांघ और पेट के बीच में समकोण बना होना चाहिए। आपके घुटने मुड़े नहीं होने चाहिए और छाती सामने की तरफ होनी चाहिए।
टॉप स्टोरीज़
उत्थित पार्श्वकोणासन के फायदे
1 - ऐसा करने से न केवल जांघों में मजबूती आती है बल्कि छाती भी चौड़ी होती है।
2 - कमर दर्द से परेशान लोग आसन को करने से अपनी कमर की समस्या को दूर कर सकते हैं।
3 - यह कमर की चर्बी को घटाती है और मादा में प्रजनन अंग मजबूत करती है।
4 - आपको गर्दन संबंधित परेशानी है तो इस आसन से यह समस्या दूर हो सकती है।
5 - इस आसन को करने से ना केवल स्टैमिना बढ़ता है बल्कि कूल्हे, पिंडलियों, कंधों, छाती, रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है।
6 - यह आसन पैरों, घुटनों को मजबूती देता है।
इसे भी पढ़ें- Utkatasana (Chair Pose): उत्कटासन को करने से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने की विधि
बरतने वाली जरूरी सावधानी
1 - जिन लोगों को नींद की समस्या है या सिर दर्द रहता है वे इस आसन को ना करें।
2 - अगर कोई व्यक्ति हाई बीपी से परेशान है तो वे भी इस आसन को करने से बचे।
3 - शारीरिक क्षमता पर ज्यादा जोर ना दें।
नोट - ऊपर बताएं गए बिंदु से पता चलता है कि उत्थित पार्श्वकोणासन न केवल सेहत क तंदुरुस्त बनाता है बल्कि कई समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है लेकिन इसे करते समय ध्यान रखना जरूरी है कि क्या आप ये आसन कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप इस आसन को एक्सपर्ट की देखरेख में करेंगे तो ज्यादा फायदा होगा।
Read More Articles on yoga in hindi