Yoga Mat: योग के लिए रबड़ या सूती, कौन सा मैट है जरूरी? जानें योग मैट से मिलने वाले फायदे

योग के लिए मैट क्यों जरूरी है? कौन सा मैट योग को और प्रभावशाली बना सकता है? यह किस प्रकार फायदेमंद हैं? जानते हैं इसके बारे में...
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Yoga Mat: योग के लिए रबड़ या सूती, कौन सा मैट है जरूरी? जानें योग मैट से मिलने वाले फायदे


जब हम योग करने के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले ख्याल मैट का आता है। मैट योग (Yoga Mat) के लिए बेहद जरूरी है। योग मैट के बिना करना थोड़ा मुश्किल तो होता ही है साथ ही असुविधाजनक भी होता है, जिसके कारण बार-बार लोगों का ध्यान भटकता रहता है। मैट न केवल लोगों को गिरने से बचाता है बल्कि योग के दौरान इसके इस्तेमाल से चोट की संभावना भी कम हो जाती है‌। ऐसे में सबसे पहला ख्याल लोगों के मन में मैट को खरीदते वक्त यही आता है कि कौन सा मैट सेहत के लिए अच्छा है? बाजार में सूती मैट, रबड़ मैट, सिंथेटिक मैट, हाथ से बुना मैट आदि मिलते हैं। 

 

ऐसे में लोग अक्सर इस बात से उलझ जाते हैं कि कौन सा मैट योग के लिए बेहतर होगा? क्या मैट सच में योग के लिए जरूरी है? क्या मैट सच में सेहत को फायदा पहुंचा सकता है? हमें मैट का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए? आज का हमारा लेख इन्हीं सवालों के जबाव पर हैं। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि मैट किस प्रकार योग को सुरक्षित और सेहत के लिए फायदेमंद (Yoga Mat Benefits) होता है। पढ़ते हैं आगे...

कौन सा मैट है बेहतर?

बाजार में सूती मैट, रबड़ मैट, सिंथेटिक मैट, हाथ से बुना मैट आदि मौजूह होते हैं। ऐसे में अगर आप योग घर पर कर रहे हैं तो आप रबड़ से बने मैट की जगह पर कच्चे सिल्क का मैट या सूती मैट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी हमारे शरीर के पांच तत्वों में से एक है। अगर आप सूती मैट का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको पृथ्वी से जोड़कर रखेगा। बता दें कि कुछ लोग कि मन में यह भी सवाल उठता है कि क्या बिस्तर पर योग करना सही है? तो बता दें कि हां, बिस्तर पर आप योग कर सकते हैं। लेकिन यह आपको सुनिश्चित करना है कि क्या आप बैलेंस बना पा रहे हैं। ऐसे में गद्दा एकदम समतल होना चाहिए।

 

मैट से मिलने वाले फायदे

1 - मैट एक गद्दे के रूप में कार्य करता है, जिसके कारण गिरने पर चोट लगने की संभावना कम हो जाती है। 

2 - हथेली, घुटने, कोहनी पर दबाव बढ़ने से मैट रोकता है।

3 - मैप व्यक्ति के पैरों को सपोर्ट देता है, जिससे पैर फिसलते नहीं हैं और व्यक्ति अपना बैलेंस आसानी से बना लेते है।

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मैट का इस्तेमाल

बता दें कि पुराने समय में योगी पत्थर, चट्टान, पानी आदि पर योग करते थे। वही कुछ समय बाद लोगों ने जानवरों की खाल से या घास से मैट बनाने शुरू कर दिए। ऐसे में आज के समय में आप लोग भी सिंथेटिक मैट या हाथ से बुने मैट की मदद से खुद को सपोर्ट दे सकते हैं। कुछ योग ऐसे होते हैं, जिनके लिए ताड़ासन, उत्कटासन, कुंभकासन, वृक्षासन आदि के लिए मैट की जरूरत पड़ती है।

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नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि मैट योग के लिए कितना जरूरी है और यह किस प्रकार ये आपको सपोर्ट देता है। ऐसे में आप सही मैट का चुनाव करके अपने योग को और प्रभावशाली बना सकते हैं।

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